"कबीर केवल राम कह -कबीर": अवतरणों में अंतर
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कबीर केवल राम कह, सुद्र | कबीर केवल राम कह, सुद्र ग़रीबी झालि। | ||
कूर बड़ाई बूड़सी, भारी पड़सी कालि॥ | कूर बड़ाई बूड़सी, भारी पड़सी कालि॥ | ||
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09:18, 12 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
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कबीर केवल राम कह, सुद्र ग़रीबी झालि। |
अर्थ सहित व्याख्या
कबीरदास कहते हैं कि हे मानव! तू अपनी ग़रीबी को झेलते हुए केवल प्रभु का स्मरण कर। व्यर्थ का बड़प्पन नष्ट हो जायेगा और भविष्य में यह तुझे बहुत मँहगा पड़ेगा। तू उसके बोझ से दब जायेगा।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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