"लेकिन मन आज़ाद नहीं है -गोपालदास नीरज": अवतरणों में अंतर
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एक नयी नगरी तारों में | एक नयी नगरी तारों में | ||
सीमित किन्तु हमारी पूजा | सीमित किन्तु हमारी पूजा | ||
मन्दिर मस्जिद | मन्दिर मस्जिद गुरुद्वारों में | ||
यद्यपि कहते आज कि हम सब | यद्यपि कहते आज कि हम सब |
13:38, 21 जनवरी 2012 का अवतरण
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तन तो आज स्वतंत्र हमारा, लेकिन मन आज़ाद नहीं है। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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