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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
| {[[भारत]] में हिन्द-यूनानी शासन की स्थापना से पूर्व सिक्कों का प्रसारण किसके द्वारा किया जाता था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-218,प्रश्न-759
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| -शासकों
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| -व्यक्तिगत व्यापारियों
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| -व्यापारिक निगमों
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| +उपर्युक्त सभी
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| {[[गुप्तकाल|गुप्तकालीन]] जनपदों की सूची में प्रथम जनपद का सम्मान निम्न में से किसे दिया गया? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-230,प्रश्न-944
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| +[[मालवा]]
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| -[[मगध]]
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| -[[प्रयाग]]
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| -उपर्युक्त में से कोई नहीं
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| {[[कालिदास]] के किस [[ग्रंथ]] में प्रत्यभिज्ञा दर्शन का निरूपण हुआ है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-225,प्रश्न-861
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| -[[रघुवंश महाकाव्य|रघुवंश]]
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| -[[कुमारसम्भव]]
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| +[[अभिज्ञान शाकुंतलम्|अभिज्ञान शाकुंतलम]]
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| -[[मेघदूत]]
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| {आरम्भिक तमिल लेखों पर किन [[भाषा|भाषाओं]] का प्रभाव नहीं था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-228,प्रश्न-915
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| -[[संस्कृत भाषा|संस्कृत]]
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| -[[प्राकृत भाषा|प्राकृत]]
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| -[[पालि भाषा|पालि]]
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| +[[कन्नड़]]
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| {[[गुप्तोत्तर काल|गुप्तोत्तरकालीन]] भूमि व्यवस्था के बारे में कौन-सा कथन सत्य है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-234,प्रश्न-1002
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| |type="()"}
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| -अर्थव्यवस्था कृषि मूलक थी।
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| -राज सत्ता भू-सम्पत्ति से घनिष्ठ रूप से संबद्ध हो गयी।
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| -अभिलेखों में सामूहिक स्वामित्व के साक्ष्य प्राप्त होते हैं।
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| +उपर्युक्त सभी
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| {[[दीनार]] के विषय में निम्नलिखित कथनों में से कौन सही है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-239,प्रश्न-1074
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| |type="()"}
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| -इसका आशय एक स्वर्ण सिक्के से था।
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| -इसका आशय [[गुप्तकाल]] में प्रचालित एक सिक्के से था।
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| -इसका प्रयोग केवल भूमि के क्रय-विकेय के लिए होता था।
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| +उपर्युक्त सभी
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| {[[चोल|चोलो]] ने निम्न में से किसके सिक्के चलवाये? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-243,प्रश्न-1125
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| |type="()"}
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| +[[सोना]], [[चाँदी]], [[ताँबा]]
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| -सोना, चाँदी, राँगा
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| -चाँदी, राँगा, ताँबा
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| -[[सीसा]], [[सोना]], [[चाँदी]]
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| {[[पाल वंश|पालों]] एवं [[प्रतिहार साम्राज्य|प्रतिहारों]] के अंतर्गत '[[पट्टला]]' से आशय क्या था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-247,प्रश्न-1169
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| |type="()"}
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| +विषय से छोटे एकाश
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| -भुक्ति से छोटे एकाश
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| -मंडल से छोटे एकाश
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| -इनमें से कोई नहीं
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| {[[बुद्ध]] के अनुसार सभी मानवीय दु:खों का कारण तृष्णा है, जिसका अर्थ है- (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-202,प्रश्न-486
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| |type="()"}
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| -सांसारिक वस्तुओं की [[इच्छा]]
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| +भौतिक सुखों एवं सांसारिक भोग-विलास की इच्छा
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| -सांसारिक या भौतिक अनुरक्ति
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| -मन की अतिशय क्रियाशीलता
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| {[[मौर्य काल|मौर्य]] शासन-व्यवस्था में रूपदर्शक अधिकारी था- (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-212,प्रश्न-654
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| -[[चाँदी]] तथा अन्य धातुओं का परीक्षा
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| -गणिकाओं का अध्यक्ष
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| -[[रंगमंच]] का प्रबन्धक
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| +सिक्कों का प्रबन्धक
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| {सर्वाधिक संख्या में रोमन सिक्के कहाँ से पाए गए हैं? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-218,प्रश्न-760 | | {सर्वाधिक संख्या में रोमन सिक्के कहाँ से पाए गए हैं? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-218,प्रश्न-760 |
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