"ऽ": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) छो (Adding category Category:व्याकरण (को हटा दिया गया हैं।)) |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 9: | पंक्ति 9: | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
[[Category:विविध]] | {{व्याकरण}} | ||
[[Category:विविध]][[Category:चिह्न और प्रतीक]] | |||
[[Category:हिन्दी भाषा]] | [[Category:हिन्दी भाषा]] | ||
[[Category:व्याकरण]] | [[Category:व्याकरण]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ |
06:55, 28 दिसम्बर 2014 के समय का अवतरण
ऽ एक देवनागरी लिपि का चिह्न है जिसे अवग्रह चिह्न भी कहते है। अवग्रह (ऽ) एक देवनागरी चिह्न है जिसका प्रयोग संधि-विशेष के कारण विलुप्त हुए 'अ' को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है। इसे पूर्वरूप स्वर सन्धि कहते हैं। यह अयादि सन्धि का अपवाद है। पद के अन्त में ए/ओ के बाद यदि अकार आये तो अकार लुप्त हो जाता है तथा ए/ओ का पूर्वरूप (पहले जैसा) हो जाता है। यहाँ इसी लुप्त हुए 'अ' को अवग्रह चिह्न 'ऽ' से प्रदर्शित करते हैं।
- उदाहरण
बालकः+अयम्= बालको+अयम्=बालकोऽयम्।
- आधुनिक भारतीय भाषाओं में इस चिह्न का प्रयोग अतिदीर्घ स्वर (जैसे पुकारने में) के लिए भी किया जाने लगा है, जैसे -'माँ ऽऽऽ'। वहीं छन्दःशास्त्र में इस चिह्न को गुरुमात्रा (आ, ई, ऊ आदि) प्रदर्शित करने में भी प्रयुक्त करते हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख