"बेशरम समय शरमा ही जाएगा -गोपालदास नीरज": अवतरणों में अंतर
प्रीति चौधरी (वार्ता | योगदान) ('{| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |चित्र=Gopaldas-Neeraj.jp...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "दरवाजे" to "दरवाज़े") |
||
पंक्ति 52: | पंक्ति 52: | ||
परवाह नहीं जो विश्व न अपना है | परवाह नहीं जो विश्व न अपना है | ||
तुम ज़रा बाँसुरी में स्वर फूँको तो | तुम ज़रा बाँसुरी में स्वर फूँको तो | ||
पपीहा | पपीहा दरवाज़े गा ही जाएगा। | ||
बूढ़े अंबर से... | बूढ़े अंबर से... | ||
05:26, 10 दिसम्बर 2012 के समय का अवतरण
| ||||||||||||||
|
बूढ़े अंबर से माँगो मत पानी |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख