"विजय रूपाणी": अवतरणों में अंतर
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'''विजय रूपाणी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Vijay Rupani'', जन्म- [[2 अगस्त]], [[1956]], [[रंगून]], [[म्यांमार]]) भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। | |||
==परिचय== | ==परिचय== | ||
विजय रूपाणी का जन्म 2 अगस्त 1956 को रंगून, [[बर्मा]] में मणिकलाल रूपाणी और मायाबेन के घर पर हुआ था। इसके बाद इनका [[परिवार]] बर्मा में राजनीतिक अस्थिरता के कारण [[वर्ष]] [[1960]] में [[गुजरात]] के [[राजकोट]] में आ गया था। बी.ए., एल.एल.बी. की पढ़ाई की। | विजय रूपाणी का जन्म 2 अगस्त 1956 को रंगून, [[बर्मा]] में मणिकलाल रूपाणी और मायाबेन के घर पर हुआ था। इसके बाद इनका [[परिवार]] बर्मा में राजनीतिक अस्थिरता के कारण [[वर्ष]] [[1960]] में [[गुजरात]] के [[राजकोट]] में आ गया था। बी.ए., एल.एल.बी. की पढ़ाई की। | ||
==राजनीतिक सफर== | ==राजनीतिक सफर== | ||
विजय रूपाणी शुरुआत के समय में '''अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद''' में छात्र कार्यकर्ता के रूप में जुड़े। इसके बाद यह [[राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ]] और जनसंघ में वर्ष [[1971]] में शामिल हो गए। रूपाणी [[1980]] में [[भारतीय जनता पार्टी]] से भी जुड़ गए थे। मुख्यमंत्री बनने से पहले रूपाणी गुजरात भाजपा के अध्यक्ष थे, रूपाणी भाजपा के साथ काफ़ी लंबे समय से चले आ रहे है और बेहद ही आक्रामक नेता माने जाते है। रूपाणी ने राजकोट से [[1987]] में बतौर कॉरपोरेटर अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में वह मेयर भी बने। [[आनंदी बेन पटेल|आनंदी बेन]] सरकार में रूपाणी टांसपोर्ट, वाटर सप्लाई, रोज़गार और श्रम विभागों में '''कैबिनेट मंत्री''' रह चुके है। जिसके बाद [[2006]] में रूपाणी [[गुजरात]] टुरिज़्म के प्रेसिडेंट बने और इसी साल उन्हें पार्टी ने [[राज्यसभा]] भेजा गया, रूपाणी [[2012]] तक [[राज्यसभा]] के सदस्य रहे। बाद में उन्हें [[2013]] में उन्हें '''गुजरात नगर वित्त बोर्ड''' का राष्ट्रपति भी बनाया गया और उन्हें [[2015]] में [[विधानसभा]] के चुनाव में भी जीत मिली। | विजय रूपाणी शुरुआत के समय में '''अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद''' में छात्र कार्यकर्ता के रूप में जुड़े। इसके बाद यह [[राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ]] और जनसंघ में वर्ष [[1971]] में शामिल हो गए। रूपाणी [[1980]] में [[भारतीय जनता पार्टी]] से भी जुड़ गए थे। मुख्यमंत्री बनने से पहले रूपाणी गुजरात भाजपा के अध्यक्ष थे, रूपाणी भाजपा के साथ काफ़ी लंबे समय से चले आ रहे है और बेहद ही आक्रामक नेता माने जाते है। रूपाणी ने राजकोट से [[1987]] में बतौर कॉरपोरेटर अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में वह मेयर भी बने। [[आनंदी बेन पटेल|आनंदी बेन]] सरकार में रूपाणी टांसपोर्ट, वाटर सप्लाई, रोज़गार और श्रम विभागों में '''कैबिनेट मंत्री''' रह चुके है। जिसके बाद [[2006]] में रूपाणी [[गुजरात]] टुरिज़्म के प्रेसिडेंट बने और इसी साल उन्हें पार्टी ने [[राज्यसभा]] भेजा गया, रूपाणी [[2012]] तक [[राज्यसभा]] के सदस्य रहे। बाद में उन्हें [[2013]] में उन्हें '''गुजरात नगर वित्त बोर्ड''' का राष्ट्रपति भी बनाया गया और उन्हें [[2015]] में [[विधानसभा]] के चुनाव में भी जीत मिली। | ||
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विजय रूपाणी को | विजय रूपाणी को [[गुजरात]] के 16वें [[मुख्यमंत्री]] के तौर पर चुना गया था। [[7 अगस्त]], [[2016]] (दिन रविवार) से विजय रूपाणी [[गुजरात के मुख्यमंत्री]] बनाए गए। गुजरात की राजधानी [[गाँधीनगर]] में आयोजित एक भव्य शपथ ग्रहण समारोह में उन्होंने 7 अगस्त, 2016, 12 बजकर 39 मिनट के शुभ मुहुर्त पर पद एवं गोपनीयता की शपथ ली थी। इसी के साथ उन्होंने अपने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। विजय रूपाणी को [[नरेंद्र मोदी|पीएम मोदी]] और भाजपा के [[अमित शाह]] का बेहद करीबी माना जाता है। रूपाणी के मुख्यमंत्री बनने के बाद कैबिनेट में भारी फेरबदल से साथ कुल 25 मंत्री थे, जिनमें से 8 पटेल समुदाय से तालुक रखते थे। | ||
==योगदान== | ==योगदान== | ||
विजय रूपाणी ने कहा कि सरकार ने आरक्षण के कारण सरकारी स्कूल कॉलेज में प्रवेश नहीं पा सकने वाले छात्र छात्राओं को 50 फीसदी आर्थिक सहायता देगी। पाटीदारों के ख़िलाफ़ दर्ज 390 मुकदमें वापस लिए, युवकों को जेल मुक्त किया तथा आर्थिक आधार पर 10 फीसदी आरक्षण की घोषणा की। इस पर [[उच्च न्यायालय|हाईकोर्ट]] की रोक के ख़िलाफ़ [[उच्चतम न्यायालय]] में अपील की भी इन्होंने बात कही। वहीं दलित आंदोलन पर रूपाणी ने कहा कि ऊना की घटना पर उसी दिन आरोपियों पर कार्रवाई हुई, अब तक 23 आरोपी पकड़े जा चुके हैं। पीड़ितों को सरकार ने एक एक लाख की सहायता दी तथा सी.आई.डी. क्राइम मामले की जांच कर रही है। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी राजनेता होने के साथ उम्दा किस्म के सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। [[पुत्र]] पूजित रूपाणी के आकस्मिक निधन के बाद एक बार विजय रूपाणी का राजनीति से मोह भंग हो गया लेकिन पूजित के नाम पर ट्रस्ट बनाकर उन्होंने ग़रीब बच्चों की सकूल व उच्च शिक्षा का पढ़ाई खर्च उठाना शुरू किया, अब तक ट्रस्ट की मदद से डॉक्टर, इंजीनियर के 5 बैच निकल चुके हैं, रूपाणी कहते हैं यहीं उनकी जिंदगी की जमा पूंजी है। रूपाणी ने कहा है कि देश में गौरक्षकों से प्रेम है तथा उनका आदर करते हैं। | विजय रूपाणी ने कहा कि सरकार ने आरक्षण के कारण सरकारी स्कूल कॉलेज में प्रवेश नहीं पा सकने वाले छात्र छात्राओं को 50 फीसदी आर्थिक सहायता देगी। पाटीदारों के ख़िलाफ़ दर्ज 390 मुकदमें वापस लिए, युवकों को जेल मुक्त किया तथा आर्थिक आधार पर 10 फीसदी आरक्षण की घोषणा की। इस पर [[उच्च न्यायालय|हाईकोर्ट]] की रोक के ख़िलाफ़ [[उच्चतम न्यायालय]] में अपील की भी इन्होंने बात कही। वहीं दलित आंदोलन पर रूपाणी ने कहा कि ऊना की घटना पर उसी दिन आरोपियों पर कार्रवाई हुई, अब तक 23 आरोपी पकड़े जा चुके हैं। पीड़ितों को सरकार ने एक एक लाख की सहायता दी तथा सी.आई.डी. क्राइम मामले की जांच कर रही है। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी राजनेता होने के साथ उम्दा किस्म के सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। [[पुत्र]] पूजित रूपाणी के आकस्मिक निधन के बाद एक बार विजय रूपाणी का राजनीति से मोह भंग हो गया लेकिन पूजित के नाम पर ट्रस्ट बनाकर उन्होंने ग़रीब बच्चों की सकूल व उच्च शिक्षा का पढ़ाई खर्च उठाना शुरू किया, अब तक ट्रस्ट की मदद से डॉक्टर, इंजीनियर के 5 बैच निकल चुके हैं, रूपाणी कहते हैं यहीं उनकी जिंदगी की जमा पूंजी है। रूपाणी ने कहा है कि देश में गौरक्षकों से प्रेम है तथा उनका आदर करते हैं। | ||
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विजय रूपाणी [[गुजरात]] के अकेले ऐसे बीजेपी मंत्री हैं जो [[आपातकाल]] के समय जेल जा चुके हैं। [[1971]] से संघ से जुड़े रहने वाले रूपाणी का [[नरेंद्र मोदी]] से अच्छा संबंध रहा है। | विजय रूपाणी [[गुजरात]] के अकेले ऐसे बीजेपी मंत्री हैं जो [[आपातकाल]] के समय जेल जा चुके हैं। [[1971]] से संघ से जुड़े रहने वाले रूपाणी का [[नरेंद्र मोदी]] से अच्छा संबंध रहा है। | ||
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05:39, 13 सितम्बर 2021 का अवतरण
विजय रूपाणी
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पूरा नाम | विजय रूपाणी |
जन्म | 2 अगस्त, 1956 |
जन्म भूमि | रंगून, म्यांमार |
अभिभावक | मणिकलाल रूपाणी और मायाबेन |
पति/पत्नी | अंजली रूपाणी |
संतान | 2 बेटे, 1 बेटी |
नागरिकता | भारतीय |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
पद | पूर्व मुख्यमंत्री, गुजरात- 7 अगस्त, 2016 से 12 सितम्बर, 2021 तक |
शिक्षा | बी.ए., एल.एल.बी. |
संबंधित लेख | नरेन्द्र मोदी, अमित शाह, आनंदी बेन पटेल |
अन्य जानकारी | विजय रूपाणी गुजरात से राज्यसभा सांसद 2006-2012 तक रहे हैं तथा राजकोट पश्चिम के विधानसभा सदस्य 2014 में चुने गये हैं। |
बाहरी कड़ियाँ | आधिकारिक वेबसाइट |
अद्यतन | 11:09, 13 सितम्बर 2021 (IST)
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विजय रूपाणी (अंग्रेज़ी: Vijay Rupani, जन्म- 2 अगस्त, 1956, रंगून, म्यांमार) भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वह 7 अगस्त, 2016 से 12 सितम्बर, 2021 तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे। भारतीय जनता पार्टी के साथ रूपाणी का एक लंबा कार्यकाल रहा है। वह चार बार लगातार प्रदेश बी.जे.पी. के जनरल सेक्रेटरी रह चुके हैं। विजय रूपाणी राजकोट पश्चिम में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे। वह गुजरात विधानसभा के सदस्य हैं।[1]
परिचय
विजय रूपाणी का जन्म 2 अगस्त 1956 को रंगून, बर्मा में मणिकलाल रूपाणी और मायाबेन के घर पर हुआ था। इसके बाद इनका परिवार बर्मा में राजनीतिक अस्थिरता के कारण वर्ष 1960 में गुजरात के राजकोट में आ गया था। बी.ए., एल.एल.बी. की पढ़ाई की।
राजनीतिक सफर
विजय रूपाणी शुरुआत के समय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में छात्र कार्यकर्ता के रूप में जुड़े। इसके बाद यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और जनसंघ में वर्ष 1971 में शामिल हो गए। रूपाणी 1980 में भारतीय जनता पार्टी से भी जुड़ गए थे। मुख्यमंत्री बनने से पहले रूपाणी गुजरात भाजपा के अध्यक्ष थे, रूपाणी भाजपा के साथ काफ़ी लंबे समय से चले आ रहे है और बेहद ही आक्रामक नेता माने जाते है। रूपाणी ने राजकोट से 1987 में बतौर कॉरपोरेटर अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में वह मेयर भी बने। आनंदी बेन सरकार में रूपाणी टांसपोर्ट, वाटर सप्लाई, रोज़गार और श्रम विभागों में कैबिनेट मंत्री रह चुके है। जिसके बाद 2006 में रूपाणी गुजरात टुरिज़्म के प्रेसिडेंट बने और इसी साल उन्हें पार्टी ने राज्यसभा भेजा गया, रूपाणी 2012 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। बाद में उन्हें 2013 में उन्हें गुजरात नगर वित्त बोर्ड का राष्ट्रपति भी बनाया गया और उन्हें 2015 में विधानसभा के चुनाव में भी जीत मिली।
मुख्यमंत्री
विजय रूपाणी को गुजरात के 16वें मुख्यमंत्री के तौर पर चुना गया था। 7 अगस्त, 2016 (दिन रविवार) से विजय रूपाणी गुजरात के मुख्यमंत्री बनाए गए। गुजरात की राजधानी गाँधीनगर में आयोजित एक भव्य शपथ ग्रहण समारोह में उन्होंने 7 अगस्त, 2016, 12 बजकर 39 मिनट के शुभ मुहुर्त पर पद एवं गोपनीयता की शपथ ली थी। इसी के साथ उन्होंने अपने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। विजय रूपाणी को पीएम मोदी और भाजपा के अमित शाह का बेहद करीबी माना जाता है। रूपाणी के मुख्यमंत्री बनने के बाद कैबिनेट में भारी फेरबदल से साथ कुल 25 मंत्री थे, जिनमें से 8 पटेल समुदाय से तालुक रखते थे।
योगदान
विजय रूपाणी ने कहा कि सरकार ने आरक्षण के कारण सरकारी स्कूल कॉलेज में प्रवेश नहीं पा सकने वाले छात्र छात्राओं को 50 फीसदी आर्थिक सहायता देगी। पाटीदारों के ख़िलाफ़ दर्ज 390 मुकदमें वापस लिए, युवकों को जेल मुक्त किया तथा आर्थिक आधार पर 10 फीसदी आरक्षण की घोषणा की। इस पर हाईकोर्ट की रोक के ख़िलाफ़ उच्चतम न्यायालय में अपील की भी इन्होंने बात कही। वहीं दलित आंदोलन पर रूपाणी ने कहा कि ऊना की घटना पर उसी दिन आरोपियों पर कार्रवाई हुई, अब तक 23 आरोपी पकड़े जा चुके हैं। पीड़ितों को सरकार ने एक एक लाख की सहायता दी तथा सी.आई.डी. क्राइम मामले की जांच कर रही है। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी राजनेता होने के साथ उम्दा किस्म के सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। पुत्र पूजित रूपाणी के आकस्मिक निधन के बाद एक बार विजय रूपाणी का राजनीति से मोह भंग हो गया लेकिन पूजित के नाम पर ट्रस्ट बनाकर उन्होंने ग़रीब बच्चों की सकूल व उच्च शिक्षा का पढ़ाई खर्च उठाना शुरू किया, अब तक ट्रस्ट की मदद से डॉक्टर, इंजीनियर के 5 बैच निकल चुके हैं, रूपाणी कहते हैं यहीं उनकी जिंदगी की जमा पूंजी है। रूपाणी ने कहा है कि देश में गौरक्षकों से प्रेम है तथा उनका आदर करते हैं।
जेल यात्रा
विजय रूपाणी गुजरात के अकेले ऐसे बीजेपी मंत्री हैं जो आपातकाल के समय जेल जा चुके हैं। 1971 से संघ से जुड़े रहने वाले रूपाणी का नरेंद्र मोदी से अच्छा संबंध रहा है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ गुजरात टोल मुक्त राज्य होगा : मुख्यमंत्री विजय रूपाणी (हिंदी) www.jagran.com। अभिगमन तिथि: 22 मार्च, 2017।
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क्रमांक | राज्य | मुख्यमंत्री | तस्वीर | पार्टी | पदभार ग्रहण |