"टॉम अल्टर": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('{{सूचना बक्सा कलाकार |चित्र=Tom-Alter.jpg |चित्र का नाम=टॉम अ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
पंक्ति 6: पंक्ति 6:
|अन्य नाम=
|अन्य नाम=
|जन्म=[[22 जून]], [[1950]]
|जन्म=[[22 जून]], [[1950]]
|जन्म भूमि=[[मसूरी]]
|जन्म भूमि=[[मसूरी]], [[उत्तराखंड]]
|मृत्यु=
|मृत्यु=[[29 सितम्बर]], [[2017]]
|मृत्यु स्थान=
|मृत्यु स्थान=[[मुम्बई]], [[महाराष्ट्र]]
|अभिभावक=
|अभिभावक=
|पति/पत्नी=
|पति/पत्नी=
पंक्ति 15: पंक्ति 15:
|कर्म-क्षेत्र=[[अभिनेता]]
|कर्म-क्षेत्र=[[अभिनेता]]
|मुख्य रचनाएँ=
|मुख्य रचनाएँ=
|मुख्य फ़िल्में=शंतरज के खिलाड़ी , राम तेरी गंगा मैली हो गयी, क्रांति, चरस, वीर जारा
|मुख्य फ़िल्में='शंतरज के खिलाड़ी', 'राम तेरी गंगा मैली हो गयी', 'क्रांति, चरस', 'वीर जारा'।
|विषय=
|विषय=
|शिक्षा=
|शिक्षा=
|विद्यालय=
|विद्यालय=
|पुरस्कार-उपाधि= [[पद्म श्री]] ([[2008]])
|पुरस्कार-उपाधि= '[[पद्म श्री]]' ([[2008]])
|प्रसिद्धि=
|प्रसिद्धि=चरित्र अभिनेता
|विशेष योगदान=
|विशेष योगदान=
|नागरिकता=भारतीय
|नागरिकता=भारतीय
पंक्ति 28: पंक्ति 28:
|शीर्षक 2=
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|पाठ 2=
|अन्य जानकारी=टॉम अल्टर ने मुकेश खन्ना के टीवी प्रोडक्शन शक्तिमान ([[1998]]-[[2002]]) में लाल बागे गुरु के रूप में भी काम किया है।
|अन्य जानकारी=टॉम अल्टर [[सचिन तेंदुलकर]] का इंटरव्यू लेने वाले पहले शख्स थे। [[1988]] में जब मास्टर ब्लास्टर सचिन 15 साल के थे, तब टॉम ने उनका पहला इंटरव्यू लिया था।
|बाहरी कड़ियाँ=
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन=05:52, 7 जुलाई 2017 (IST)
|अद्यतन=
}}
}}
'''टॉम अल्टर''' (अंग्रेज़ी ''Tom Alter''; जन्म- [[22 जून]], [[1950]], [[मसूरी]]) [[भारतीय सिनेमा]] के [[अभिनेता]] थे। इन्होंने करीब 250-300 फ़िल्मों में [[अभिनय]] किया है। [[2008]] में [[भारत सरकार]] द्वारा टॉम अल्टर को [[पद्म श्री]] से सम्मानित किया गया था।
'''टॉम अल्टर''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Tom Alter''; जन्म- [[22 जून]], [[1950]], [[मसूरी]]; मृत्यु- [[29 सितम्बर]], [[2017]], [[मुम्बई]]) [[भारतीय सिनेमा]] के [[अभिनेता]] थे। उन्होंने करीब 250-300 फ़िल्मों में [[अभिनय]] किया। [[2008]] में [[भारत सरकार]] द्वारा टॉम अल्टर को [[पद्म श्री]] से सम्मानित किया गया था। इंडियन-अमेरिकन एक्टर टॉम ने कई फ़िल्मों में काम किया, लेकिन अपने लुक की वजह से उन्हें ज्यादातर [[अंग्रेज़]] अफसरों या विदेशी चरित्र का रोल मिला। कई लोगों के लिए वह खलनायक के तौर पर सिर्फ अंग्रेज़ अफसर ही साबित हुए। हिंदी फ़िल्मों के अलावा बंगाली, असमी, मलयाली जैसी फ़िल्मों ने भी टॉम अल्टर को अंग्रेज़ करेक्टर के लिए ही काम दिया।
==परिचय ==
टॉम अल्टर का जन्म [[22 जून]], [[1950]] को [[मसूरी]]<ref>पहले उत्तर प्रदेश का ही एक भाग था।</ref>, [[उत्तराखण्ड]] में हुआ था। वे विदेशी [[माता]]-[[पिता]] की संतान थे, जन्म और निवास से वे भारतीय थे। टॉम अल्टर फर्राटेदार [[हिंदी]] बोलते थे। [[उर्दू]] में भी उन्हें महारत हासिल थी। उन्होंने करीब 300 फ़िल्मों में काम किया। [[राजेश खन्ना]] की फ़िल्म 'आराध्या' टॉम की जिंदगी में बड़ा बदलाव लाई। इसी फ़िल्म को देखने के बाद उन्होंने एक्टर बनने की ठानी और [[पुणे]] में एफ़टीआईआई में दाखिला लिया।
==राजेश खन्ना के प्रशंसक==
वह राजेश खन्ना के बहुत बड़े प्रशंसक थे। राज्यसभा टीवी के एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था- "वह राजेश खन्ना की वजह से फ़िल्मों में आए और वे भी राजेश खन्ना बनना चाहते थे।" उन्होंने बताया था कि वह राजेश खन्ना की फ़िल्म का फर्स्ट डे फर्स्ट शो देखने अक्सर मसूरी से [[दिल्ली]] आते थे। उन्होंने यहां के कनॉटप्लेस स्थित रीगल सिनेमा में राजेश खन्ना की 'आनंद', 'दुश्मन' और 'अमर प्रेम' जैसी कई फ़िल्मों के फर्स्ट शो देखे।
==कॅरियर==
टॉम अल्टर ने [[1976]] में [[रामानंद सागर]] की फ़िल्म 'चरस' से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इस फ़िल्म में टॉम के किरदार को लोगों ने खूब पसंद किया, जिसके बाद इस अभिनेता ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने 'शतरंज के खिलाड़ी', 'गांधी', 'कर्मा', 'राम तेरी गंगा मैली हो गई', 'लोकनायक' जैसी बेहतरीन फ़िल्मों में काम किया। फ़िल्म 'क्रांति' में उन्होंने ब्रिटिश ऑफिसर का रोल निभाया था। इस रोल से उन्हें लोगों के बीच जबरदस्त पॉपुलैरिटी मिली थी। विदेशी किरदार में उनकी पॉपुलैरिटी इतनी थी कि उन्होंने कन्नड़ फ़िल्म 'कन्नेश्वारा रामा' में ब्रिटिश पुलिस का रोल निभाया था। उन्होंने गुजराती, बंगाली, असमी, मलयाली फ़िल्मों में भी काम किया। टॉम अल्टर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि- "मैंने [[मौलाना अबुल कलाम आज़ाद|मौलाना आज़ाद]], [[मिर्ज़ा गालिब]], [[साहिर लुधियानवी]] का भी रोल किया है, लोगों ने मेरी एक्टिंग की तारीफ की; लेकिन किसी ने यह नहीं कहा कि करेक्टर इतना गोरा रंग क्यों है। जरूरी है कि आप भरोसे के साथ काम करें।


== संक्षिप्त परिचय ==
टॉम अल्टर ने कई इंटरनैशनल प्रोजेक्ट्स में भी काम किया। उन्होंने [[अंग्रेज़ी]] फ़िल्म 'विद लव, दिल्ली!', 'सन ऑफ फ्लावर', 'साइकिल किक', 'अवतार', 'ओसियन ऑफ अन ओल्ड मैन', 'वन नाइच विद द किंग', 'साइलेंस प्लीज...' में काम किया। टॉम अल्टर ने मुकेश खन्ना के टीवी प्रोडक्शन शक्तिमान ([[1998]]-[[2002]]) में लाल बागे गुरु के रूप में भी काम किया है।
*टॉम अल्टर का जन्म [[22 जून]], [[1950]] को [[मसूरी]] में हुआ था।
====प्रमुख भूमिकाएँ====
*ये उर्दू पढ़ सकते हैं और उर्दू शायरी के शौकीन हैं।
अपने गोरे रंग की वजह से शुरुआत में टॉम अल्टर को सिर्फ अंग्रेज़ का किरदार निभाने को मिलते थे, जिसके बाद उन्होंने [[1977]] में एफ़टीआईआई दोस्त [[नसीरुद्दीन शाह]] और बेनजमिन गिलानी के साथ 'मोटली' नाम का थियेटर ग्रुप खोला। उन्होंने [[2014]] में राज्यसभा टीवी के शो संविधान में मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का रोल निभाया। जिसमें उनके किरदार को काफी सराहा गया।
*टॉम अल्टर ज्यादातर विलेन और [[अंग्रेज़]] के रोल निभाते थे।
*वैकल्पिक रूप से [[हिंदी]], [[उर्दू]] और [[भारतीय संस्कृति]] के जानकार हैं।
*टॉम अल्टर ने मुकेश खन्ना के टीवी प्रोडक्शन शक्तिमान ([[1998]]-[[2002]]) में लाल बागे गुरु के रूप में भी काम किया है।
*[[2008]] में [[भारत सरकार]] द्वारा टॉम अल्टर को [[पद्म श्री]] से सम्मानित किया गया था।
*टॉम अल्टर ने 250-300 फ़िल्मों में [[अभिनय]] किया है।


*;फिल्मों तथा धारावहिक सूची-
फ़िल्मों के अतिरिक्त टॉम अल्टर ने अपने कॅरियर का लंबा वक्त थिएटर को दिया। टॉम ने छोटे पर्दे पर भी काम किया। फ़िल्म 'सरगोशियां' में उन्होंने मिर्ज़ा गालिब का किरदार निभाया था। टॉम को फ़िल्मों के अलावा [[खेल]] में भी काफी दिलचस्पी थी। वे [[सचिन तेंदुलकर]] का इंटरव्यू लेने वाले पहले शख्स थे। [[1988]] में जब मास्टर ब्लास्टर सचिन 15 साल के थे, तब टॉम ने उनका पहला इंटरव्यू लिया था।
====सम्मान====
[[2008]] में [[भारत सरकार]] द्वारा टॉम अल्टर को [[पद्म श्री]] से सम्मानित किया गया था।
==फ़िल्मों तथा धारावहिक सूची==
फ़िल्म तथा धारावहिक सूची
<center>
{| class="wikitable"
{| class="wikitable"
|-
|-
पंक्ति 141: पंक्ति 147:
|-
|-
|[[1997]]||वेताल पचीसी
|[[1997]]||वेताल पचीसी
|}
|}</center>
 
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
पंक्ति 149: पंक्ति 157:
[[Category:अभिनेता]][[Category:सिनेमा]][[Category:कला कोश]][[Category:सिनेमा कोश]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:चरित कोश]]
[[Category:अभिनेता]][[Category:सिनेमा]][[Category:कला कोश]][[Category:सिनेमा कोश]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:चरित कोश]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__

07:41, 30 सितम्बर 2017 का अवतरण

टॉम अल्टर
टॉम अल्टर
टॉम अल्टर
पूरा नाम टॉम अल्टर
जन्म 22 जून, 1950
जन्म भूमि मसूरी, उत्तराखंड
मृत्यु 29 सितम्बर, 2017
मृत्यु स्थान मुम्बई, महाराष्ट्र
कर्म भूमि मुम्बई
कर्म-क्षेत्र अभिनेता
मुख्य फ़िल्में 'शंतरज के खिलाड़ी', 'राम तेरी गंगा मैली हो गयी', 'क्रांति, चरस', 'वीर जारा'।
पुरस्कार-उपाधि 'पद्म श्री' (2008)
प्रसिद्धि चरित्र अभिनेता
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी टॉम अल्टर सचिन तेंदुलकर का इंटरव्यू लेने वाले पहले शख्स थे। 1988 में जब मास्टर ब्लास्टर सचिन 15 साल के थे, तब टॉम ने उनका पहला इंटरव्यू लिया था।

टॉम अल्टर (अंग्रेज़ी: Tom Alter; जन्म- 22 जून, 1950, मसूरी; मृत्यु- 29 सितम्बर, 2017, मुम्बई) भारतीय सिनेमा के अभिनेता थे। उन्होंने करीब 250-300 फ़िल्मों में अभिनय किया। 2008 में भारत सरकार द्वारा टॉम अल्टर को पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। इंडियन-अमेरिकन एक्टर टॉम ने कई फ़िल्मों में काम किया, लेकिन अपने लुक की वजह से उन्हें ज्यादातर अंग्रेज़ अफसरों या विदेशी चरित्र का रोल मिला। कई लोगों के लिए वह खलनायक के तौर पर सिर्फ अंग्रेज़ अफसर ही साबित हुए। हिंदी फ़िल्मों के अलावा बंगाली, असमी, मलयाली जैसी फ़िल्मों ने भी टॉम अल्टर को अंग्रेज़ करेक्टर के लिए ही काम दिया।

परिचय

टॉम अल्टर का जन्म 22 जून, 1950 को मसूरी[1], उत्तराखण्ड में हुआ था। वे विदेशी माता-पिता की संतान थे, जन्म और निवास से वे भारतीय थे। टॉम अल्टर फर्राटेदार हिंदी बोलते थे। उर्दू में भी उन्हें महारत हासिल थी। उन्होंने करीब 300 फ़िल्मों में काम किया। राजेश खन्ना की फ़िल्म 'आराध्या' टॉम की जिंदगी में बड़ा बदलाव लाई। इसी फ़िल्म को देखने के बाद उन्होंने एक्टर बनने की ठानी और पुणे में एफ़टीआईआई में दाखिला लिया।

राजेश खन्ना के प्रशंसक

वह राजेश खन्ना के बहुत बड़े प्रशंसक थे। राज्यसभा टीवी के एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था- "वह राजेश खन्ना की वजह से फ़िल्मों में आए और वे भी राजेश खन्ना बनना चाहते थे।" उन्होंने बताया था कि वह राजेश खन्ना की फ़िल्म का फर्स्ट डे फर्स्ट शो देखने अक्सर मसूरी से दिल्ली आते थे। उन्होंने यहां के कनॉटप्लेस स्थित रीगल सिनेमा में राजेश खन्ना की 'आनंद', 'दुश्मन' और 'अमर प्रेम' जैसी कई फ़िल्मों के फर्स्ट शो देखे।

कॅरियर

टॉम अल्टर ने 1976 में रामानंद सागर की फ़िल्म 'चरस' से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इस फ़िल्म में टॉम के किरदार को लोगों ने खूब पसंद किया, जिसके बाद इस अभिनेता ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने 'शतरंज के खिलाड़ी', 'गांधी', 'कर्मा', 'राम तेरी गंगा मैली हो गई', 'लोकनायक' जैसी बेहतरीन फ़िल्मों में काम किया। फ़िल्म 'क्रांति' में उन्होंने ब्रिटिश ऑफिसर का रोल निभाया था। इस रोल से उन्हें लोगों के बीच जबरदस्त पॉपुलैरिटी मिली थी। विदेशी किरदार में उनकी पॉपुलैरिटी इतनी थी कि उन्होंने कन्नड़ फ़िल्म 'कन्नेश्वारा रामा' में ब्रिटिश पुलिस का रोल निभाया था। उन्होंने गुजराती, बंगाली, असमी, मलयाली फ़िल्मों में भी काम किया। टॉम अल्टर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि- "मैंने मौलाना आज़ाद, मिर्ज़ा गालिब, साहिर लुधियानवी का भी रोल किया है, लोगों ने मेरी एक्टिंग की तारीफ की; लेकिन किसी ने यह नहीं कहा कि करेक्टर इतना गोरा रंग क्यों है। जरूरी है कि आप भरोसे के साथ काम करें।

टॉम अल्टर ने कई इंटरनैशनल प्रोजेक्ट्स में भी काम किया। उन्होंने अंग्रेज़ी फ़िल्म 'विद लव, दिल्ली!', 'सन ऑफ फ्लावर', 'साइकिल किक', 'अवतार', 'ओसियन ऑफ अन ओल्ड मैन', 'वन नाइच विद द किंग', 'साइलेंस प्लीज...' में काम किया। टॉम अल्टर ने मुकेश खन्ना के टीवी प्रोडक्शन शक्तिमान (1998-2002) में लाल बागे गुरु के रूप में भी काम किया है।

प्रमुख भूमिकाएँ

अपने गोरे रंग की वजह से शुरुआत में टॉम अल्टर को सिर्फ अंग्रेज़ का किरदार निभाने को मिलते थे, जिसके बाद उन्होंने 1977 में एफ़टीआईआई दोस्त नसीरुद्दीन शाह और बेनजमिन गिलानी के साथ 'मोटली' नाम का थियेटर ग्रुप खोला। उन्होंने 2014 में राज्यसभा टीवी के शो संविधान में मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का रोल निभाया। जिसमें उनके किरदार को काफी सराहा गया।

फ़िल्मों के अतिरिक्त टॉम अल्टर ने अपने कॅरियर का लंबा वक्त थिएटर को दिया। टॉम ने छोटे पर्दे पर भी काम किया। फ़िल्म 'सरगोशियां' में उन्होंने मिर्ज़ा गालिब का किरदार निभाया था। टॉम को फ़िल्मों के अलावा खेल में भी काफी दिलचस्पी थी। वे सचिन तेंदुलकर का इंटरव्यू लेने वाले पहले शख्स थे। 1988 में जब मास्टर ब्लास्टर सचिन 15 साल के थे, तब टॉम ने उनका पहला इंटरव्यू लिया था।

सम्मान

2008 में भारत सरकार द्वारा टॉम अल्टर को पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।

फ़िल्मों तथा धारावहिक सूची

फ़िल्म तथा धारावहिक सूची

वर्ष फ़िल्म
2016 अनुरागा करिककीन वेल्लम
2016 रेड्रूम - हत्या की कहानी
2014 यहाँ के हम सिकंदर
2014 डाप्टर- स्कूल बैग
2014 होनर किलर
2013 द कॉर्नर टेबल
2012 केवी राइट जैश
2012 एम. क्रीम
2012 लाइफ की तो लग गयी
2011 विद लव दिल्ली
2011 सन ऑफ फ्लावर
2011 साइकिल किक
2011 योर मारिया
2010 जानलेवा
2008 ओसिन ऑफ एन आ ओल्ड मैन
2007 कैलाशी केलेनकारी
2007 भेजा फ्राई
2006 वन नाइट विद द दिन
2005 द राईज़िंग:बलाल्ड ऑफ मंगल पांडे
2005 विरुद्ध फ़ैमिली कमस फस्ट
2004 लोकनायक
2004 वीर जारा
2004 असंभव
2004 एतवार
2004 ये है चक्कर बक्कर बम्बे वो
2003 हवाएँ
2003 ढूंढ द फोग
2002 दिल विल प्यार व्यार
1997 शक्तिमान
1997 केप्टन वियोम
1993 सरदार
1992 जुनुन
1990 आशिकी
1987 परिंदा
1988 सोने पे सुहागा
1986 करम
1985 राम तेरी गंगा मैली
1982 गांधी
1981 क्रांति
1978 देश परदेश
1977 राम भरोसे
1977 शंतरज के खिलाड़ी
1976 चरस
वर्ष धारावहिक
1993-1997 जवान संभालके
2003 हातीम
1997 वेताल पचीसी


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पहले उत्तर प्रदेश का ही एक भाग था।

संबंधित लेख