"आज नयन के बँगले में -माखन लाल चतुर्वेदी": अवतरणों में अंतर
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|मृत्यु=[[30 जनवरी]], 1968 ई. | |मृत्यु=[[30 जनवरी]], 1968 ई. | ||
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|मुख्य रचनाएँ=कृष्णार्जुन युद्ध, हिमकिरीटिनी, साहित्य देवता, हिमतरंगिनी, माता, युगचरण, समर्पण, वेणु लो गूँजे धरा, अमीर इरादे, | |मुख्य रचनाएँ=कृष्णार्जुन युद्ध, हिमकिरीटिनी, साहित्य देवता, हिमतरंगिनी, माता, युगचरण, समर्पण, वेणु लो गूँजे धरा, अमीर इरादे, ग़रीब इरादे | ||
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आज नयन के बँगले में | आज नयन के बँगले में, | ||
संकेत पाहुने आये री सखि! | संकेत पाहुने आये री सखि! | ||
जी से उठे | जी से उठे, कसक पर बैठे, | ||
कसक पर बैठे | और बेसुधी- के बन घूमें, | ||
और बेसुधी- | युगल-पलक ले चितवन मीठी, | ||
के बन घूमें | पथ-पद-चिह्न चूम, पथ भूले, | ||
युगल-पलक | दीठ डोरियों पर माधव को। | ||
ले चितवन मीठी, | |||
पथ-पद-चिह्न | |||
चूम, पथ भूले | |||
दीठ डोरियों पर | |||
माधव | |||
बार-बार मनुहार थकी मैं | बार-बार मनुहार थकी मैं, | ||
पुतली पर बढ़ता-सा यौवन | पुतली पर बढ़ता-सा यौवन, | ||
ज्वार लुटा न निहार सकी मैं ! | ज्वार लुटा न निहार सकी मैं ! | ||
दोनों कारागृह पुतली के | दोनों कारागृह पुतली के, | ||
सावन की झर लाये री सखि! | सावन की झर लाये री सखि! | ||
आज नयन के बँगले में | आज नयन के बँगले में, | ||
संकेत पाहुने आये री सखि ! | संकेत पाहुने आये री सखि ! | ||
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12:28, 15 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण
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आज नयन के बँगले में, |
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