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09:05, 28 जून 2015 का अवतरण

एक आलेख

        संसद भवन नई दिल्ली में स्थित सर्वाधिक भव्य भवनों में से एक है, जहाँ विश्व में किसी भी देश में मौजूद वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूनों की उज्ज्वल छवि मिलती है। राजधानी में आने वाले भ्रमणार्थी इस भवन को देखने ज़रूर आते हैं जैसा कि संसद के दोनों सभाएं लोक सभा और राज्य सभा इसी भवन के अहाते में स्थित हैं। संसद भवन संपदा के अंतर्गत संसद भवन, स्वागत कार्यालय भवन, संसदीय ज्ञानपीठ (संसद ग्रंथालय भवन) संसदीय सौध और इसके आस-पास के विस्तृत लॉन, जहां फ़व्वारे वाले तालाब हैं, शामिल हैं। संसद भवन की अभिकल्पना दो मशहूर वास्तुकारों - सर एडविन लुटय़न्स और सर हर्बर्ट बेकर ने तैयार की थी जो नई दिल्ली की आयोजना और निर्माण के लिए उत्तरदायी थे। संसद भवन की आधारशिला 12 फ़रवरी, 1921 को महामहिम द डय़ूक ऑफ कनाट ने रखी थी । इस भवन के निर्माण में छह वर्ष लगे और इसका उद्घाटन समारोह भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इर्विन ने 18 जनवरी, 1927 को आयोजित किया। इसके निर्माण पर 83 लाख रुपये की लागत आई। ... और पढ़ें

आज का दिन - 20 नवम्बर 2024 (भारतीय समयानुसार)


भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी

कौऔं का वायरस

         यह एक तरह की ध्यानावस्था ही है। यह एक ऐसा ध्यान है जो किया नहीं जाता या धारण नहीं करना होता बल्कि स्वत: ही धारित हो जाता है... बस लग जाता है। मनोविश्लेषण की पुरानी अवधारणा के अनुसार कहें तो अवचेतन मस्तिष्क (सब कॉन्शस) में कहीं स्थापित हो जाता है। दिमाग़ में बादाम जितने आकार के दो हिस्से, जिन्हें ऍमिग्डाला (Amygdala) कहते हैं, कुछ ऐसा ही व्यवहार करते हैं। ये दोनों कभी-कभी दिमाग़ को अनदेखा कर शरीर के किसी भी हिस्से को सक्रिय कर देते हैं। असल में इनकी मुख्य भूमिका संवेदनात्मक आपातकालिक संदेश देने की होती है। इस तरह की ही कोई प्रणाली संभवत: अवचेतन के संदेशों के निगमन को संचालित करती है। ऍमिग्डाला की प्रक्रिया को 'डेनियल गोलमॅन' ने अपनी किताब इमोशनल इंटेलीजेन्स में बहुत अच्छी तरह समझाया है। ...पूरा पढ़ें

पिछले सभी लेख सफलता का शॉर्ट-कट -आदित्य चौधरी शहीद मुकुल द्विवेदी के नाम पत्र शर्मदार की मौत


भारतकोश हलचल

मासिक शिवरात्रि (29 नवम्बर) प्रदोष व्रत (28 नवम्बर) विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस (26 नवम्बर) राष्ट्रीय संविधान दिवस (26 नवम्बर) राष्ट्रीय कैडेट कोर दिवस (26 नवम्बर) उत्पन्ना एकादशी (26 नवम्बर) कालाष्टमी (23 नवम्बर) विश्व दूरदर्शन दिवस (21 नवम्बर) संकष्टी चतुर्थी (19 नवम्बर) राष्ट्रीय एकता दिवस (19 नवम्बर) अन्तरराष्ट्रीय छात्र दिवस (17 नवम्बर) वृश्चिक संक्रांति (16 नवम्बर) राष्ट्रीय प्रेस दिवस (16 नवम्बर) मणिकर्णिका स्नान (15 नवम्बर) झारखण्ड राज्य गठन दिवस (15 नवम्बर) देव दीपावली (15 नवम्बर) गुरु नानक जयंती (15 नवम्बर) कार्तिक पूर्णिमा (15 नवम्बर) बाल दिवस (14 नवम्बर) विश्व मधुमेह दिवस (14 नवम्बर) प्रदोष व्रत (13 नवम्बर) देवोत्थान एकादशी (12 नवम्बर) तुलसी विवाह (12 नवम्बर) कंस वध मेला, मथुरा (11 नवम्बर) भीष्म पंचक प्रारम्भ (11 नवम्बर) राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (11 नवम्बर) अक्षय नवमी (10 नवम्बर) जुगल जोड़ी परिक्रमा, मथुरा (10 नवम्बर) गोपाष्टमी (09 नवम्बर) राष्ट्रीय क़ानूनी सेवा दिवस (09 नवम्बर) उत्तराखण्ड राज्य गठन दिवस (09 नवम्बर) कार्तिक छठ (07 नवम्बर) छठपूजा (07 नवम्बर) शिशु सुरक्षा दिवस (07 नवम्बर)


जन्म
हरे कृष्ण मेहताब (21 नवम्बर) यदुनाथ सिंह (21 नवम्बर) उज्ज्वला मजूमदार (21 नवम्बर) केसरी सिंह बारहट (21 नवम्बर) आनंदीबेन पटेल (21 नवम्बर) लोकनाथ मिश्रा (21 नवम्बर) नरेशचंद्र सिंह (21 नवम्बर) नवीन मलिक (21 नवम्बर) मिलखा सिंह (20 नवम्बर) बबीता फोगाट (20 नवम्बर) टीपू सुल्तान (20 नवम्बर) अहमद नदीम क़ासमी (20 नवम्बर)
मृत्यु
चंद्रशेखर वेंकट रामन (21 नवम्बर) क्रांतिकारी सत्येंद्रनाथ बोस (21 नवम्बर) गुरमीत बावा (21 नवम्बर) अविनाशलिंगम चेट्टियार (21 नवम्बर) कल्याण मल लोढ़ा (21 नवम्बर) श्याम बहादुर वर्मा (20 नवम्बर) प्रियरंजन दासमुंशी (20 नवम्बर) फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ (20 नवम्बर) निर्मला ठाकुर (20 नवम्बर) एम. एन. कौल (20 नवम्बर)


भारतकोश संस्थापक आदित्य चौधरी

आदित्य चौधरी के सभी सम्पादकीय एवं कविताएँ पढ़ने के लिए क्लिक कीजिए

पिछले आलेख राष्ट्रपति रसखान की भाषा मौर्य काल


एक पर्यटन स्थल

डल झील
डल झील

        डल झील का प्रमुख आकर्षण केन्द्र तैरते हुए बग़ीचे हैं। पौराणिक मुग़ल किलों में यहाँ की संस्कृति तथा इतिहास के दर्शन होते हैं। डल झील के पास ही मुग़लों के सुंदर एवं प्रसिद्ध पुष्प वाटिका से डल झील की आकृति और उभरकर सामने आती है। कश्मीर के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय झील के तट पर स्थित है। शिकारे के माध्यम से सैलानी नेहरू पार्क, कानुटुर खाना, चारचीनारी, कुछ द्वीप जो यहाँ पर स्थित हैं, उन्हें देख सकते हैं। श्रद्घालुओं के लिए हज़रतबल तीर्थस्थल के दर्शन करे बिना उनकी यात्रा अधूरी रह जाती है। शिकारे के माध्यम से श्रद्धालु इस तीर्थस्थल के दर्शन कर सकते हैं। दुनिया भर में यह झील विशेष रूप से शिकारों या हाऊस बोट के लिए जानी जाती है। डल झील के आस-पास की प्राकृतिक सुंदरता अधिक संख्या में लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। ... और पढ़ें

पिछले पर्यटन स्थल लक्षद्वीप चंडीगढ़ लाल क़िला


सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी


महत्त्वपूर्ण आकर्षण

समाचार

एक व्यक्तित्व

        महापण्डित राहुल सांकृत्यायन को हिन्दी यात्रा साहित्य का जनक माना जाता है। वे एक प्रतिष्ठित बहुभाषाविद थे और 20वीं सदी के पूर्वार्द्ध में उन्होंने यात्रा वृतांत तथा विश्व-दर्शन के क्षेत्र में साहित्यिक योगदान किए। बौद्ध धर्म पर उनका शोध हिन्दी साहित्य में युगान्तरकारी माना जाता है, जिसके लिए उन्होंने तिब्बत से लेकर श्रीलंका तक भ्रमण किया था। बौद्ध धर्म की ओर जब झुकाव हुआ तो पाली, प्राकृत, अपभ्रंश, तिब्बती, चीनी, जापानी, एवं सिंहली भाषाओं की जानकारी लेते हुए सम्पूर्ण बौद्ध ग्रन्थों का मनन किया और सर्वश्रेष्ठ उपाधि 'त्रिपिटिका चार्य' की पदवी पायी। साम्यवाद के क्रोड़ में जब राहुल जी गये तो कार्ल मार्क्स, लेनिन तथा स्तालिन के दर्शन से पूर्ण परिचय हुआ। प्रकारान्तर से राहुल जी इतिहास, पुरातत्त्व, स्थापत्य, भाषाशास्त्र एवं राजनीति शास्त्र के अच्छे ज्ञाता थे। ... और पढ़ें

पिछले लेख पण्डित ओंकारनाथ ठाकुर जे. आर. डी. टाटा आर. के. लक्ष्मण


एक खेल

         कबड्डी एक सामूहिक खेल है, जो प्रमुख रूप से भारत में खेला जाता है। कबड्डी नाम का प्रयोग प्राय: उत्तर भारत में किया जाता है, इस खेल को दक्षिण भारत में चेडु-गुडु और पूरब में हु तू तू के नाम से भी जानते हैं। भारत के साथ पड़ोसी देशों में भी कबड्डी बड़े पैमाने पर खेली जाती है। विभिन्न क्षेत्रों में इसके अलग-अलग नाम हैं। बांग्लादेश में हा-दो-दो; श्रीलंका में गुड्डु और थाईलैंण्ड में थीचुब। यद्यपि यह खेल थोड़ी भिन्नता के साथ खेला जाता है, पर शत्रु क्षेत्र में आक्रमण का मूलतंत्र सभी में समान रहता है। ...और पढ़ें

पिछला लेख → ओलम्पिक खेल क्रिकेट

कुछ लेख


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चयनित चित्र

बरसाना के राधारानी मंदिर की सुंदर छवि
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राधा रानी मंदिर, बरसाना