"एक बुद्ध कविता में करुणा ढूँढ रहा है -अजेय": अवतरणों में अंतर
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "मिजाज़ " to "मिज़ाज ") |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - " खरीद" to " ख़रीद") |
||
पंक्ति 133: | पंक्ति 133: | ||
हवा चाहे तो कविता को राख कर दे | हवा चाहे तो कविता को राख कर दे | ||
हवा के पास ढेर सारे डॉलर हैं | हवा के पास ढेर सारे डॉलर हैं | ||
आज हवा ने कविता को | आज हवा ने कविता को ख़रीद लिया है | ||
जब कि एक बुद्ध कविता में करुणा ढूँढ रहा है . | जब कि एक बुद्ध कविता में करुणा ढूँढ रहा है . | ||
14:27, 21 फ़रवरी 2013 का अवतरण
| ||||||||||||||
|
|