"मीनल संपत": अवतरणों में अंतर
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09:27, 12 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
मीनल संपत
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पूरा नाम | मीनल संपत |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | अंतरिक्ष विज्ञान |
प्रसिद्धि | भारतीय वैज्ञानिक |
नागरिकता | भारतीय |
संबंधित लेख | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र |
अन्य जानकारी | मिशन मंगल ग्रह को पूर्ण करने के लिए मीनल संपत ने दो वर्षों तक रविवार और राष्ट्रीय अवकाश वाले दिन भी छुट्टी नहीं ली। मीनल ने इसरो के 500 वैज्ञानिकों की टीम को बतौर सिस्टम इंजीनियर लीड किया था। |
बाहरी कड़ियाँ | 14:57, 12 जुलाई 2017 (IST)
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मीनल संपत (अंग्रेज़ी: Minal sampath) भारत की महिला वैज्ञानिक हैं। वे 'भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन' (इसरो) की श्रेष्ठ महिला वैज्ञानिकों में से एक हैं। भारत के मंगल ग्रह मिशन से जुड़ी एक सिस्टम इंजीनियर मीनल संपत एक बिना खिड़की वाले कमरे में लगातार दो साल तक देश की सबसे महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष परियोजना को पूरा करने में लगी रहीं। उन्होंने परियोजना को तेज़ी से पूरा करने के लिए एक दिन में 18-18 घंटे तक काम किया।
- मिशन मंगल ग्रह को पूर्ण करने के लिए मीनल संपत ने दो वर्षों तक रविवार और राष्ट्रीय अवकाश वाले दिन भी छुट्टी नहीं ली। मीनल ने इसरो के 500 वैज्ञानिकों की टीम को बतौर सिस्टम इंजीनियर लीड किया था।
- मीनल संपत का कहना था कि- "हमारे पास एक शानदार टीम थी और हमारे बीच एक आपसी समझ थी कि निर्धारित तारीख़ से पहले काम पूरा कर लेना है, क्योंकि प्रक्षेपण की तारीख़ पहले से निर्धारित थी और हम इस अवसर को खोना नहीं चाहते थे।"
- मीनल के लिये वह दिन 5 नवम्बर, 2013 को आया, जब मंगल ग्रह मिशन ग्रीनविच समय के अनुसार नौ बजकर आठ मिनट पर 'सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र' से प्रक्षेपित हुआ। इसके साथ ही भारत दुनिया के उन कुछ चुनिंदा देशों में शामिल हो गया, जिनके पास इस तरह की मिशन पूरा करने की क्षमता है। मीनल संपत के लिए इस परियोजना पर काम करना किसी सपने के सच होने की तरह है।
- वह बताती हैं- "मैंने जब पहली बार टीवी पर प्रक्षेपण का प्रसारण देखा था, तब मैं प्राइमरी स्कूल में थी। उसी वक़्त मेरे दिमाग़ में आया कि अगर मैं कुछ इस तरह का काम करती हूं तो कितना अच्छा रहेगा, और आज मैं यहां हूं।"
- मीनल संपत उन 500 वैज्ञानिकों में शामिल हैं, जिन्होंने इस परियोजना पर काम किया।
- भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी में काम कर रही मीनल कहती हैं कि काम के दौरान उन्हें कभी ये अहसास नहीं हुआ कि औरत होने की वजह से उनसे किसी तरह का भेदभाव हुआ हो।
- मीनल के अनुसार- "आप जो पाना चाहते हैं, उसके लिए आपको सपने देखना होगा। ये केवल आप पर निर्भर है कि आप अपने जीवन के तौर तरीक़ो को कैसे तय करते हैं।"
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- जानिए उन सात महिलाओं के बारे में जिन्होंने इसरो की सफलता में अदा किया बड़ा रोल
- एक मिशन, जिससे जुड़ा है 'मीनल का सपना'
- इन महिलाओं की वजह से भारत ने रचा इतिहास
- पीएसएलवी सी 17: तीन महिला वैज्ञानिको के हाथ जीसैट 12 की कमान
- भारत को अंतरिक्ष में भेजने वाली महिलाएं