"मंथरा": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
छो (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति")
No edit summary
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
*यह [[दशरथ]] की रानी [[कैकेयी]] की प्रिय दासी थी।  
'''मंथरा''' [[दशरथ]] की रानी [[कैकेयी]] की प्रिय दासी थी। अनुश्रुति है कि पूर्वजन्म में मन्थरा, दुन्दुभि नाम की एक गन्धर्वी थी।  
*'[[रामचरितमानस]]' के अनुसार इसी के कहने पर [[राम]] के राज्यभिषेक होने के अवसर पर कैकयी की मति फिर गयी थी और उसने राजा दशरथ से दो वरदान माँगे थे-
#[[भरत (दशरथ पुत्र)|भरत]] को राज्यपद और
#राम को 14 वर्ष का वनवास।
*अनुश्रुति है कि पूर्वजन्म में मन्थरा, दुन्दुभि नाम की एक गन्धर्वी थी।  
{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति
|आधार=आधार1
|प्रारम्भिक=
|माध्यमिक=
|पूर्णता=
|शोध=
}}


'[[रामचरितमानस]]' के अनुसार इसी के कहने पर [[राम]] के राज्यभिषेक होने के अवसर पर कैकयी की मति फिर गयी थी और उसने राजा दशरथ से दो वरदान माँगे थे-
#[[भरत (दशरथ पुत्र)|भरत]] को राज्यपद 
#राम को 14 [[वर्ष]] का वनवास।
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{रामायण}}{{पौराणिक चरित्र}}  
{{रामायण}}{{पौराणिक चरित्र}}  
[[Category:पौराणिक चरित्र]]
[[Category:पौराणिक चरित्र]]
[[Category:पौराणिक कोश]]
[[Category:पौराणिक कोश]]
[[Category:रामायण]][[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]]
[[Category:रामायण]][[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

10:40, 26 जनवरी 2012 का अवतरण

मंथरा दशरथ की रानी कैकेयी की प्रिय दासी थी। अनुश्रुति है कि पूर्वजन्म में मन्थरा, दुन्दुभि नाम की एक गन्धर्वी थी।

'रामचरितमानस' के अनुसार इसी के कहने पर राम के राज्यभिषेक होने के अवसर पर कैकयी की मति फिर गयी थी और उसने राजा दशरथ से दो वरदान माँगे थे-

  1. भरत को राज्यपद
  2. राम को 14 वर्ष का वनवास।

संबंधित लेख