"निर्मला देवी": अवतरणों में अंतर
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'''निर्मला देवी''' [[भारत]] की प्रमुख शास्त्रीय गायिकाओं में से एक हैं। 'पटियाला घराने' से सम्बन्ध रखने वाली गायिका निर्मला देवी उर्फ निर्मला अरुण प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता गोविंदा की माँ हैं। उन्होंने कई [[हिन्दी]] फ़िल्मों में भी गायन किया है, जिनमें 'बावर्ची' और 'राम तेरी गंगा मैली' आदि शामिल हैं। | '''निर्मला देवी''' [[भारत]] की प्रमुख शास्त्रीय गायिकाओं में से एक हैं। 'पटियाला घराने' से सम्बन्ध रखने वाली गायिका निर्मला देवी उर्फ निर्मला अरुण प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता गोविंदा की माँ हैं। उन्होंने कई [[हिन्दी]] फ़िल्मों में भी गायन किया है, जिनमें 'बावर्ची' और 'राम तेरी गंगा मैली' आदि शामिल हैं। | ||
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निर्मला देवा का [[विवाह]] उस समय ([[1940]]) के प्रसिद्ध फ़िल्म कलाकार अरुण आहूजा से हुआ था। मूलतः वे बंगाली महिला थीं। उन्होंने 'राम तेरी गंगा मैली', 'बावर्ची' और 'शमा परवाना' आदि सहित 25 फ़िल्मों के लिए गीत गाये। उन्होंने वर्ष [[1942]] में फ़िल्म 'सवेरा' में अभिनय भी किया। | |||
====गायन शैली==== | |||
निर्मला देवा [[शास्त्रीय संगीत]] की [[ख़्याल]] शैली के साथ-साथ [[ठुमरी]], चैती, दादरा, [[कजरी]], झूला और सावनी आदि उतनी ही खूबसूरती से गाती थीं। उनकी गाई ठुमरी "मैंने लाखों के बोल सहे" और "सावन बीता जाये" और चेती "ये ही ठियाँ मोतिया हेराई गली रामा" बहुत प्रसिद्ध हुए थे। "ना मारो पिचकारी" राग में गाई होली भी उनकी पसंद थी, जो अक्सर वह कार्यक्रम के अंत में गाती थीं। | |||
====जुगलबंदी==== | |||
पटियाला घराने की ही सुप्रसिद्ध गायिका लक्ष्मी शंकर, प्रसिद्ध नृत्य निर्देशक उदय शंकर जी की पत्नी और निर्मला देवी कि जुगलबंदी आज भी श्रोता याद करते हैं। निर्मला देवी के पुत्र प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता गोविंदा उन्हें अपना प्रथम और अंतिम गुरु मानते हैं। उनके अनुसार वह एक धार्मिक और साधू प्रवृत्ति कि महिला थीं। उनके जीवन का तरीका अत्यंत सादगी-पूर्ण था। | |||
==फ़िल्मों में गायन== | |||
#राम तेरी गंगा मैली - [[1985]] | |||
#बावर्ची - [[1972]] | |||
#ज़रा बचके - 1959 | |||
#शमा परवाना - [[1954]] | |||
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13:49, 23 दिसम्बर 2012 का अवतरण
निर्मला देवी भारत की प्रमुख शास्त्रीय गायिकाओं में से एक हैं। 'पटियाला घराने' से सम्बन्ध रखने वाली गायिका निर्मला देवी उर्फ निर्मला अरुण प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता गोविंदा की माँ हैं। उन्होंने कई हिन्दी फ़िल्मों में भी गायन किया है, जिनमें 'बावर्ची' और 'राम तेरी गंगा मैली' आदि शामिल हैं।
परिचय
निर्मला देवा का विवाह उस समय (1940) के प्रसिद्ध फ़िल्म कलाकार अरुण आहूजा से हुआ था। मूलतः वे बंगाली महिला थीं। उन्होंने 'राम तेरी गंगा मैली', 'बावर्ची' और 'शमा परवाना' आदि सहित 25 फ़िल्मों के लिए गीत गाये। उन्होंने वर्ष 1942 में फ़िल्म 'सवेरा' में अभिनय भी किया।
गायन शैली
निर्मला देवा शास्त्रीय संगीत की ख़्याल शैली के साथ-साथ ठुमरी, चैती, दादरा, कजरी, झूला और सावनी आदि उतनी ही खूबसूरती से गाती थीं। उनकी गाई ठुमरी "मैंने लाखों के बोल सहे" और "सावन बीता जाये" और चेती "ये ही ठियाँ मोतिया हेराई गली रामा" बहुत प्रसिद्ध हुए थे। "ना मारो पिचकारी" राग में गाई होली भी उनकी पसंद थी, जो अक्सर वह कार्यक्रम के अंत में गाती थीं।
जुगलबंदी
पटियाला घराने की ही सुप्रसिद्ध गायिका लक्ष्मी शंकर, प्रसिद्ध नृत्य निर्देशक उदय शंकर जी की पत्नी और निर्मला देवी कि जुगलबंदी आज भी श्रोता याद करते हैं। निर्मला देवी के पुत्र प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता गोविंदा उन्हें अपना प्रथम और अंतिम गुरु मानते हैं। उनके अनुसार वह एक धार्मिक और साधू प्रवृत्ति कि महिला थीं। उनके जीवन का तरीका अत्यंत सादगी-पूर्ण था।
फ़िल्मों में गायन
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
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