"कृष्णावतार": अवतरणों में अंतर

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प्रत्येक भारतीय [[भागवत पुराण]] में लिखित 'श्रीकृष्णावतार की कथा' से परिचित हैं। श्रीकृष्ण की बाल्याकाल की शरारतें जैसे - माखन व दही चुराना, चरवाहों व ग्वालिनियों से उनकी नोंक–झोंक, तरह - तरह के खेल, [[इन्द्र]] के विरुद्ध उनका हठ (जिसमें वे [[गोवर्धन]] पर्वत अपनी अँगुली पर उठा लेते हैं, ताकि गोकुलवासी अति वर्षा से बच सकें), सर्वाधिक विषैले कालिया नाग से युद्ध व उसके हज़ार फनों पर नृत्य, उनकी लुभा लेने वाली [[बाँसुरी]] का स्वर, [[कंस]] द्वारा भेजे गए गुप्तचरों का विनाश - ये सभी प्रसंग भावना प्रधान व अत्यन्त रोचक हैं।
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कृष्ण जन्मभूमि, मथुरा

प्रत्येक भारतीय भागवत पुराण में लिखित 'श्रीकृष्णावतार की कथा' से परिचित हैं। श्रीकृष्ण की बाल्याकाल की शरारतें जैसे - माखन व दही चुराना, चरवाहों व ग्वालिनियों से उनकी नोंक–झोंक, तरह - तरह के खेल, इन्द्र के विरुद्ध उनका हठ (जिसमें वे गोवर्धन पर्वत अपनी अँगुली पर उठा लेते हैं, ताकि गोकुलवासी अति वर्षा से बच सकें), सर्वाधिक विषैले कालिया नाग से युद्ध व उसके हज़ार फनों पर नृत्य, उनकी लुभा लेने वाली बाँसुरी का स्वर, कंस द्वारा भेजे गए गुप्तचरों का विनाश - ये सभी प्रसंग भावना प्रधान व अत्यन्त रोचक हैं।

इन्हें भी देखें: कृष्ण जन्माष्टमी, कृष्ण एवं कृष्ण संदर्भ


टीका-टिप्पणी और संदर्भ

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