"साँचा:फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की रचनाएँ": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
|कवि का नाम=फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ | |कवि का नाम=फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ | ||
|रचना प्रकार=[[कविता]], [[शायरी]] एवं [[नज़्म]] | |रचना प्रकार=[[कविता]], [[शायरी]] एवं [[नज़्म]] | ||
|रचना 1=तेरी उम्मीद तेरा इंतज़ार | |रचना 1=तेरी उम्मीद तेरा इंतज़ार | ||
|रचना 2= अब कहाँ रस्म घर लुटाने की | |रचना 2= अब कहाँ रस्म घर लुटाने की | ||
|रचना 3= रंग है दिल का मेरे | |रचना 3= रंग है दिल का मेरे | ||
|रचना 4=तेरी सूरत जो दिलनशीं की है | |रचना 4=तेरी सूरत जो दिलनशीं की है | ||
|रचना 5=अब वही हर्फ़-ए-जुनूँ सबकी ज़ुबाँ | |रचना 5=अब वही हर्फ़-ए-जुनूँ सबकी ज़ुबाँ | ||
|रचना 6=आज बाज़ार में पा-ब-जौलाँ चलो | |रचना 6=आज बाज़ार में पा-ब-जौलाँ चलो | ||
|रचना 7= मुझ से पहली सी मोहब्बत | |रचना 7= मुझ से पहली सी मोहब्बत | ||
|रचना 8=तुम्हारी याद के जब ज़ख़्म | |रचना 8=तुम्हारी याद के जब ज़ख़्म | ||
|रचना 9= ढाका से वापसी पर | |रचना 9= ढाका से वापसी पर | ||
|रचना 10=खुर्शीदे-महशर की लौ | |रचना 10=खुर्शीदे-महशर की लौ | ||
|रचना 11=निसार मैं तेरी गलियों के ए वतन | |रचना 11=निसार मैं तेरी गलियों के ए वतन | ||
|रचना 12=तेरे ग़म को जाँ की तलाश | |रचना 12=तेरे ग़म को जाँ की तलाश | ||
|रचना 13= रक़ीब से | |रचना 13= रक़ीब से | ||
|रचना 14=बहार आई | |रचना 14=बहार आई | ||
पंक्ति 21: | पंक्ति 21: | ||
|रचना 18= गीत | |रचना 18= गीत | ||
|रचना 19=जब तेरी समन्दर आँखों में | |रचना 19=जब तेरी समन्दर आँखों में | ||
|रचना 20= चंद रोज़ और मेरी जान फ़क़त | |रचना 20= चंद रोज़ और मेरी जान फ़क़त | ||
|रचना 21= ये शहर उदास इतना ज़ियादा | |रचना 21= ये शहर उदास इतना ज़ियादा | ||
|रचना 22= चश्मे-मयगूँ ज़रा इधर कर दे | |रचना 22= चश्मे-मयगूँ ज़रा इधर कर दे | ||
|रचना 23=गर्मी-ए-शौक़-ए-नज़्ज़ारा का असर | |रचना 23=गर्मी-ए-शौक़-ए-नज़्ज़ारा का असर | ||
|रचना 24= गरानी-ए-शबे-हिज़्रां दुचंद | |रचना 24= गरानी-ए-शबे-हिज़्रां दुचंद | ||
|रचना 25=ख़ुदा वो वक़्त न लाये कि सोगवार | |रचना 25=ख़ुदा वो वक़्त न लाये कि सोगवार | ||
|रचना 26= गुलों में रंग भरे, बादे-नौबहार चले | |रचना 26= गुलों में रंग भरे, बादे-नौबहार चले | ||
|रचना 27= मेरी तेरी निगाह में जो लाख इंतज़ार | |रचना 27= मेरी तेरी निगाह में जो लाख इंतज़ार | ||
|रचना 28=मेरे दिल ये तो फ़क़त एक घड़ी है | |रचना 28=मेरे दिल ये तो फ़क़त एक घड़ी है | ||
|रचना 29= तुम मेरे पास रहो | |रचना 29= तुम मेरे पास रहो | ||
|रचना 30=तुम आए हो न शबे-इंतज़ार | |रचना 30=तुम आए हो न शबे-इंतज़ार | ||
|रचना 31=दिल में अब यूँ तेरे भूले हुए ग़म | |रचना 31=दिल में अब यूँ तेरे भूले हुए ग़म | ||
|रचना 32= चाँद निकले किसी जानिब तेरी | |रचना 32= चाँद निकले किसी जानिब तेरी | ||
|रचना 33= दश्ते-तन्हाई में ऐ जाने-जहाँ | |रचना 33= दश्ते-तन्हाई में ऐ जाने-जहाँ | ||
|रचना 34= कोई आशिक़ किसी महबूब से | |रचना 34= कोई आशिक़ किसी महबूब से | ||
|रचना 35=आइए हाथ उठाएँ हम भी | |रचना 35=आइए हाथ उठाएँ हम भी | ||
पंक्ति 40: | पंक्ति 40: | ||
|रचना 37= मेरे दिल मेरे मुसाफ़िर | |रचना 37= मेरे दिल मेरे मुसाफ़िर | ||
|रचना 38= नहीं निगाह में मंज़िल तो जुस्तजू ही सही | |रचना 38= नहीं निगाह में मंज़िल तो जुस्तजू ही सही | ||
|रचना 39=न गँवाओ नावके-नीमकश, दिले-रेज़ा रेज़ा | |रचना 39=न गँवाओ नावके-नीमकश, दिले-रेज़ा रेज़ा | ||
|रचना 40=नसीब आज़माने के दिन आ रहे हैं | |रचना 40=नसीब आज़माने के दिन आ रहे हैं | ||
|रचना 41=तनहाई | |रचना 41=तनहाई | ||
पंक्ति 58: | पंक्ति 58: | ||
|रचना 55= क्या करें | |रचना 55= क्या करें | ||
|रचना 56=यह फ़स्ल उमीदों की हमदम | |रचना 56=यह फ़स्ल उमीदों की हमदम | ||
|रचना 57=शीशों का | |रचना 57=शीशों का मसीहा कोई नहीं | ||
|रचना 58=हम लोग | |रचना 58=हम लोग | ||
|रचना 59=सरे वादिये सीना | |रचना 59=सरे वादिये सीना | ||
पंक्ति 83: | पंक्ति 83: | ||
|रचना 80=हम पर तुम्हारी चाह का इल्ज़ाम ही तो है | |रचना 80=हम पर तुम्हारी चाह का इल्ज़ाम ही तो है | ||
|रचना 81=जमेगी कैसे बिसाते याराँ | |रचना 81=जमेगी कैसे बिसाते याराँ | ||
|रचना 82=शफ़क़ की राख में जल बुझ गया | |रचना 82=शफ़क़ की राख में जल बुझ गया | ||
|रचना 83= यह मौसमे गुल गर चे तरबख़ेज़ | |रचना 83= यह मौसमे गुल गर चे तरबख़ेज़ | ||
|रचना 84=हम मुसाफ़िर युँही मस्रूफ़े सफ़र | |रचना 84=हम मुसाफ़िर युँही मस्रूफ़े सफ़र | ||
|रचना 85=हज़र करो मेरे तन से | |रचना 85=हज़र करो मेरे तन से | ||
|रचना 85= दिले मन मुसाफ़िरे मन | |रचना 85= दिले मन मुसाफ़िरे मन | ||
पंक्ति 92: | पंक्ति 92: | ||
|रचना 89= ख़त्म हुई बारिशे संग | |रचना 89= ख़त्म हुई बारिशे संग | ||
|रचना 90= मेरे दर्द को जो ज़बाँ मिले | |रचना 90= मेरे दर्द को जो ज़बाँ मिले | ||
|रचना 91= जैसे हम-बज़्म हैं फिर यारे-तरहदार | |रचना 91= जैसे हम-बज़्म हैं फिर यारे-तरहदार | ||
|रचना 92= | |रचना 92= | ||
|रचना 93= | |रचना 93= |