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'''कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन''' अथवा '''के. कस्तूरी रंगन''' (जन्म-[[24 अक्टूबर]] 1940) [[भारत]] के प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक है। कस्तूरी रंगन भौतिकविद के रूप में 'इसरो' के अध्यक्ष, अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष और भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग के सचिव रह चुके हैं।   
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==परिचय==
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भारत के प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉ. के. कस्तूरी रंगन का जन्म 24 अक्तूबर, 1940 ई. को [[केरल]] के एर्नाकुलम नगर में हुआ था।  
भारत के प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉ. के. कस्तूरी रंगन का जन्म 24 अक्तूबर, 1940 ई. को [[केरल]] के एर्नाकुलम नगर में हुआ था।  
;शिक्षा
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कस्तूरी रंगन की उच्च शिक्षा मुंबई विश्वविद्यालय में हुई। वहाँ से उन्होंने भौतिकी में स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्रियाँ लीं। फिर [[अहमदाबाद]] की फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी से भौतिकी में ही डॉक्टरेट किया। एस्ट्रोलॉजी और एस्ट्रोफिजिक्स उनके अध्ययन के प्रमुख विषय थे।  
कस्तूरी रंगन की उच्च शिक्षा [[मुंबई विश्वविद्यालय]] में हुई। वहाँ से उन्होंने भौतिकी में स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्रियाँ लीं। फिर [[अहमदाबाद]] की फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी से भौतिकी में ही डॉक्टरेट किया। एस्ट्रोलॉजी और एस्ट्रोफिज़िक्स उनके अध्ययन के प्रमुख विषय थे।  


भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान के जनक डॉ. विक्रम साराभाई की प्रेरणा से कस्तूरी रंगन अंतरिक्ष विज्ञान की ओर आकृष्ट हुए। उन्होंने [[बंगलूर]] में डॉ. यू. आर. राव के साथ भारत के प्रथम उपग्रह 'आर्य भट्ट' के निर्माण में सहयोग दिया। कस्तूरी रंगन भौतिकविद के रूप में 'इसरो' के अध्यक्ष, अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष और भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग के सचिव रह चुके हैं।   
भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान के जनक डॉ. विक्रम साराभाई की प्रेरणा से कस्तूरी रंगन अंतरिक्ष विज्ञान की ओर आकृष्ट हुए। उन्होंने [[बंगलूर]] में डॉ. यू. आर. राव के साथ भारत के प्रथम उपग्रह '[[आर्यभट्ट उपग्रह|आर्य भट्ट]]' के निर्माण में सहयोग दिया। कस्तूरी रंगन भौतिकविद के रूप में 'इसरो' के अध्यक्ष, अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष और भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग के सचिव रह चुके हैं।   
==पुरस्कार==
==पुरस्कार==
डॉ. कस्तुरी रंगन को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए [[पद्मश्री]], [[पद्मभूषण]] और [[पद्मविभूषण]] से सम्मानित किया गया। [[राष्ट्रपति]] उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि दे चुके हैं। कस्तुरी रंगन ने अनेक पुरस्कार प्राप्त किए हैं। भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान की क्षमता प्राप्त करने में डॉ. के. कस्तूरी रंगन का महत्वपूर्ण योगदान है। अध्ययनशील कस्तूरी रंगन वर्तमान को साधने में विश्वास करते हैं उन्हें भविष्य की चिंता नहीं रहती।
डॉ. कस्तूरी रंगन को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए [[पद्मश्री]], [[पद्मभूषण]] और [[पद्मविभूषण]] से सम्मानित किया गया। [[राष्ट्रपति]] उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि दे चुके हैं। कस्तूरी रंगन ने अनेक पुरस्कार प्राप्त किए हैं। भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान की क्षमता प्राप्त करने में डॉ. के. कस्तूरी रंगन का महत्वपूर्ण योगदान है। अध्ययनशील कस्तूरी रंगन वर्तमान को साधने में विश्वास करते हैं उन्हें भविष्य की चिंता नहीं रहती।


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11:43, 15 मार्च 2012 का अवतरण

कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन अथवा के. कस्तूरी रंगन (जन्म-24 अक्टूबर 1940) भारत के प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक है। कस्तूरी रंगन भौतिकविद के रूप में 'इसरो' के अध्यक्ष, अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष और भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग के सचिव रह चुके हैं।

परिचय

भारत के प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉ. के. कस्तूरी रंगन का जन्म 24 अक्तूबर, 1940 ई. को केरल के एर्नाकुलम नगर में हुआ था।

शिक्षा

कस्तूरी रंगन की उच्च शिक्षा मुंबई विश्वविद्यालय में हुई। वहाँ से उन्होंने भौतिकी में स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्रियाँ लीं। फिर अहमदाबाद की फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी से भौतिकी में ही डॉक्टरेट किया। एस्ट्रोलॉजी और एस्ट्रोफिज़िक्स उनके अध्ययन के प्रमुख विषय थे।

भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान के जनक डॉ. विक्रम साराभाई की प्रेरणा से कस्तूरी रंगन अंतरिक्ष विज्ञान की ओर आकृष्ट हुए। उन्होंने बंगलूर में डॉ. यू. आर. राव के साथ भारत के प्रथम उपग्रह 'आर्य भट्ट' के निर्माण में सहयोग दिया। कस्तूरी रंगन भौतिकविद के रूप में 'इसरो' के अध्यक्ष, अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष और भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग के सचिव रह चुके हैं।

पुरस्कार

डॉ. कस्तूरी रंगन को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए पद्मश्री, पद्मभूषण और पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि दे चुके हैं। कस्तूरी रंगन ने अनेक पुरस्कार प्राप्त किए हैं। भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान की क्षमता प्राप्त करने में डॉ. के. कस्तूरी रंगन का महत्वपूर्ण योगदान है। अध्ययनशील कस्तूरी रंगन वर्तमान को साधने में विश्वास करते हैं उन्हें भविष्य की चिंता नहीं रहती।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

शर्मा, लीलाधर भारतीय चरित कोश (हिन्दी)। भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: शिक्षा भारती, दिल्ली, पृष्ठ 197।


बाहरी कड़ियाँ

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