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'''उगमहल''' [[बिहार]] प्रांत के [[राजमहल]] का मध्ययुगीन नाम है। [[अकबर]] के मुख्य सेनापति [[राजा मानसिंह]] ने 1592 ई. में उगमहल के स्थान पर राजमहल को बसा कर उसे [[अखण्डित बंगाल|बंगाल]] प्रांत की राजधानी बनाया था। इसका प्राचीन नाम कजंगल था। उगमहल का नाम अकबर के वित्त मंत्री [[टोडरमल]] के [[अभिलेख|अभिलेखो]] में भी मिलता है। 1639 से 1600 ई. तक राजमहल में बंगाल के शासन की राजधानी रही थी। प्राचीन नगर के खंडहर चार मिल पश्चिम की ओर हैं जिनमें कई [[मुग़ल|मुग़लकालीन]] प्रासाद और मस्जिदें हैं।  
उगमहल [[राजमहल]] का मध्ययुगीन नाम है। [[अकबर]] के मुख्य सेनापति [[राजा मानसिंह]] ने 1592 ई. में उगमहल के स्थान पर राजमहल को बसा कर उसे [[अखण्डित बंगाल|बंगाल]] प्रांत की राजधानी बनाया था। इसका प्राचीन नाम कजंगल था। उगमहल का नाम अकबर के वित्त मंत्री [[टोडरमल]] के अभिलेखो में भी मिलता है। 1639 से 1600 ई. तक राजमहल में बंगाल के शासन की राजधानी रही थी। प्राचीन नगर के खंडहर चार मिल पश्चिम की ओर हैं जिनमें कई [[मुग़ल|मुग़लकालीन]] प्रासाद और मस्जिदें हैं।  
 
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09:42, 19 दिसम्बर 2011 का अवतरण

उगमहल बिहार प्रांत के राजमहल का मध्ययुगीन नाम है। अकबर के मुख्य सेनापति राजा मानसिंह ने 1592 ई. में उगमहल के स्थान पर राजमहल को बसा कर उसे बंगाल प्रांत की राजधानी बनाया था। इसका प्राचीन नाम कजंगल था। उगमहल का नाम अकबर के वित्त मंत्री टोडरमल के अभिलेखो में भी मिलता है। 1639 से 1600 ई. तक राजमहल में बंगाल के शासन की राजधानी रही थी। प्राचीन नगर के खंडहर चार मिल पश्चिम की ओर हैं जिनमें कई मुग़लकालीन प्रासाद और मस्जिदें हैं।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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