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सुमन कल्याणपुर का परिचय
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पूरा नाम | सुमन कल्याणपुर |
जन्म | 28 जनवरी, 1937 |
जन्म भूमि | ढाका |
अभिभावक | शंकर राव हेमाडी |
पति/पत्नी | रामानंद कल्याणपुर |
कर्म भूमि | मुम्बई |
कर्म-क्षेत्र | फ़िल्म संगीत (पार्श्वगायिका) |
विषय | भारतीय शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत, भजन, गज़ल |
पुरस्कार-उपाधि | दादा साहब फाल्के पुरस्कार |
नागरिकता | भारतीय |
मुख्य गीत | इक जुर्म करके हमने चाहा था मुस्कुराना, परबतों के पेड़ों पर, ये मौसम रंगीन समां, आजकल तेरे मेरे प्यार के चर्चे हर जुबान पर |
अन्य जानकारी | करीब 28 साल के अपने करियर में सुमन कल्याणपुर ने पार्श्वगायन के क्षेत्र में अपना एक सम्मानजनक स्थान बनाया। |
अद्यतन | 17:44, 18 जून 2017 (IST)
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सुमन कल्याणपुर (अंग्रेज़ी: Suman Kalyanpur, जन्म- 28 जनवरी, 1937, ढाका) बेहद सुरीली पार्श्वगायिका है। जिन्होंने लता मंगेशकर के एकाधिकार के दौर में न सिर्फ अपनी एक सम्मानजनक पहचान बनाई बल्कि उस दौर के लगभग सभी दिग्गज संगीतकारों के निर्देशन में गीत भी गाए। इसके बावजूद उन्हें वो जगह कभी नहीं मिल पायी जिसकी वो हकदार थीं। शास्त्रीय गायन की ऐसी समझ, कर्णप्रिय आवाज़ और विस्तृत रेंज जैसी पार्श्वगायन के लिए जरूरी सभी खासियतों के होते हुए भी हिन्दी फ़िल्मोद्योग ने सुमन कल्याणपुर को कभी लता मंगेशकर की छाया से बाहर नहीं आने दिया। करीब तीन दशकों के अपने करियर में उन्होंने हिन्दी, मराठी, गुजराती, पंजाबी और भोजपुरी सहित एक दर्जन से भी ज्यादा भारतीय भाषाओं-बोलियों के तीन हजार से ज्यादा फ़िल्मी-गैर फ़िल्मी गीत-ग़ज़ल गाए और फिर बदलते वक्त के साथ सिनेमा को अलविदा कह दिया।[1]
परिचय
सुमन कल्याणपुर के पिता शंकर राव हेमाडी मूल रूप से मंगलौर - कर्नाटक के चित्रापुर के एक संभ्रांत सारस्वत ब्राह्मण परिवार से थे। वो सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में ऊंचे पद पर थे और नौकरी के सिलसिले में उनका काफी लंबा समय ढाका (अब बांग्लादेश) में गुज़रा था। सुमन कल्याणपुर का जन्म 28 जनवरी 1937 को कोलकाता में हुआ था। परिवार में पिता और मां सीता हेमाडी के अलावा सुमन समेत पांच बहनें और एक भाई थे जिनमें सुमन सबसे बड़ी थीं। साल 1942 में सुमन के पिता परिवार को साथ लेकर मुंबई चले आए थे।[1]
शिक्षा
पेंटिंग और संगीत में सुमन की हमेशा से दिलचस्पी थी। मुंबई के मशहूर सेंट कोलंबिया हाई स्कूल से स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए सर जे.जे.स्कूल ऑफ आर्ट्स में दाखिला ले लिया। साथ ही वो अपने पारिवारिक मित्र और पुणे की प्रभात फ़िल्म के संगीतकार पंडित 'केशवराव भोले' से गायन भी सीखने लगीं। सुमन के मुताबिक, उन्होंने गायन को महज़ शौकिया तौर पर सीखना शुरू किया था लेकिन धीरे धीरे इस तरफ उनकी गंभीरता बढ़ने लगी तो वो विधिवत रूप से 'उस्ताद खान अब्दुल रहमान खान' और 'गुरूजी मास्टर नवरंग' से संगीत की शिक्षा लेने लगीं।
विवाह
साल 1958 में मुंबई के एक व्यवसायी रामानंद कल्याणपुर से सुमन का विवाह हुआ और वो सुमन हेमाडी से सुमन कल्याणपुर बन गयीं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
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