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*पांचवीं कक्षा तक कृति फौजदार ने शिक्षा दो स्कूलों से प्राप्त की, जिसमें एक निजी था, क्योंकि वहां शिक्षा की दर सबसे अच्छी थी और दूसरा सरकारी स्कूल था, क्योंकि निजी स्कूल को कहीं से भी मान्यता प्राप्त नहीं थी।
*पांचवीं कक्षा तक कृति फौजदार ने शिक्षा दो स्कूलों से प्राप्त की, जिसमें एक निजी था, क्योंकि वहां शिक्षा की दर सबसे अच्छी थी और दूसरा सरकारी स्कूल था, क्योंकि निजी स्कूल को कहीं से भी मान्यता प्राप्त नहीं थी।
*पांचवीं कक्षा के बाद आगे की शिक्षा उन्होंने [[मध्य प्रदेश]] से अपनी मौसी के पास रह कर की।
*पांचवीं कक्षा के बाद आगे की शिक्षा उन्होंने [[मध्य प्रदेश]] से अपनी मौसी के पास रह कर की।
*कृति फौजदार [[कर्नाटक]] के शहर हसन में [[इसरो]] में [[2013]] से बतौर कंप्यूटर वैज्ञानिक काम करती हैं। वे संस्था में मौजूद मास्टर कंट्रोल फैसिलिटी (एमसीएफ) में काम करती हैं, जिस पर भू-स्थित उपग्रहों, जैसे- इनसेट (INSATs), [[जीसेट]] (GSATs) और [[आईआरऐनएसएस]] (IRNSSs) के पर्यवेक्षण का उपक्रम है। भू-स्थित उपग्रह जमीन से 36000 कि.मी. ऊपर [[पृथ्वी]] की परिक्रमा करते हैं। यह [[उपग्रह]] पृथ्वी के साथ समकाल में चलते हैं और स्थिर लगते हैं और लंबे समय से स्थिरता बनाए रखने के कारण [[मौसम]] और संचार के लिए बहुत अमूल्य साबित होते हैं।
*कृति फौजदार [[कर्नाटक]] के शहर हसन में [[इसरो]] में [[2013]] से बतौर कंप्यूटर वैज्ञानिक काम करती हैं। वे संस्था में मौजूद मास्टर कंट्रोल फैसिलिटी (एमसीएफ) में काम करती हैं, जिस पर भू-स्थित उपग्रहों, जैसे- इनसेट (INSATs), जीसेट (GSATs) और आईआरऐनएसएस (IRNSSs) के पर्यवेक्षण का उपक्रम है। भू-स्थित उपग्रह जमीन से 36000 कि.मी. ऊपर [[पृथ्वी]] की परिक्रमा करते हैं। यह [[उपग्रह]] पृथ्वी के साथ समकाल में चलते हैं और स्थिर लगते हैं और लंबे समय से स्थिरता बनाए रखने के कारण [[मौसम]] और संचार के लिए बहुत अमूल्य साबित होते हैं।
*मंगल परियोजना में कृति फौजदार और बाकि मास्टर कंट्रोल सुविधा टीम को यह सुनिश्चित करना था कि उपग्रह स्वस्थ रहे और उस पर [[सूर्य]] और [[चंद्रमा]] गुरुत्वाकर्षण का कोई बुरा प्रभाव न हो।
*मंगल परियोजना में कृति फौजदार और बाकि मास्टर कंट्रोल सुविधा टीम को यह सुनिश्चित करना था कि उपग्रह स्वस्थ रहे और उस पर [[सूर्य]] और [[चंद्रमा]] गुरुत्वाकर्षण का कोई बुरा प्रभाव न हो।


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10:06, 12 जुलाई 2017 का अवतरण

कृति फौजदार (अंग्रेज़ी: Kriti Faujdar) भारतीय वैज्ञानिक हैं। वे 'भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन' (इसरो) की श्रेष्ठ महिला वैज्ञानिकों में से एक हैं। कंप्‍यूटर वैज्ञानिक कृति फौजदार मास्‍टर कंट्रोल फैसिलिटी के साथ काम करती हैं। वह उस टीम का हिस्‍सा हैं जो सैटेलाइट्स और दूसरे मिशन पर नजर रखती है। कृति फौजदार पर जिम्‍मेदारी है कि अगर कुछ गलत हो रहा है तो वह उसे तुरंत ठीक कर दें।

  • कृति फौजदार का बचपन बिहार के एक प्राचीन गांव वैशाली में बीता, जो कि जैन धर्म की जन्मभूमि और बुद्ध की कर्मभूमि है।
  • पांचवीं कक्षा तक कृति फौजदार ने शिक्षा दो स्कूलों से प्राप्त की, जिसमें एक निजी था, क्योंकि वहां शिक्षा की दर सबसे अच्छी थी और दूसरा सरकारी स्कूल था, क्योंकि निजी स्कूल को कहीं से भी मान्यता प्राप्त नहीं थी।
  • पांचवीं कक्षा के बाद आगे की शिक्षा उन्होंने मध्य प्रदेश से अपनी मौसी के पास रह कर की।
  • कृति फौजदार कर्नाटक के शहर हसन में इसरो में 2013 से बतौर कंप्यूटर वैज्ञानिक काम करती हैं। वे संस्था में मौजूद मास्टर कंट्रोल फैसिलिटी (एमसीएफ) में काम करती हैं, जिस पर भू-स्थित उपग्रहों, जैसे- इनसेट (INSATs), जीसेट (GSATs) और आईआरऐनएसएस (IRNSSs) के पर्यवेक्षण का उपक्रम है। भू-स्थित उपग्रह जमीन से 36000 कि.मी. ऊपर पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं। यह उपग्रह पृथ्वी के साथ समकाल में चलते हैं और स्थिर लगते हैं और लंबे समय से स्थिरता बनाए रखने के कारण मौसम और संचार के लिए बहुत अमूल्य साबित होते हैं।
  • मंगल परियोजना में कृति फौजदार और बाकि मास्टर कंट्रोल सुविधा टीम को यह सुनिश्चित करना था कि उपग्रह स्वस्थ रहे और उस पर सूर्य और चंद्रमा गुरुत्वाकर्षण का कोई बुरा प्रभाव न हो।


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