"प्रवीर घोष": अवतरणों में अंतर
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*राग रागेश्वरी की रचना उन्होंने की थी, जिसकी रिकार्डिंग पंडित [[रविशंकर]] ने [[1969]] में की थी। | *राग रागेश्वरी की रचना उन्होंने की थी, जिसकी रिकार्डिंग पंडित [[रविशंकर]] ने [[1969]] में की थी। | ||
*पन्नालाल घोष की मृत्यु के कारण उनके प्रशिक्षण में बाधा पड़ी, परन्तु सौभाग्यवश शास्त्रीय [[संगीत]] के उस्ताद [[अली अकबर ख़ाँ]] से उन्होंने शास्त्रीय संगीत में प्रशिक्षण पाने का भी सौभाग्य प्राप्त किया। | *पन्नालाल घोष की मृत्यु के कारण उनके प्रशिक्षण में बाधा पड़ी, परन्तु सौभाग्यवश शास्त्रीय [[संगीत]] के उस्ताद [[अली अकबर ख़ाँ]] से उन्होंने शास्त्रीय संगीत में प्रशिक्षण पाने का भी सौभाग्य प्राप्त किया। |
15:26, 11 जुलाई 2011 का अवतरण
- पन्नालाल घोष के शिष्य प्रसिद्ध बाँसुरी वादक पटना के पंडित प्रवीर घोष दस्तीकार एक ऐसे संगीतकार हैं, जिन्होंने 5000 से ज़्यादा गीतों की धुन तैयार की हैं।
- राग रागेश्वरी की रचना उन्होंने की थी, जिसकी रिकार्डिंग पंडित रविशंकर ने 1969 में की थी।
- पन्नालाल घोष की मृत्यु के कारण उनके प्रशिक्षण में बाधा पड़ी, परन्तु सौभाग्यवश शास्त्रीय संगीत के उस्ताद अली अकबर ख़ाँ से उन्होंने शास्त्रीय संगीत में प्रशिक्षण पाने का भी सौभाग्य प्राप्त किया।
- 1971 में पोलीडोर कम्पनी के लिए एक अलबम 'फ्लूट फैसीनेशन' तैयार किया। उन्होंने यूरोपीय देशों में भी प्रसिद्ध कलाकारों के साथ अपना प्रोग्राम दिया और 1977 में पंडित रविशंकर और पंडित दस्तीदर सिर्फ दो एशियाई कलाकार थे, जिन्होंने फ्रीट्रेड हाल मैनचेस्टर में अपना बाँसुरी वादन का कार्यक्रम 4 घंटे तक लगातार किया था।
- उल्लेखनीय है कि फ्रीट्रेड हाल, मैनचेस्टर का स्थान रायल अल्बर्ट हाल, लंदन के बाद दूसरा है।
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