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*अलवर रियासत का नाम खानज़ादा के राजा अलावर खान पर रखा गया था। अलावर खान चंद्रवंशी [[राजपूत]] नाहर खान का वंशज था, जिन्होंने 13वीं सदी में [[इस्लाम]] अपना लिया था। | *अलवर रियासत का नाम खानज़ादा के राजा अलावर खान पर रखा गया था। अलावर खान चंद्रवंशी [[राजपूत]] नाहर खान का वंशज था, जिन्होंने 13वीं सदी में [[इस्लाम]] अपना लिया था। | ||
*राजपूत नाहर खान का एक वंशज हसन खान मेवाती भी था, जिसने [[बाबर]] से युद्ध किया था। बाद में हसन खान के भतीजे ने [[मुग़लों]] से सम्बन्ध बनाये।<ref>{{cite web |url=https://www.pravakta.com/bharat-mein-deshi-riyayaten-aur-unka-itihas/ |title= भारत में देशी रियासतें और उनका इतिहास|accessmonthday= 1 सितम्बर|accessyear= 2018|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=pravakta.com |language= हिंदी}}</ref> | *राजपूत नाहर खान का एक वंशज हसन खान मेवाती भी था, जिसने [[बाबर]] से युद्ध किया था। बाद में हसन खान के भतीजे ने [[मुग़ल|मुग़लों]] से सम्बन्ध बनाये।<ref>{{cite web |url=https://www.pravakta.com/bharat-mein-deshi-riyayaten-aur-unka-itihas/ |title= भारत में देशी रियासतें और उनका इतिहास|accessmonthday= 1 सितम्बर|accessyear= 2018|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=pravakta.com |language= हिंदी}}</ref> | ||
*[[18 मार्च]], [[1948]] को अलवर स्टेट इंडिया के अधीन ले ली गयी, जो आज [[राजस्थान]] में आती है। इस [[रियासत]] ने भी [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] का ही साथ दिया था। | *[[18 मार्च]], [[1948]] को अलवर स्टेट इंडिया के अधीन ले ली गयी, जो आज [[राजस्थान]] में आती है। इस [[रियासत]] ने भी [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] का ही साथ दिया था। | ||
10:01, 1 सितम्बर 2018 का अवतरण
अलवर रियासत ब्रिटिश भारत में कछवाहा राजपूत राजवंश द्वारा शासित एक रियासत थी, जिसकी राजधानी अलवर नगर में थी। रियासत की स्थापना 1770 ई. में प्रभात सिंह प्रभाकर ने की थी।
- अलवर रियासत का नाम खानज़ादा के राजा अलावर खान पर रखा गया था। अलावर खान चंद्रवंशी राजपूत नाहर खान का वंशज था, जिन्होंने 13वीं सदी में इस्लाम अपना लिया था।
- राजपूत नाहर खान का एक वंशज हसन खान मेवाती भी था, जिसने बाबर से युद्ध किया था। बाद में हसन खान के भतीजे ने मुग़लों से सम्बन्ध बनाये।[1]
- 18 मार्च, 1948 को अलवर स्टेट इंडिया के अधीन ले ली गयी, जो आज राजस्थान में आती है। इस रियासत ने भी अंग्रेज़ों का ही साथ दिया था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारत में देशी रियासतें और उनका इतिहास (हिंदी) pravakta.com। अभिगमन तिथि: 1 सितम्बर, 2018।
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