"हनुमंत राव पसुपुलेटी": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
(''''डॉ. हनुमंत राव पसुपुलेटी''' (अंग्रेज़ी: ''Dr. Hanumantha Rao Pasupule...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''डॉ. हनुमंत राव पसुपुलेटी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Dr. Hanumantha Rao Pasupuleti'') भारतीय राज्य [[तेलंगाना]] के प्रसिद्ध डॉक्टर हैं। उन्होंने अपनी चार दशक से अधिक की यात्रा के दौरान देशभर में विकलांग व्यक्तियों के लिए मार्ग प्रशस्त किया है। वह [[भारत]] के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार [[पद्म श्री]], [[2023]] से सम्मानित होने वाले डॉक्टर हैं। उन्हें चिकित्सा के क्षेत्र से पुरस्कार के लिए चुना गया था।
{{सूचना बक्सा प्रसिद्ध व्यक्तित्व
|चित्र=Dr-Hanumantha-Rao-Pasupuleti.png
|चित्र का नाम=डॉ. हनुमंत राव पसुपुलेटी
|पूरा नाम=डॉ. हनुमंत राव पसुपुलेटी
|अन्य नाम=
|जन्म=
|जन्म भूमि=
|मृत्यु=
|मृत्यु स्थान=
|अभिभावक=
|पति/पत्नी=
|संतान=
|गुरु=
|कर्म भूमि=[[भारत]]
|कर्म-क्षेत्र=चिकित्सा
|मुख्य रचनाएँ=
|विषय=
|खोज=
|भाषा=
|शिक्षा=
|विद्यालय=
|पुरस्कार-उपाधि=[[पद्म श्री]], [[2023]]
|प्रसिद्धि=पुनर्वास और विकलांग व्यक्तियों के क्षेत्र में हनुमंत राव पसुपुलेटी का योगदान असाधारण है।
|विशेष योगदान=
|नागरिकता=भारतीय
|संबंधित लेख=
|शीर्षक 1=
|पाठ 1=
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|शीर्षक 3=
|पाठ 3=
|शीर्षक 4=
|पाठ 4=
|शीर्षक 5=
|पाठ 5=
|अन्य जानकारी=डॉ. हनुमंत राव पसुपुलेटी [[हैदराबाद]] से बाल रोग विशेषज्ञ हैं और पिछले 46 वर्षों से चिकित्सा का अभ्यास कर रहे हैं। साल [[1977]] में उन्होंने विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की सेवा के लिए 'स्वीकार पुनर्वास केंद्र' शुरू किया, जिसे बाद में 'स्वीकार अकादमी ऑफ रिहैबिलिटेशन साइंसेज' नाम दिया गया।
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन={{अद्यतन|11:12, 20 जुलाई 2023 (IST)}}
}}'''डॉ. हनुमंत राव पसुपुलेटी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Dr. Hanumantha Rao Pasupuleti'') भारतीय राज्य [[तेलंगाना]] के प्रसिद्ध डॉक्टर हैं। उन्होंने अपनी चार दशक से अधिक की यात्रा के दौरान देशभर में विकलांग व्यक्तियों के लिए मार्ग प्रशस्त किया है। वह [[भारत]] के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार [[पद्म श्री]], [[2023]] से सम्मानित होने वाले डॉक्टर हैं। उन्हें चिकित्सा के क्षेत्र से पुरस्कार के लिए चुना गया था।
==पुनर्वास केन्द्र की स्थापना==
==पुनर्वास केन्द्र की स्थापना==
डॉ. हनुमंत राव पसुपुलेटी [[हैदराबाद]] से बाल रोग विशेषज्ञ हैं और पिछले 46 वर्षों से चिकित्सा का अभ्यास कर रहे हैं। साल [[1977]] में उन्होंने विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की सेवा के लिए 'स्वीकार पुनर्वास केंद्र' शुरू किया, जिसे बाद में 'स्वीकार अकादमी ऑफ रिहैबिलिटेशन साइंसेज' नाम दिया गया। हनुमंत राव पसुपुलेटी का कहना था कि- "उन दिनों लोग मानसिक रूप से विकलांग बच्चों को छिपा देते थे और समाज उन्हें स्वीकार नहीं करता था। तब 'स्वीकार' शब्द को गढ़ा, जिसका अर्थ था विशेष बच्चों को स्वीकार करना। आज अकादमी मानसिक रूप से विकलांगों, शारीरिक रूप से विकलांगों, नशा करने वालों, विधवाओं और निराश्रित व्यक्तियों की सेवा करती है।"<ref name="pp">{{cite web |url=https://www.thehindu.com/news/cities/Hyderabad/dr-hanumantha-rao-pasupuleti-paved-the-way-for-disabled-persons-across-the-country/article66436637.ece |title=डॉ. हनुमंत राव पसुपुलेटी ने देश भर में विकलांग व्यक्तियों के लिए मार्ग प्रशस्त किया|accessmonthday=19 जुलाई|accessyear=2023 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=thehindu.com |language=हिंदी}}</ref>
डॉ. हनुमंत राव पसुपुलेटी [[हैदराबाद]] से बाल रोग विशेषज्ञ हैं और पिछले 46 वर्षों से चिकित्सा का अभ्यास कर रहे हैं। साल [[1977]] में उन्होंने विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की सेवा के लिए 'स्वीकार पुनर्वास केंद्र' शुरू किया, जिसे बाद में 'स्वीकार अकादमी ऑफ रिहैबिलिटेशन साइंसेज' नाम दिया गया। हनुमंत राव पसुपुलेटी का कहना था कि- "उन दिनों लोग मानसिक रूप से विकलांग बच्चों को छिपा देते थे और समाज उन्हें स्वीकार नहीं करता था। तब 'स्वीकार' शब्द को गढ़ा, जिसका अर्थ था विशेष बच्चों को स्वीकार करना। आज अकादमी मानसिक रूप से विकलांगों, शारीरिक रूप से विकलांगों, नशा करने वालों, विधवाओं और निराश्रित व्यक्तियों की सेवा करती है।"<ref name="pp">{{cite web |url=https://www.thehindu.com/news/cities/Hyderabad/dr-hanumantha-rao-pasupuleti-paved-the-way-for-disabled-persons-across-the-country/article66436637.ece |title=डॉ. हनुमंत राव पसुपुलेटी ने देश भर में विकलांग व्यक्तियों के लिए मार्ग प्रशस्त किया|accessmonthday=19 जुलाई|accessyear=2023 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=thehindu.com |language=हिंदी}}</ref>

05:42, 20 जुलाई 2023 के समय का अवतरण

हनुमंत राव पसुपुलेटी
डॉ. हनुमंत राव पसुपुलेटी
डॉ. हनुमंत राव पसुपुलेटी
पूरा नाम डॉ. हनुमंत राव पसुपुलेटी
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र चिकित्सा
पुरस्कार-उपाधि पद्म श्री, 2023
प्रसिद्धि पुनर्वास और विकलांग व्यक्तियों के क्षेत्र में हनुमंत राव पसुपुलेटी का योगदान असाधारण है।
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी डॉ. हनुमंत राव पसुपुलेटी हैदराबाद से बाल रोग विशेषज्ञ हैं और पिछले 46 वर्षों से चिकित्सा का अभ्यास कर रहे हैं। साल 1977 में उन्होंने विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की सेवा के लिए 'स्वीकार पुनर्वास केंद्र' शुरू किया, जिसे बाद में 'स्वीकार अकादमी ऑफ रिहैबिलिटेशन साइंसेज' नाम दिया गया।
अद्यतन‎

डॉ. हनुमंत राव पसुपुलेटी (अंग्रेज़ी: Dr. Hanumantha Rao Pasupuleti) भारतीय राज्य तेलंगाना के प्रसिद्ध डॉक्टर हैं। उन्होंने अपनी चार दशक से अधिक की यात्रा के दौरान देशभर में विकलांग व्यक्तियों के लिए मार्ग प्रशस्त किया है। वह भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री, 2023 से सम्मानित होने वाले डॉक्टर हैं। उन्हें चिकित्सा के क्षेत्र से पुरस्कार के लिए चुना गया था।

पुनर्वास केन्द्र की स्थापना

डॉ. हनुमंत राव पसुपुलेटी हैदराबाद से बाल रोग विशेषज्ञ हैं और पिछले 46 वर्षों से चिकित्सा का अभ्यास कर रहे हैं। साल 1977 में उन्होंने विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की सेवा के लिए 'स्वीकार पुनर्वास केंद्र' शुरू किया, जिसे बाद में 'स्वीकार अकादमी ऑफ रिहैबिलिटेशन साइंसेज' नाम दिया गया। हनुमंत राव पसुपुलेटी का कहना था कि- "उन दिनों लोग मानसिक रूप से विकलांग बच्चों को छिपा देते थे और समाज उन्हें स्वीकार नहीं करता था। तब 'स्वीकार' शब्द को गढ़ा, जिसका अर्थ था विशेष बच्चों को स्वीकार करना। आज अकादमी मानसिक रूप से विकलांगों, शारीरिक रूप से विकलांगों, नशा करने वालों, विधवाओं और निराश्रित व्यक्तियों की सेवा करती है।"[1]

स्वास्थ्य संस्थान

पुनर्वास और विकलांग व्यक्तियों के क्षेत्र में हनुमंत राव पसुपुलेटी का योगदान असाधारण है, चार दशकों से अधिक के दौरान उनके द्वारा प्रदान की गई सेवाओं से 86 लाख से अधिक विकलांग व्यक्ति लाभान्वित हुए हैं। बाद में न केवल पुनर्वास के लिए बल्कि उसी क्षेत्र में पेशेवर तैयार करने की इच्छा के साथ, उन्होंने पेशेवर तैयार करने के लिए अकादमी में 30 से अधिक कार्यक्रम शुरू किए। यह महसूस करते हुए कि 'स्वीकार' अकेले बड़े पैमाने पर समाज की सेवा नहीं कर सकता, उन्होंने स्वीकार अकादमी के तहत विशेष शिक्षा, भाषण और ऑडियोलॉजी और मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों की स्थापना की। समय के साथ इन संस्थानों से अध्ययन करने वाले लगभग 6,800 पेशेवर आज पुनर्वास विज्ञान के क्षेत्र में देश और दुनिया भर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

साल 2004 की एक कहानी सुनाते हुए डॉ. हनुमंत राव पसुपुलेटी ने कहा था कि- आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई. एस. राजशेखर रेड्डी ने सिकंदराबाद में स्वीकार केंद्र का दौरा किया था। वह मॉडल से बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने जोर देकर कहा कि कडप्पा में भी एक केंद्र स्थापित किया जाए। एक कदम आगे बढ़ते हुए, तंदूर और गुंटूर में भी स्वीकृति केंद्र खोले गए।

पद्म श्री सम्मान

वर्ष 2023 में डॉ. हनुमंत राव पसुपुलेटी को उनकी सेवाओं और योगदान हेतु पद्म श्री से भारत सरकार ने सम्मानित किया। पद्म श्री से सम्मानित होने पर डॉ. हनुमंत राव ने कहा, "मैं खुश और संतुष्ट हूं कि सरकार ने मुझे मान्यता दी है और यह संदेश समाज तक भी पहुंचेगा। हालाँकि पुरस्कार में देरी हुई, लेकिन इसे अस्वीकार नहीं किया गया है। अगर मुझे कुछ दशक पहले पुरस्कार दिया गया होता तो सेवाओं को आगे बढ़ाने और बड़े पैमाने पर लोगों तक पहुंचने के लिए मेरे पास वही उत्साह होता, लेकिन अब मैं एक सामाजिक भागीदार की तलाश में हूं जो स्वीकार को आगे बढ़ाने में मेरा साथ दे सके।"[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख