"व्यंजन (व्याकरण)": अवतरणों में अंतर
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{| width="20%" class="bharattable-green" border="1 | *[[स्वर (व्याकरण)|स्वरों]] की सहायता से बोले जाने वाले वर्ण 'व्यंजन' कहलाते हैं। | ||
*परंपरागत रूप से व्यंजनों की संख्या 33 मानी जाती है। | |||
*द्विगुण व्यंजन ड़, ढ़ को जोड़ देने पर इनकी संख्या 35 हो जाती है। | |||
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08:57, 25 दिसम्बर 2010 का अवतरण
- स्वरों की सहायता से बोले जाने वाले वर्ण 'व्यंजन' कहलाते हैं।
- परंपरागत रूप से व्यंजनों की संख्या 33 मानी जाती है।
- द्विगुण व्यंजन ड़, ढ़ को जोड़ देने पर इनकी संख्या 35 हो जाती है।
क | ख | ग | घ | ङ |
च | छ | ज | झ | ञ |
ट | ठ | ड | ढ | ण |
त | थ | द | ध | न |
प | फ | ब | भ | म |
य | र | ल | व | श |
ष | स | ह | ड़ | ढ़ |
क्ष | त्र | ज्ञ |
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