"कालनेमि": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
राधिका सोनी (वार्ता | योगदान) No edit summary |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=कालनेमि|लेख का नाम=कालनेमि (बहुविकल्पी)}} | {{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=कालनेमि|लेख का नाम=कालनेमि (बहुविकल्पी)}} | ||
'''कालनेमि''' [[हिन्दू]] धार्मिक ग्रंथ [[रामायण]] के प्रमुख पात्रों में से एक है। यह [[लंका]] नरेश [[रावण]] का मामा था। | '''कालनेमि''' [[हिन्दू]] धार्मिक ग्रंथ [[रामायण]] के प्रमुख पात्रों में से एक है। यह [[लंका]] नरेश [[रावण]] का मामा था। | ||
==संक्षिप्त परिचय== | |||
* | *रामायण में युद्ध के समय [[मेघनाद]] की शक्ति लगने से [[लक्ष्मण]] मूर्च्छित हो गए और [[सुषेण वैद्य]] के परामर्श पर [[हनुमान]] संजीवनी बूटी लने के लिये रवाना हुये तो रावण ने उन्हेंं रोकने के लिये कालनेमि को भेजा। | ||
*रावण की आज्ञा से कालनेमि ने एक साधु का वेश बनाया और [[माया]] से तालाब, मंदिर, बाग़ आदि की रचना की। | *रावण की आज्ञा से कालनेमि ने एक साधु का वेश बनाया और [[माया]] से तालाब, मंदिर, बाग़ आदि की रचना की। | ||
*सुंदर [[आश्रम]] देखकर हनुमान जी [[पानी]] पीने के लिये रुके। [[साधु]] वेशधारी कालनेमि ने उनसे [[जल]] पीकर [[स्नान]] करने तथा ज्ञान प्राप्त करने के लिये कहा। | *सुंदर [[आश्रम]] देखकर हनुमान जी [[पानी]] पीने के लिये रुके। [[साधु]] वेशधारी कालनेमि ने उनसे [[जल]] पीकर [[स्नान]] करने तथा ज्ञान प्राप्त करने के लिये कहा। | ||
पंक्ति 12: | पंक्ति 12: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{रामायण}}{{पौराणिक चरित्र}} | {{रामायण}}{{पौराणिक चरित्र}} | ||
[[Category:पौराणिक चरित्र]][[Category:पौराणिक कोश]][[Category:रामायण]][[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]][[Category: | [[Category:पौराणिक चरित्र]][[Category:पौराणिक कोश]][[Category:रामायण]][[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]][[Category:हिन्दू धर्म कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ |
10:10, 8 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
कालनेमि | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- कालनेमि (बहुविकल्पी) |
कालनेमि हिन्दू धार्मिक ग्रंथ रामायण के प्रमुख पात्रों में से एक है। यह लंका नरेश रावण का मामा था।
संक्षिप्त परिचय
- रामायण में युद्ध के समय मेघनाद की शक्ति लगने से लक्ष्मण मूर्च्छित हो गए और सुषेण वैद्य के परामर्श पर हनुमान संजीवनी बूटी लने के लिये रवाना हुये तो रावण ने उन्हेंं रोकने के लिये कालनेमि को भेजा।
- रावण की आज्ञा से कालनेमि ने एक साधु का वेश बनाया और माया से तालाब, मंदिर, बाग़ आदि की रचना की।
- सुंदर आश्रम देखकर हनुमान जी पानी पीने के लिये रुके। साधु वेशधारी कालनेमि ने उनसे जल पीकर स्नान करने तथा ज्ञान प्राप्त करने के लिये कहा।
- हनुमान स्नान करने के लिये जल में उतरे तो मगरी ने उनका पैर पकड़ लिया। हनुमान के पैर मारते हुए मगरी अप्सरा बनकर यह कहते हुए स्वर्ग को चली गई कि वह बैठा व्यक्ति मुनि नहीं है, मायावी राक्षस है। हनुमान ने स्नान के उपरांत कालनेमि का वध कर दिया।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख