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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
| {बीज के विकास पर नई नीति कब अपनाई व लागू की गयी थी? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-69,प्रश्न-106
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| |type="()"}
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| -[[1 अप्रैल]], [[1995]]
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| -1 अप्रैल, [[1967]]
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| -1 अक्टूबर, [[1998]]
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| +[[1 अक्टूबर]], [[1988]]
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| {फोरेट का व्यापारिक नाम क्या है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-73,प्रश्न-21
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| |type="()"}
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| +टेमिक
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| -थायोडान
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| -फोरटॉक्स
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| -मेटासिस्टॉक्स
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| ||टेमिक-फोरेट, इन्डो सल्फान-थायोडान, फोरेट-थिमेट, मेटासिस्टाक्स-मेटासिस्टाक्स
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| {म्यूरेट ऑफ़ पोटाश क्या है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-101
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| |type="()"}
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| -K<sub>2</sub>SO<sub>4</sub>
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| +KCI
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| -K<sub>2</sub>HPO<sub>4</sub>
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| -KNO<sub>3</sub>
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| {प्रकाश श्वसन किसके द्वारा रूक जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-82,प्रश्न-31
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| |type="()"}
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| -2, 4 डाइनाइट्रोफिनॉल
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| +CMU तथा DCMU
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| -a- हाइड्रॉक्सी सल्फोनेट्स
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| -इनमें से कोई नहीं
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| ||प्रकाश श्वसन, अप्रकाशिक श्वसन से भिन्न तरीके से [[ऑक्सीजन]] सुग्राही है। प्रकाश श्वसन की O<sub>2</sub> के लिए बहुत कम बंधुता है और यह अत्यधिक ऑक्सीजन सान्द्रता पर संतृप्त हो जाता है। जिन पौधों में C<sub>4</sub> चक्र होता है उनमें प्रकाश श्वसन नहीं होगा।
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| {कृषि वृद्धि दर में पशुपालन का कितना योगदान है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-75,प्रश्न-61
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| |type="()"}
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| -10%
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| -12%-15%
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| +7%-9%
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| -5%
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| ||सन् [[2010]] के अनुसार के अनुसार कृषि वृद्धि में पशुपालन को योगदान 7% से 9% तक है।
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| {[[धान]] की जल भराव में किस खाद को नहीं डालना चाहिए? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-83,प्रश्न-42
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| |type="()"}
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| -अमोनियम क्लोराइड
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| +[[यूरिया]]
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| -सोडियम नाइट्रेट
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| -इनमें से कोई नहीं
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| ||[[धान]] की जल भराव की स्थिति में यूरिया खाद नहीं डालना चाहिए क्योंकि यूरिया खाद लीचिंग द्वारा नीचे चली जाती है। सोडियम नाइट्रेट क्षारीय उर्वरक है। अमोनियम क्लोराइड अम्लीय प्रकृति का उर्वरक है।
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| {वानस्पतिक रूप से अनन्नास का फल है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-101
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| |type="()"}
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| -पोम
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| -बेरी
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| -ब्लूस्टार
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| +सोरोसिस
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| ||पोम-सेब, बेरी-बेल, ब्लूस्टार-अनार, सोरोसिस- अनन्नास।
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| |
| {आलू के मोजैल रोग का क्या कारण है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-33,प्रश्न-37
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| |type="()"}
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| +[[विषाणु]]
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| -फफूँदी
| |
| -[[बैक्टीरिया]]
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| -इनमें से कोई नहीं
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| ||[[आलू]] के ओजैक रोग विषाणुओं द्वारा फैलते हैं। इस रोग में पहले पत्तियों पर नसें-सी उभरती हैं और बाद में पीली पड़ जाती हैं और आकार छोटा हो जाता है तथा रोगयुक्त पौधों में आलू भी छोटे लगते हैं। यह विषाणु प्राय: एफिड (माहू) द्वारा फैलते हैं।
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| {भूमि क्षमता वर्गीकरण के अंतर्गत वर्गीकृत मृदा में कौन-सा ग़लत है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-41,प्रश्न-32
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| |type="()"}
| |
| -हरा-वर्ग I
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| -पीला-वर्ग II
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| -नीला-वर्ग IV
| |
| +नारंगी-वर्गIII
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| {सबसे अधिक विषैले तत्त्व प्रतिदिन किस शहर में घुलते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-36
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| |type="()"}
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| -[[दिल्ली]]
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| -[[मुम्बई]]
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| +[[कोलकाता]]
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| -[[चेन्नई]]
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| {पशु-आहार की मात्रा निर्भर करती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-69,प्रश्न-107
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| |type="()"}
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| -पशु की लम्बाई पर
| |
| -पशु की नस्ल पर
| |
| -पशु की ऊँचाई पर
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| +पशु के भार पर
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| {स्प्रेयर्स को प्रयोग करने से पहले किसके द्वारा साफ़ करते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-73,प्रश्न-22
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| |type="()"}
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| -1% क्लोरीन जल
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| +1% हाइड्रोक्लीन अम्ल
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| -1% अमोनिया अम्ल
| |
| -1% ब्रोमीन जल
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| {[[मृदा]] में वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण एजोटोबैक्टर किस प्रक्रम के द्वारा करते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-102
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| |type="()"}
| |
| -सहजीवी
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| +असहजीवी
| |
| -उपर्युक्त दोनों
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| -इनमें से कोई नहीं
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| ||राइजोबियम बैक्टीरिया सहजीवी प्रक्रम द्वारा [[नाइट्रोजन]] का स्थिरीकरण करते हैं, जबकि एजोटोबैक्टर असहजीवी प्रक्रम द्वारा नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करते हैं।
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| {ग्लाइकोलिसिस की क्रिया केवल होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-82,प्रश्न-32
| |
| |type="()"}
| |
| -[[ऑक्सीजन]] की उपस्थिति में
| |
| -ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में
| |
| +उपर्युक्त दोनों
| |
| -उपर्युक्त में से कोई नहीं
| |
| ||ग्लाइकोलिसिस की क्रिया [[ऑक्सीजन]] की उपस्थिति एवं ऑक्सीजन की अनुपस्थिति दोनों ही दशाओं में होती है। ऑक्सीजन की उपस्थिति में अन्तिम उत्पाद कार्बन डाइ-ऑक्साइड तथा पानी होते हैं। और इसकी अनुपस्थिति में इथाइल ऐल्कोहॉल तथा कार्बन डाइ-ऑक्साइड होते हैं।
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| {निम्न फ़सल चक्रों में कौन-सा फ़सल मृदा-पोषण के स्तर को बढ़ाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-83,प्रश्न-43
| |
| |type="()"}
| |
| -[[ज्वार]]-[[गेहूँ]]
| |
| +[[धान]]-[[गेहूँ]]
| |
| -[[बाजरा]]-गेहूँ
| |
| -[[मूँगफली]]-गेहूँ
| |
| ||[[मूँगफली]] और [[गेहूँ]] फ़सल चक्र मृदा-पोषण स्तर को बढ़ता है। क्योंकि मूँगफली [[वायुमंडल]] से [[नाइट्रोजन]] को ज़मीन के अंदर स्थिर करती है जिसे गेहूँ की बुआई करने से गेहूँ उस नाइट्रोजन का उपयोग कर लेता है।
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| {[[धान]] के आधारीय बीज के लिए पृथक्करण दूरी कितनी होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-102
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| |type="()"}
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| -30 मीटर
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| -50 मीटर
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| -35 मीटर
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| +3 मीटर
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| {फाइटोफ्थोरा इन्फेस्टैन्स के कारण होने वाली बीमारी को चिह्नित कीजिये। (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-33,प्रश्न-38
| |
| |type="()"}
| |
| -आलू का अगेती झुलसा
| |
| +[[आलू]] का पछेती झुलसा
| |
| -[[बाजरा|बाजरे]] का अरगट
| |
| -[[अरहर]] का उखटा
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| ||[[आलू]] का पछेती झुलसा रोग फाइटोफ्थोरा इन्फेस्टैन्स नामक फंगस के कारण लगता है। इस रोग में पत्तियों की नसों, तनों और डण्ठलों पर भूरे रंग के धब्बे उभर आते हैं जो बाद में काले हो जाते हैं और पौधे का पूरा भाग सड़-गल जाते है। रोकथाम में देरी होने पर आलू के कन्द भी गलने लगते है।
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| {ढाल के विपरीत मृदा कटाव को रोकने वाली तथा मृदा कटाव (मृदा क्षरण) को बढ़ाने वाली फ़सलों की पट्टियों में खेती करना क्या कहलाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-41,प्रश्न-33
| |
| |type="()"}
| |
| -कंजरवेशन क्रॉपिंग
| |
| -कंटूर क्रॉपिंग
| |
| -ले फार्मिंग
| |
| +कन्टूर स्ट्रिप क्रॉपिग
| |
| ||ढाल के विपरीत मृदा कटाव को रोकने वाली तथा बढ़ाने वाली फ़सलों की पट्टियों में खेती करना 'कन्टूर स्थिप क्रॉपिंग' कहलाती है।
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| |
| {[[भारत]] में यूरो-2 कोर्ट के आदेशानुसार कब लागू हुआ? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-37
| |
| |type="()"}
| |
| -[[अप्रैल]], [[2000]] में
| |
| -अप्रैल, [[2001]] में
| |
| -अप्रैल, [[2002]] में
| |
| +[[अप्रैल]], [[2003]] में
| |
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| {पौधे का भार किस क्रिया में कम हो जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-69,प्रश्न-108
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| |type="()"}
| |
| -प्रकाश-संश्लेषण
| |
| -उत्स्वेदन
| |
| -श्वसन
| |
| +उपर्युक्त सभी
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| {सायनोगैस पम्प क्या है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-73,प्रश्न-23
| |
| |type="()"}
| |
| -डस्टर
| |
| +फ्यूमीगेटर
| |
| -स्प्रेयर
| |
| -इमल्सीफायर
| |
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| |
| {आयरन पायराइट्स का रासायनिक सूत्र क्या है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-103
| |
| |type="()"}
| |
| -FeSO<sub>4</sub>
| |
| -FeS
| |
| +FeSO
| |
| -Fe<sub>2</sub> (SO<sub>4</sub>)<sub>3</sub>
| |
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| |
| {किस अमीनों एसिड में [[सल्फर]] पाया जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-82,प्रश्न-33
| |
| |type="()"}
| |
| +सिस्टीन
| |
| -वेलीन
| |
| -आईसोलूसिन
| |
| -इनमें से कोई नहीं
| |
| ||[[सल्फर]] का अवशोषक मृदा से सल्फेट आयनों के रूप में होता है। यह सिस्टीन, सिस्टाइन तथा मेथियोनाइन जैसे सल्फरयुक्त अमीनो अम्ल के निर्माण में भाग लेता है। इसके अतिरिक्त सल्फर युक्त विटामिन, जैसे बायोटीन, थायमिन तथा सह-एन्जाइम के संश्लेषण में सल्फर की जरूरत होती है।
| |
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| |
| {बूँद सिंचाई किन क्षेत्रों में लाभदायक होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-83,प्रश्न-44
| |
| |type="()"}
| |
| +सूखे क्षेत्र
| |
| -नमी क्षेत्र
| |
| -उच्च वर्षा क्षेत्र
| |
| -इनमें से कोई नहीं
| |
| ||बूँद सिंचाई सूखा क्षेत्रों में अधिक लाभकारी होती है। साथ-ही-साथ ऊँचे नीचे स्थानों पर भी यह विधि लाभकारी होती है। इस विधि के द्वारा फ़सलों की जड़ में [[पानी]] दिया जाता है, जिससे पानी की हानि बहुत कम होती है। इसमें 50-70% जल की बचत होती है।
| |
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| |
| {[[पपीता|पपीते]] की गाइनोडायोसिस प्रजाति से उत्पन्न होते हैं- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-103
| |
| |type="()"}
| |
| -केवल नर पौधे
| |
| -केवल मादा पौधे
| |
| +मादा और उभयलिंगी पौधे
| |
| -नर और उभयलिंगी पौधे
| |
|
| |
| {गेरुई रोग किसके द्वारा होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-33,प्रश्न-39
| |
| |type="()"}
| |
| -बीज
| |
| -[[बैक्टीरिया]]
| |
| +फफूँदी
| |
| -[[विषाणु]]
| |
|
| |
| {[[भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान]] कहाँ स्थित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-41,प्रश्न-34
| |
| |type="()"}
| |
| +[[वाराणसी]]
| |
| -[[कोच्चि]]
| |
| -[[मुम्बई]]
| |
| -[[जयपुर]]
| |
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| |
| {सागौन किस प्रकार के वनों में पाया जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-38
| |
| |type="()"}
| |
| +भूमध्यरेखीय वन
| |
| -मानसूनी वन
| |
| -ज्वारीय वन
| |
| -शुष्क वन
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| {(नेशनल रिसर्च सेन्टर फ़ोर इंटिग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट 'National Reserch Centre for Integrated Pest Management' (NRC-IPM) कहाँ स्थित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-69,प्रश्न-109
| |
| |type="()"}
| |
| -[[दिल्ली ]]
| |
| -[[गुड़गाँव]]
| |
| +[[फ़रीदाबाद]]
| |
| -[[बंगलूर|बंगलुरु]]
| |
|
| |
| {आयरिश अकाल का मुख्य कारण क्या था? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-73,प्रश्न-24
| |
| |type="()"}
| |
| +पछेती ब्लाइट रोग
| |
| -बैक्टीरियल ब्लाइट रोग
| |
| -ब्लास्ट रोग
| |
| -इयर कोकेल रोग
| |
| ||आयरिस अकाल का मुख्य कारण लेट ब्लाइट ऑफ़ पैडी था, जिससे [[पश्चिम बंगाल|पश्चिमी बंगाल]] में [[धान]] की सारी फ़सल नष्ट हो गयी थी।
| |
|
| |
| {रॉक फास्फेट का प्रयोग किस प्रकार की [[मिट्टी]] में करते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-104
| |
| |type="()"}
| |
| -लवणीय
| |
| -[[क्षारीय मिट्टी|क्षारीय]]
| |
| +अम्लीय
| |
| -उदासीन
| |
| ||रॉक फॉस्फेट एक क्षारीय उर्वरक है जिसके कारण इसका प्रयोग अम्लीय मृदा में किया जाता है।
| |
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| |
| {एक स्वस्थ वयस्क मनुष्य को रोज़ाना अपने भोजन में कितना CHO लेना चाहिए? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-82,प्रश्न-34
| |
| |type="()"}
| |
| -100-200 ग्राम
| |
| +400-500 ग्राम
| |
| -700-900 ग्राम
| |
| -इनमें से कोई नहीं
| |
| ||एक स्वस्थ मनुष्य को रोज़ाना अपने भोजन में CHO-400-500 ग्राम लेना चाहिए तथा प्रोटीन की मात्रा 55 ग्राम अवश्य होनी चाहिए।
| |
|
| |
| {[[भारत]] में [[अण्डा|अण्डे]] उत्पादन के क्षेत्र में विश्व में किस स्थान पर है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-64
| |
| |type="()"}
| |
| -प्रथम
| |
| -द्वितीय
| |
| -तीसरे
| |
| +चौथे
| |
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| |
| {निम्न में कौन-सी संयुक्त खाद है?(कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-83,प्रश्न-45
| |
| |type="()"}
| |
| -अमोनियम सल्फेट नाइट्रेट
| |
| -कैल्सियम अमोनियम नाइट्रेट
| |
| -सिंगल सुपरफॉस्फेट
| |
| +अमोनियम फॉस्फेट
| |
| ||अमोनियम फॉस्फेट एक संयुक्त खाद है। इसमें 46% फॉस्फोरस तथा 20% नाइट्रोजन पायी जाती है। इस खाद का प्रयोग क्षारीय मृदाओं में किया जाता है।
| |
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| |
| {फाइलोडी रोग का वाहक है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-104
| |
| |type="()"}
| |
| -थ्रिप्स
| |
| +जैसिड
| |
| -सफ़ेद मक्खी
| |
| -माइट
| |
| ||फाइलोडी-जैसिड, लीफ़ फर्ल डिजीज ऑफ चिली-सफेद मक्खी, खैरा रोग-जिंक की कमी
| |
|
| |
| {पर्यावरणीय प्रदूषण किससे होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-33,प्रश्न-40
| |
| |type="()"}
| |
| -O<sub>3</sub>
| |
| +CO
| |
| -CO<sub>2</sub>
| |
| -N<sub>2</sub>
| |
| ||कार्बन मोनो-ऑक्साइड (CO), सल्फर डाइ-ऑक्साइड (SO<sub>2</sub>), नाइट्रोजन के ऑक्साइड, कार्बन डाइ-ऑक्साइड (CO<sub>2</sub>), हाइड्रोकार्बन आदि गैसे पर्यावरण को प्रदूषित करती है।
| |
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| |
| {[[आलू]] को खेत व भंडारण दोनों में हानि पहुचाने वाला कीट कौन-सा है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-41,प्रश्न-35
| |
| |type="()"}
| |
| +आलू का शलभ
| |
| -कटुवा कीट
| |
| -फुदका
| |
| -इपीलेक्ना भृंग
| |
| ||आलू का शलभ नामक कीड़ा [[आलू]] को खेत से लेकर भण्डारगृह तक हानि पहुँचाता है। इसकी सूंड़ियाँ कंद के अंदर जाकर उसे खाती हैं, जिससे आलू खोखले होकर सड़ने लगते हैं।
| |
|
| |
| {वनों के प्रबन्धन एवं रख-रखाव का विज्ञान है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-39
| |
| |type="()"}
| |
| -पीसीकल्चर
| |
| +सिल्वीकल्चर
| |
| -सेरीकल्चर
| |
| -एपीकल्चर
| |
| ||वनों के संरक्षण एवं सम्वर्द्धन से सम्बन्धित स्तर पर की जाने वाली कृषि को 'सिल्वीकल्चर' कहते हैं। मछली-पालन की व्यापारिक स्तर पर की जाने वाली कृषि को 'पीसी कल्चर' कहते हैं। मधुमक्खी-पालन को 'एपीकल्चर' कहते हैं। रेशम कीट पालने को 'सेरीकल्चर' कहते हैं।
| |
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| {निम्न पादप पोषकों में से कौन-सा, रोग और कीट-पीड़कों के प्रतिरोध बढ़ाने में उपयोगी है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-69,प्रश्न-110
| |
| |type="()"}
| |
| -[[कैल्सियम]]
| |
| -[[फॉस्फोरस]]
| |
| -[[नाइट्रोजन]]
| |
| +[[पोटैशियम]]
| |
|
| |
| {एक समय में बीज एवं खाद की बुआई एक साथ करने वाला यंत्र कौन-सा है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-73,प्रश्न-25
| |
| |type="()"}
| |
| -सीडड्रिल
| |
| -डिबलर
| |
| -हल के पीछे बीज बोना
| |
| +फर्टी-कम सीडड्रिल
| |
| ||फर्टी-कम सीडड्रिल द्वारा केवल बीज की बुआई की जाती है तथा डिबलर द्वारा 75 से.मी. लम्बे बने खूँटी की मदद से बुआई की जाती है।
| |
|
| |
| {अंत: शिराओं में क्लोरोसिस किसकी कमी से होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-105
| |
| |type="()"}
| |
| -[[नाइट्रोजन]] (N)
| |
| -[[मैग्नीशियम]]) (Mg)
| |
| -[[सल्फर]] (S)
| |
| +[[आयरन]] (Fe)
| |
| ||अंत:शिराओं में क्लोरोसिस [[आयरन]] की कमी से होती है। [[मैग्नीशियम]] की कमी से शिराएँ पीली हो जाती हैं। [[नाइट्रोजन]] की कमी से पौधों में हरिमा हीन आ जाती है।
| |
|
| |
| {पशु-मांस निम्न में से किसका अच्छा स्त्रोत है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-82,प्रश्न-35
| |
| |type="()"}
| |
| -सीएचओ
| |
| +[[प्रोटीन]]
| |
| -[[विटामिन]]
| |
| -हरित लवक
| |
| ||पशु-मांस [[प्रोटीन]] का अच्छा स्त्रोत माना जाता है। अनाज कार्बोहाइड का प्रमुख स्त्रोत है। [[विटामिन]] फलों से प्राप्त होती है और [[वसा]] का मुख्य स्त्रोत [[घी]] है तथा खनिज लवणों का मुख्य स्त्रोत हरी सब्जियाँ होती हैं।
| |
|
| |
| {एस. आर. आई. तकनीक किस फ़सल के लिए प्रयोग की जाती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-83,प्रश्न-46
| |
| |type="()"}
| |
| +[[धान]]
| |
| -[[गेहूँ]]
| |
| -[[मक्का]]
| |
| -[[मूँगफली]]
| |
| ||एस. आर. आई. तकनीक का प्रयोग [[धान]] में किया जाता है। यह धान की पौध उगाने की विधि है। इसमें 8-11 दिन में पौध तैयार हो जाती है।
| |
|
| |
| {कृषि लागत एवं मूल्य आयोग निर्धारित करता है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-105
| |
| |type="()"}
| |
| -फुटकर मूल्य
| |
| +समर्थन मूल्य
| |
| -थोक मूल्य
| |
| -इनमें से कोई नहीं
| |
|
| |
| {[[अरहर]] में प्रति हैक्टेयर [[नाइट्रोजन]] कितना डाला जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-33,प्रश्न-41
| |
| |type="()"}
| |
| +15-20 कि.ग्रा.
| |
| -45-60 कि.ग्रा.
| |
| -35-45 कि.ग्रा.
| |
| -60-75 कि.ग्रा.
| |
| ||[[अरहर]] के पौधे स्वयं ही अपनी [[नाइट्रोजन]] की जरूरत को अपनी जड़ों में पाई जाने वाली ग्रंथियों में उपस्थित राइजोबियम जीवाणुओं की मदद से वातावरण की नाइट्रोजन को लेकर पूरा कर लेते हैं। प्रारम्भ में जब तक कि राइजोबियम जीवाणुओं का कार्य तेज गति से शुरू नहीं हो जाता है, पौधों को भूमि से ही नाइट्रोजन लेनी होती हैं। अत: कमज़ोर व बलुई भूमियों में जिनमें जीवांश की मात्रा कम हो, प्रति हेक्टेयर करीब 15-20 किलोग्राम नाइट्रोजन डालना जरूरी होता है।
| |
|
| |
| {[[गेहूँ]] में 'इयर कॉकिल बीमारी' किससे होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-41,प्रश्न-36
| |
| |type="()"}
| |
| -[[जीवाणु]]
| |
| +सूत्रकृमि
| |
| -फफूँदी
| |
| -[[वायरस]]
| |
| ||गेहूँ में 'इयर कॉकिल' रोग-एग्वीना ट्रिटिसाई नेमेटोड (सूत्रकृमि) के द्वारा लगता है।
| |
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| {'[[चिपको आंदोलन]]' किससे सम्बंधित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-40
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| -[[जल]] की रक्षा
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| +[[वृक्ष]] की रक्षा
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| -प्राचीन स्मारकों की रक्षा
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| -वन्य-जीव की रक्षा
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| {'Seed Plot Technique' किस फ़सल के लिए अपनाई जाती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-69,प्रश्न-111 | | {'Seed Plot Technique' किस फ़सल के लिए अपनाई जाती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-69,प्रश्न-111 |
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