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{दलहनी फ़सलें फ़सल प्रणाली के लिए उपयुक्त होती हैं, वे हैं- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-71,प्रश्न-1 | |||
|type="()"} | |||
+कम समय वाली फ़सलें | |||
-रोगरोधी फ़सलें | |||
-लम्बे समय वाली फ़सलें | |||
-नमी दबावरोधी फ़सलें | |||
||कम अवधि वाली दलहनी प्रजाति फ़सल प्रणाली के लिए उपयुक्त होती है, जबकि दलहनी फ़सलों के अच्छे उत्पादन के लिए रोगरोधी किस्मों को उगाया जाता है। | |||
{माया निम्न में से किसकी प्रजाति है?(कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-71 | |||
|type="()"} | |||
-[[आलू]] | |||
-[[चना]] | |||
-[[मटर]] | |||
+राई | |||
||'माया' राई की प्रजाति का नाम है। राई की अन्य किस्में इस प्रकार है- वरुणा, वरदान, शेखर, रोहिणी, वैभव, लाहा-101, पूजा जय किसान एवं क्रांति आदि। | |||
{नीलम निम्न में से किसकी प्रजाति है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-91 | |||
|type="()"} | |||
-[[पपीता]] | |||
+[[आम]] | |||
-[[अंगूर]] | |||
-[[सेब]] | |||
||[[आम]] - नीलम, [[पपीता]] - सूर्या, [[अंगूर]] - अकी चित्रा, [[सेब]] -रेड डेलीसियम | |||
{[[धान]] तथा [[गेहूँ]] में कितने-कितने पुंकेसर पाये जाते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-80,प्रश्न-1 | |||
|type="()"} | |||
-3, 3 | |||
-6, 6 | |||
-3, 6 | |||
+6, 3 | |||
||[[धान]] का वानस्पतिक नाम आरोइजा सेटाइवा है। इसमें [[वसा]] की मात्रा 2-2.5% एवं [[प्रोटीन]] की मात्रा 6-7% तक पायी जाती है। धान में पुंकेसर की संख्या 6 एवं [[गेहूँ]] में पुंकेसर की संख्या 3 पायी जाती है। | |||
{निम्नलिखित में से किसे उत्पादन की स्थित लागत में सम्मिलित किया जाता है?(कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-8,प्रश्न-1 | |||
|type="()"} | |||
-कच्चे माल की कीमत | |||
-अस्थायी श्रमिकों की मजदूरी | |||
-फैक्ट्री भवन का किराया | |||
+उपरोक्त सभी | |||
{[[गेहूँ]] है एक- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-71,प्रश्न-2 | |||
|type="()"} | |||
-नगदी फ़सल | |||
+खाद्यान्न फ़सल | |||
-आच्छादित फ़सल | |||
-नमी दबावरोधी फ़सल | |||
||खाद्यान्न फ़सल - [[गेहूँ]], [[धान]], जौ आदि; नगदी फ़सल - [[गन्ना]], [[आलू]]; आच्छादित फ़सल - लोबिया | |||
{श्वास रोग का कारक है खरपतवार- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-72 | |||
|type="()"} | |||
-हिरन खुरी | |||
-बथुआ | |||
+गजरी | |||
-कृष्ण नील | |||
||पस्थेनियम (गजरी) खरपतवार द्वारा मनुष्यों में श्वास नामक रोग हो जाता है। इस घास को क्रांगेस घास भी कहा जाता है। | |||
{[[मूँगफली]] की फ़सल में जब खूटियाँ (Pegs) मिट्टी में वृद्धि करती हैं, तो वे क्या बनाती हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-93 | |||
|type="()"} | |||
-जड़ें | |||
-तने | |||
-कंद | |||
+फलियाँ | |||
||[[शकरकंद]] -जड़, [[आलू]] -तना, अरवी -राइजोम तथा [[मूँगफली]] -फलियाँ। | |||
{परागकोश कितने पराग पुटों में बँटा होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-80,प्रश्न-2 | |||
|type="()"} | |||
-एक | |||
+दो | |||
-तीन | |||
-चार | |||
||परागकोश दो परग पुटों में बँटा होता है। प्रथम परागकण और द्वितीय फिलामेंट। परागकण और फिलामेंट मिलकर स्टेमेन कहलाता है। यह लेमा और पीलिया के अंदर बंद रहते हैं। | |||
{उत्पादन के असंख्य साधन मानने वाले एक अर्थशास्त्री का नाम है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-8,प्रश्न-2 | |||
|type="()"} | |||
+डेवनपोर्ट | |||
-प्रो. टॉमस | |||
-प्रो. एली | |||
-प्रो. निकल्सन | |||
{शरदकालीन गन्ना किस माह में बोया जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-71,प्रश्न-3 | |||
|type="()"} | |||
-[[फरवरी]]-[[मार्च]] | |||
-[[जुलाई]] | |||
+[[अक्टूबर]] | |||
-[[दिसम्बर]] | |||
||शरदकालीन - [[अक्टूबर]], बसंतकालीन - [[फरवरी]]-[[मार्च]], वर्षाकालीन - [[जुलाई]] | |||
{कौन-सी फ़सल अधिकतम [[नाइट्रोजन]] की मात्रा चाहती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-73 | |||
|type="()"} | |||
+[[आलू]] | |||
-[[गेहूँ]] | |||
-[[जौ]] | |||
-[[गन्ना]] | |||
||[[आलू]] की फ़सल अधिकतम [[नाइट्रोजन]] चाहने वाली है। एक हैक्टेयर आलू के उत्पादन के लिए लगभग 170-80 कि.ग्रा. नाइट्रोजन, 250 कि.ग्रा. [[फॉस्फोरस]] तथा 250 कि.ग्रा. [[पोटैशियम]] की आवश्यकता होती है। | |||
{[[जूट]] की खेती वाले क्षेत्रों में उसकी जगह सामान्य वैकल्पिक फ़सल है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-92 | |||
|type="()"} | |||
-[[गन्ना]] | |||
-[[गेहूँ]] | |||
-[[कपास]] | |||
+[[धान]] | |||
||[[जूट]] की खेती वाले क्षेत्रों में उसकी जगह सामान्य वैकल्पिक फ़सल [[धान]] की होती है; क्योंकि जूट की खेती ऐसे भागों में की जाती है जहाँ हर समय [[पानी]] भरा रहता है। | |||
{"म्यूटेशन रिसर्च" पुस्तक किसने लिखी थी? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-80,प्रश्न-3 | |||
|type="()"} | |||
-मुलर | |||
-ओरबेक | |||
-स्टेडलर | |||
+निल्सन-इनले | |||
||म्यूटेशन रिसर्च पुस्तक निल्सन-इनले ने लिखी है। यह पुस्तक म्यूटेनशन पर हुए शोध पर लिखी गयी है। | |||
{उत्पादन के साधन हैं (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-8,प्रश्न-3 | |||
|type="()"} | |||
-श्रम | |||
-भूमि | |||
+उपर्युक्त दोनों | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
{[[गेहूँ]] की समय से बुआई के लिए बीज दर है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-71,प्रश्न-4 | |||
|type="()"} | |||
-75 किलोग्राम/हैक्टेयर | |||
+100 किलोग्राम/हैक्टेयर | |||
-125 किलोग्राम/हैक्टेयर | |||
-150 किलोग्राम/हैक्टेयर | |||
||समय से बुआई -100 किलोग्राम/हैक्टेयर; देर से बुआई - 125 किलोग्राम/हैक्टेयर; डिबलर से बुआई - 25-30 किलोग्राम/हैक्टेयर | |||
{[[भारत]] में [[धान]] की प्रथम विकसित बौनी प्रजाति कौन सी है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-74 | |||
|type="()"} | |||
+जया | |||
-साकेत-4 | |||
-गोविन्द | |||
-नरेन्द्र-97 | |||
||'जया' [[भारत]] की प्रथम धान की विकसित प्रजाति है जो वाइचुंग (नेटिव-1) x T-141 के क्रॉस से निकाली गयी है। | |||
{निम्नलिखित में से किसको [[आग]] में सुखाया जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-94 | |||
|type="()"} | |||
+चबाने का तम्बाकू | |||
-चुरुट का तम्बाकू | |||
-बीड़ी का तम्बाकू | |||
-हुक्के का तम्बाकू | |||
{सामान्यतया [[धान]] की फ़सलों में किसकी कमी पायी जाती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-80,प्रश्न-4 | |||
|type="()"} | |||
-लाइसिन | |||
+मेथियोनाइन | |||
-ट्रिप्टोफेन | |||
-[[प्रोटीन]] | |||
||सामान्य रूप से [[धान]] की फ़सल में मेथियोनाइन की कमी पायी जाती है। धान में 6-7% [[प्रोटीन]], 2-3% [[वसा]] तथा लगभग 65-70% [[कार्बोहाइड्रेट]] की मात्रा पायी जाती है। | |||
{"सम्पत्ति को अधिक उपयोगी बनाना ही उत्पादन है।" यह कथन है। (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-8,प्रश्न-4 | |||
|type="()"} | |||
-डा. एली | |||
-प्रो. टॉमस | |||
+डॉ. फेयर चाइल्ड | |||
-प्रो. निकल्सन | |||
{[[गेहूँ]] में सिचाई के लिए सर्वाधिक क्रांतिक अवस्था कौन-सी है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-5 | |||
|type="()"} | |||
+सी. आर. आई. | |||
-पुष्प | |||
-[[दुग्ध]] | |||
-दाने पकना | |||
||[[गेहूँ]] की फ़सल के लिए पाँच सिंचाइयों की ज़रूरत होती है- (1) सी.आर.आई. स्टेज, (2) किल्ले निकलने समय बुआई से, (3) गाँठ बनते समय बुआई से, (4) फूल बनते समय बुआई से, (5) दुग्ध बनते समय बुआई से। | |||
{बौछारी सिंचाई मृदा की किस संरचना के लिए उपयुक्त होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-75 | |||
|type="()"} | |||
-मटियार संरचना | |||
-दोमट संरचना | |||
+ऊँची-नीची सतह | |||
-ये सभी | |||
||बौछारी सिंचाई ऊंची-नीची भूमियों में अधिक उपयुक्त होती है। | |||
{निम्नलिखित में से कौन-सी दो फ़सलें [[भारत]] में दलहन उत्पादन का लगभग 75% भाग उपलब्ध कराती हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-95 | |||
|type="()"} | |||
-[[चना]] और मूँग | |||
+[[चना]] और [[अरहर]] | |||
-मूँग और मसूर | |||
-[[अरहर]] और मूँग | |||
||विश्व में दलहन उत्पादन में [[भारत]] का प्रथम स्थान है। भारत में 75% भाग दलहन में [[चना]] और [[अरहर]] का है। | |||
{[[नीला रंग|नीले रंग]] का टेग किसके लिए निर्गत होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-80,प्रश्न-5 | |||
|type="()"} | |||
-आधारीय बीज | |||
-पंजीकृत बीज | |||
+प्रमाणित बीज | |||
-केंद्रक बीज | |||
||आधारीय बीज - [[सफ़ेद रंग|सफ़ेद]], पंजीकृत बीज - जामनी, प्रमाणित बीज - [[नीला रंग|नीला]], नाभिकीय बीज - [[पीला रंग|पीला]] | |||
{"वस्तु में अर्थ का सृजन करना ही उत्पादन है।" यह कथन है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-8,प्रश्न-5 | |||
|type="()"} | |||
-डॉ. फेयर चाइल्ड | |||
-प्रो. निकल्सन | |||
-प्रो. एली | |||
+प्रो. टॉमस | |||
{बीज शोधन---------बीमारी के नियंत्रण के लिए किया जाता है। (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-6 | |||
|type="()"} | |||
-मृदा जनित | |||
-वायु जनित | |||
+बीज जनित | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
||बीज शोधन बीज जनित बीमारियों के लिए किया जाता है। मृदा जनित बीमारियों के लिए मृदा का शोधन किया जाता है। | |||
{इन्डोसल्फान को निम्न में से क्या कहा जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-76 | |||
|type="()"} | |||
-लिनडेन | |||
+थाडोडान | |||
-आल्ड्रीन | |||
-बी.एच.सी. | |||
||इन्डोसल्फान - थायोडन; फॉस्फोमिडॉन - डायमेक्रान; फार्मोथियन - एन्थियो; फोरेटो - थिमेट। | |||
{[[मूँगफली]] की खेती में किस संवर्धन को प्राथमिकता देनी चाहिए? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-96 | |||
|type="()"} | |||
+राइजोबियम | |||
-माइकोराइजा | |||
-एजोस्पिरिला | |||
-फास्फोबैक्टीरिया | |||
||मूँगफली की खेती में राइजोबियम का प्रयोग करना चाहिए, क्योंकि राइजोबियम एक प्रकार का जीवाणुविक कल्चर होता है। | |||
{'पूसा जय किसान' कायिक क्लोनीय है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-81,प्रश्न-6 | |||
|type="()"} | |||
-बासमती धान का | |||
+भारतीय सरसों का | |||
-साईट्रोनेला जावा का | |||
-खेसारी का | |||
||'पूजा जय किसान' भारतीय सरसों का कार्मिक क्लोनीय है। उस किस्म में तेल अधिक पाया जाता है। यह किस्म मध्यम समय में पककर तैयार हो जाती है। | |||
{उत्पादन में प्रकृति का नि:शुल्क उपहार क्या है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-8,प्रश्न-6 | |||
|type="()"} | |||
+भूमि | |||
-श्रम | |||
-पूँजी | |||
-प्रबंध | |||
{क्षाररोधी फ़सल कौन-सी है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-7 | |||
|type="()"} | |||
+लोबिया | |||
-[[मटर]] | |||
-[[लहसुन]] | |||
-[[ककड़ी]] | |||
{निम्न में से कौन सर्वांगी विष है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-77 | |||
|type="()"} | |||
-मेटासिस्टॉक्स | |||
-फॉस्फोमिडॉन | |||
-फोरेट | |||
+ये सभी | |||
||सर्वांगी विष- 1. श्राडान, 2. डेमेटान, सिस्टाक्ट, 3.मेटासिस्टॉक्स, 4.डाइमेथियोन, 5.फॉस्फोमिडॉन, 6.फोरेट, 7. फास ड्रिन, 8.थायो डेमेटान। | |||
{[[धान]] बीज के अंकुरण के लिए अनुकूलतम मुख्य तापमान बिंदु क्या है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-97 | |||
|type="()"} | |||
+20 <sup>°</sup>C-25 <sup>°</sup>C | |||
-18 <sup>°</sup>C-2 <sup>°</sup>C | |||
-37 <sup>°</sup>C-39 <sup>°</sup>C | |||
-30 <sup>°</sup>C-32 <sup>°</sup>C | |||
||[[धान]] के बीच के अंकुरण के लिए अनुकूलतम मुख्य तापमान 20 <sup>°</sup>C-25 <sup>°</sup>C होता है। [[गेहूँ]] की बुआई के समय अनुकूलतम तापमान 5 <sup>°</sup>C-15 <sup>°</sup>C होता है। [[गेहूँ]] की बुआई के समय अनुकूलतम तापमान 5 <sup>°</sup>C-15 <sup>°</sup>C तक होना चाहिए। | |||
{विनियम किस अवस्था में होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-81,प्रश्न-7 | |||
|type="()"} | |||
-लेप्टोटीन | |||
-जाइगोटीन | |||
+पेचीटीन | |||
-डिप्लोटीन | |||
{भूमि के लक्षण हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-8,प्रश्न-7 | |||
|type="()"} | |||
-भूमि परिमाण में सीमित है | |||
-भूमि उत्पादन का प्राथमिक साधन है | |||
-भूमि प्रकृति की देन है | |||
+ये सभी | |||
{निम्न में से कौन सी [[गाय]] की दुग्धशाला प्रजाति नहीं है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-8 | |||
|type="()"} | |||
-साहीवाल | |||
-सिन्धी | |||
+[[नागौरी गाय]] | |||
-गिरि | |||
||साहीवाल - दुधारु प्रजाति; सिंधी - दुधरु प्रजाति; गिरि - दुधारु प्रजाति; [[नागौरी गाय|नागौरी]] - दुकाजी प्रजाति | |||
{डी.डी.वी.पी. को निम्न में से और क्या कहा जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-78 | |||
|type="()"} | |||
+न्यूवान | |||
-मैलाथियान | |||
-थायोडान | |||
-सल्फेक्स | |||
||डी.डी.वी.पी. को न्यूवान कहा जाता है। यह एक टेन स्पर्श, आंतरिक और धुम्रक विष है। यह लगभग 10-15 मिनट में कीटों को मार देता है | |||
{[[गेहूँ]] के साथ मिश्रित खेती के लिए निम्नलिखित में से कौन उपयुक्त होगा? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-98 | |||
|type="()"} | |||
+सरसों | |||
-ज्वार | |||
-[[कपास]] | |||
-[[पत्तागोभी]] | |||
{अगुणित किस प्रकार के युग्मक पैदा करते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-81,प्रश्न-8 | |||
|type="()"} | |||
-n+1 | |||
-n-1 | |||
+n | |||
-n+1-1 | |||
||अगुणित युग्मकों की उत्पत्ति जिससे निषेचन के बाद द्विगुणित (2n) जाइगोट बनते हैं तथा स्पीशीजों में क्रोमोसोम की संख्या अचर रहती है। | |||
{निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-8,प्रश्न-8 | |||
|type="()"} | |||
+भूमि प्रकृति का नि:शुल्क उपहार है | |||
-भूमि का आर्थिक लगान से कोई सम्बंध नहीं हैं | |||
-भूमि उत्पादन का सक्रिय साधन है | |||
-भूमि मानव द्वारा सृजित उत्पत्ति का साधन है | |||
{भण्डारित अनाज कीटों के नुकसान से बचाने के लिए दाना नमी की सीमा क्या है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-9 | |||
|type="()"} | |||
+<10% | |||
->10% | |||
-10% | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
||भण्डारित अनाज कीटों के नुकसान से बचाने के लिए दानों में 10% से कम नमी का होना ज़रूरी है। इससे कम या ज़्यादा नमी बीज के लिए हानिकारक होती है। | |||
{वाइटावेक्स से बीज शोधन की मुख्य नियंत्रण विधि कौन सी है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-77,प्रश्न-79 | |||
|type="()"} | |||
+अनावृत कंडुअ | |||
-गेरुई | |||
-तुलासिता | |||
-ये सभी | |||
{[[धान]] में खैरा रोग की रोकथाम के लिए छिड़काव किया जाता है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-99 | |||
|type="()"} | |||
-बोरेक्स | |||
-कॉपर सल्फेट | |||
+जिंक सल्फेट | |||
-कैल्सियम सल्फेट | |||
||[[धान]] की फ़सल में खैरा रोग [[जिंक]] की कमी से लगता है, इसमें पौधों की पत्तियाँ पीली होकर गिर जाती हैं। इसकी रोकथाम के लिए जिंक सल्फेट का प्रयोग किया जाता है। | |||
{सुप्रतिष्ठित [[गन्ना|गन्ने]] का वानस्पतिक नाम है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-81,प्रश्न-9 | |||
|type="()"} | |||
-सैकेरम ओफीसिनेरम | |||
+सैकेरम बारबेरी | |||
-सैकेरम स्पोन्टेनीयस | |||
-सैकेरम साइनेन्सिस | |||
||सुप्रिष्ठित गन्ने का वानस्पतिक नाम सैकेरम ओफीसिनेरम है जिसमें क्रोमोसोम की संख्या 2n=80 पायी जाती है। इस [[गन्ना|गन्ने]] में चीनी की मात्रा 8% तथा गुड़ की मात्रा 10% तक पायी जाती है। | |||
{[[अर्थशास्त्र]] में भूमि का क्या अर्थ है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-8,प्रश्न-9 | |||
|type="()"} | |||
-[[मिट्टी]] | |||
+प्रकृति का नि:शुल्क उपहार | |||
-[[कृषि]] योग्य भूमि | |||
-समस्त भूखण्ड | |||
{[[भारत]] में निम्न में से किस कीट/रोगनाशी को रोका गया? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-10 | |||
|type="()"} | |||
-रोगार | |||
+डी.डी.टी. | |||
-मेटासिस्टॉक्स | |||
-डिमेक्रान | |||
||मनुष्यों के लिए नुकसानदायक होने के कारण तथा कीटों द्वारा सहनशील होने के कारण सरकार द्वारा डी.डी.टी. की बिक्री पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया। | |||
{[[जौ]] की आवृत कंडुआ बीमारी है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-80 | |||
|type="()"} | |||
+बाह्य बीज जनित | |||
-आंतरिक बीज जनित | |||
-वायु जनित | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
||जौ की बाह्य बीज जनित बीमरी आवृत कंडुआ है तथा गेरुए रोग वायुजनित है। | |||
{राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एन.एस.आई.) कहाँ स्थित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-100 | |||
|type="()"} | |||
-[[लखनऊ]] | |||
-[[वाराणसी]] | |||
+[[कानपुर]] | |||
-[[नई दिल्ली]] | |||
{सफ़ेद भृंगाक का वैज्ञानिक नाम क्या है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-81,प्रश्न-10 | |||
|type="()"} | |||
-हेलिकोवरपा आरमिजेरा | |||
+होलोट्राइकिया कोन्सेन्गोनिया | |||
-स्पोडोप्टेरा लाइटूरा | |||
-बमेरिया टबेसाई | |||
||हेलिकोवरपा आरमिजेरा -चने की सूँड़ी, होलोट्राइकिया कोन्सेन्गोनिया -सफ़ेद भृंगक, स्पोडोप्टेरा लाइटूरा -कारब वर्ग, बमेरिया टबेसाई -सफ़ेद मक्खी। | |||
{भूमि क्या है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-8,प्रश्न-10 | |||
|type="()"} | |||
-सक्रिय साधन | |||
-असीमित | |||
-गतिशील | |||
+उर्वरा शक्ति भिन्न-भिन्न होती है | |||
</quiz> | </quiz> | ||
|} | |} | ||
|} | |} |
10:28, 26 अप्रैल 2017 का अवतरण
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