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| वर्तनी का सीधा संबंध उच्चारण से होता है। [[हिन्दी]] में जो बोला जाता है वही लिखा जाता है। यदि उच्चारण अशुद्ध होगा तो वर्तनी भी अशुद्ध होगी। प्रायः अपनी मातृभाषा या बोली के कारण तथा व्याकरण संबंधी ज्ञान की कमी के कारण उच्चारण में अशुद्धियाँ आ जाती हैं जिसके कारण वर्तनी में भी अशुद्धियाँ आ जाती हैं। | | वर्तनी का सीधा संबंध उच्चारण से होता है। [[हिन्दी]] में जो बोला जाता है वही लिखा जाता है। यदि उच्चारण अशुद्ध होगा तो वर्तनी भी अशुद्ध होगी। प्रायः अपनी मातृभाषा या बोली के कारण तथा व्याकरण संबंधी ज्ञान की कमी के कारण उच्चारण में अशुद्धियाँ आ जाती हैं जिसके कारण वर्तनी में भी अशुद्धियाँ आ जाती हैं। |
| ====<u>मानक वर्तनी</u>==== | | ====<u>मानक वर्तनी</u>==== |
| [[भारत]] सरकार के केन्द्रीय [[हिंदी]] निदेशालय ने सन् 1983 में शिक्षा मंत्रालय द्वारा पूर्व में किए हिंदी भाषा की लिपि व वर्तनी के मानकीकरण संबंधी प्रयासों का समन्वित रूप 'देवनागरी लिपि तथा हिंदी वर्तनी का मानकीकरण' शीर्षक पुस्तिका के रूप में प्रस्तुत किया। | | [[भारत]] सरकार के केन्द्रीय [[हिंदी]] निदेशालय ने सन [[1983]] में शिक्षा मंत्रालय द्वारा पूर्व में किए [[हिंदी भाषा]] की लिपि व वर्तनी के मानकीकरण संबंधी प्रयासों का समन्वित रूप 'देवनागरी लिपि तथा हिंदी वर्तनी का मानकीकरण' के रूप में प्रस्तुत किया। इन्होंने वर्तनी के सम्बन्ध में कुछ सुझाव प्रस्तुत किये है जिनका विवरण इस प्रकार है:- |
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| वर्तनी के सम्बन्ध में केन्द्रीय [[हिंदी]] निदेशालय ने कुछ सुझाव प्रस्तुत किये है जिनका विवरण इस प्रकार है:- | |
| ;<u>खड़ी पाई वाले व्यंजन</u> | | ;<u>खड़ी पाई वाले व्यंजन</u> |
| खड़ी पाई वाले व्यंजनों के संयुक्त रूप परंपरागत तरीके से खड़ी पाई को हटाकर ही बनाए जाएँ। यथा:- | | खड़ी पाई वाले व्यंजनों के संयुक्त रूप परंपरागत तरीके से खड़ी पाई को हटाकर ही बनाए जाएँ। यथा:- |
05:17, 26 दिसम्बर 2010 का अवतरण
लिखने की रीति को वर्तनी या अक्षरी कहते हैं। इसे 'हिज्जे' भी कहा जाता है।
उच्चारण
वर्तनी का सीधा संबंध उच्चारण से होता है। हिन्दी में जो बोला जाता है वही लिखा जाता है। यदि उच्चारण अशुद्ध होगा तो वर्तनी भी अशुद्ध होगी। प्रायः अपनी मातृभाषा या बोली के कारण तथा व्याकरण संबंधी ज्ञान की कमी के कारण उच्चारण में अशुद्धियाँ आ जाती हैं जिसके कारण वर्तनी में भी अशुद्धियाँ आ जाती हैं।
मानक वर्तनी
भारत सरकार के केन्द्रीय हिंदी निदेशालय ने सन 1983 में शिक्षा मंत्रालय द्वारा पूर्व में किए हिंदी भाषा की लिपि व वर्तनी के मानकीकरण संबंधी प्रयासों का समन्वित रूप 'देवनागरी लिपि तथा हिंदी वर्तनी का मानकीकरण' के रूप में प्रस्तुत किया। इन्होंने वर्तनी के सम्बन्ध में कुछ सुझाव प्रस्तुत किये है जिनका विवरण इस प्रकार है:-
- खड़ी पाई वाले व्यंजन
खड़ी पाई वाले व्यंजनों के संयुक्त रूप परंपरागत तरीके से खड़ी पाई को हटाकर ही बनाए जाएँ। यथा:-
ख्याति, लग्न, विघ्न
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व्यास
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कच्चा, छज्जा
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श्लोक
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नगण्य
|
राष्ट्रीय
|
कुत्ता, पथ्य, ध्वनि, न्यास
|
स्वीकृत
|
प्यास, डिब्बा, सभ्य, रम्य
|
यक्ष्मा
|
शय्या
|
त्र्यंबक
|
- अन्य व्यंजन
- क और फ / फ़ के संयुक्ताक्षर पक्का, दफ़्तर आदि की तरह बनाए जाएँ, न कि संयुक्त, पक्का दत्फर की तरह।
- ङ, छ, ट, ठ, ड, ढ, द और ह के संयुक्ताक्षर हल चिह्न लगाकर ही बनाए जाएँ। यथा:-
अशुद्ध
|
शुद्ध
|
वाङमय
|
वाङ्मय
|
विदया
|
विद्या
|
चिहन
|
चिह्न
|
- संयुक्त 'र' के प्रचलित तीनों रूप यथावत् रहेंगे। यथा:- प्रकार, धर्म, राष्ट्र
- श्र का प्रचलित रूप ही मान्य होगा। इसे श के साथ र मिश्रित करके नहीं लिखा जाएगा। त + र के संयुक्त रूप के लिए पहले त्र को मानक माना गया है। इसी तरह अन्य संयुक्त व्यंजनों पर भी यही नियम लागू होंगे। जैसे:- क्र, प्र, ब्र, स्र, ह्र आदि
- हल् चिह्न युक्त वर्ण से बनने वाले संयुक्ताक्षर के द्वितीय व्यंजन के साथ 'इ' की मात्रा का प्रयोग संबंधित व्यंजन के तत्काल पूर्व ही किया जाएगा, न कि पूरे युग्म से पूर्व। यथा:-
अशुद्ध
|
शुद्ध
|
कुटटिम
|
कुट्टिम
|
चिटठियाँ
|
चिट्ठियाँ
|
अशुद्धियाँ
प्रायः लोग जिन शब्दों के उच्चारण एवं वर्तनी में अशुद्धियाँ करते हैं, उन शब्दों के अशुद्ध और शुद्ध रूप आगे तालिका में दिये जा रहे हैं-
- स्वर संबंधी अशुद्धियाँ
'अ' 'आ' संबंधी अशुद्धियाँ
अशुद्ध
|
शुद्ध
|
अकाश
|
आकाश
|
अगामी
|
आगामी
|
अजमाइश
|
आजमाइश
|
अन्त्यक्षरी
|
अन्त्याक्षरी
|
अर्यावर्त
|
आर्यावर्त
|
अलपीन
|
आलपीन
|
आजकाल
|
आजकल
|
ढाकना
|
ढकना
|
चहरदीवारी
|
चहारदीवारी
|
हस्ताक्षेप
|
हस्तक्षेप
|
हाथिनी
|
हथिनी
|
|
'इ' 'ई' संबंधी अशुद्धियाँ
अशुद्ध
|
शुद्ध
|
आशिर्वाद
|
आशीर्वाद
|
इश्वर
|
ईश्वर
|
दिपिका
|
दीपिका
|
लिजिये
|
लीजिये
|
हानी
|
हानि
|
बाल्मीकी
|
बाल्मीकि
|
शिर्षक
|
शीर्षक
|
कोटी
|
कोटि
|
गीनना
|
गिनना
|
|
'उ' 'ऊ' संबंधी अशुद्धियाँ
अशुद्ध
|
शुद्ध
|
अनुदित
|
अनूदित
|
आशिर्वाद
|
आशीर्वाद
|
आशिर्वाद
|
आशीर्वाद
|
आशिर्वाद
|
आशीर्वाद
|
आशिर्वाद
|
आशीर्वाद
|
आशिर्वाद
|
आशीर्वाद
|
|
'ऋ' संबंधी अशुद्धियाँ
अशुद्ध
|
शुद्ध
|
अनुग्रहीत
|
अनुगृहीत
|
रिगवेद
|
ऋग्वेद
|
त्रितीय
|
तृतीय
|
रितु
|
ऋतु
|
पैत्रिक
|
पैतृक
|
|
'ए' 'ऐ' संबंधी अशुद्धियाँ
अशुद्ध
|
शुद्ध
|
जेसा
|
जैसा
|
पेसा
|
पैसा
|
फैंकना
|
फेंकना
|
सैना
|
सेना
|
भाषाऐं
|
भाषाएँ
|
सेनिक
|
सैनिक
|
|
'ओ' 'औ' संबंधी अशुद्धियाँ
अशुद्ध
|
शुद्ध
|
अलोकिक
|
अलौकिक
|
ओद्योगिक
|
औद्योगिक
|
लौहार
|
लोहार
|
त्यौहार
|
त्योहार
|
ओरत
|
औरत
|
प्रोढ़
|
प्रौढ़
|
|
अनुस्वर(ं), चंद्रबिन्दु(ँ) संबंधी अशुद्धियाँ
अशुद्ध
|
शुद्ध
|
आंख
|
आँख
|
दांत
|
दाँत
|
बांह
|
बाँह
|
मुंह
|
मुँह
|
गूंगा
|
गूँगा
|
टांगना
|
टाँगना
|
|
विसर्ग (ः) संबंधी अशुद्धियाँ
अशुद्ध
|
शुद्ध
|
प्रातकाल
|
प्रातःकाल
|
प्राय
|
प्रायः
|
निस्वार्थ
|
निःस्वार्थ
|
दुख
|
दुःख
|
निशुल्क
|
निःशुल्क
|
|
|
|
- व्यंजन संबंधी अशुद्धियाँ
'छ' 'क्ष' संबंधी अशुद्धियाँ
अशुद्ध
|
शुद्ध
|
आकांछा
|
आकांक्षा
|
नछत्र
|
नक्षत्र
|
संछेप
|
संक्षेप
|
रच्छा
|
रक्षा
|
छीण
|
क्षीण
|
|
'ज' 'य' संबंधी अशुद्धियाँ
अशुद्ध
|
शुद्ध
|
अजोधा
|
अयोध्या
|
जाचना
|
याचना
|
जमुना
|
यमुना
|
जदि
|
यदि
|
जोग
|
योग
|
|
'ट' 'ठ' संबंधी अशुद्धियाँ
अशुद्ध
|
शुद्ध
|
कनिष्ट
|
कनिष्ठ
|
घनिष्ट
|
घनिष्ठ
|
प्रविष्ट
|
प्रविष्ठ
|
इकट्टा
|
इकट्ठा
|
विशिष्ठ
|
विशिष्ट
|
|
'ड' 'ड़' 'ढ' 'ढ़' संबंधी अशुद्धियाँ
अशुद्ध
|
शुद्ध
|
कन्नड
|
कन्नड़
|
पेड
|
पेड़
|
षड़्यंत्र
|
षड्यंत्र
|
सीड़ियां
|
सीढ़ियां
|
पडता
|
पड़ता
|
|
'ण' 'न' संबंधी अशुद्धियाँ
अशुद्ध
|
शुद्ध
|
अर्चणा
|
अर्चना
|
श्रवन
|
श्रवण
|
विस्मरन
|
विस्मरण
|
प्रनाम
|
प्रणाम
|
मरन
|
मरण
|
|
'ब' 'व' संबंधी अशुद्धियाँ
अशुद्ध
|
शुद्ध
|
नबाब
|
नवाब
|
बिकट
|
विकट
|
पूर्ब
|
पूर्व
|
धोवी
|
धोबी
|
कामयावी
|
कामयाबी
|
|
'ङ' 'ञ' 'ण' 'न' 'म' संबंधी अशुद्धियाँ
अशुद्ध
|
शुद्ध
|
अन्ग
|
अंग
|
कन्ठ
|
कण्ठ
|
चन्चल
|
चंचल
|
पन्डित
|
पंडित
|
झन्डा
|
झण्डा
|
|
'य' संबंधी अशुद्धियाँ
अशुद्ध
|
शुद्ध
|
अंतर्ध्यान
|
अंतर्धान
|
सामर्थ
|
सामर्थ्य
|
मानवर
|
मान्यवर
|
कवित्री
|
कवयित्री
|
गृहस्थ्य
|
गृहस्थ
|
|
'र' 'ड़' संबंधी अशुद्धियाँ
अशुद्ध
|
शुद्ध
|
उमरना
|
उमड़ना
|
परत्येक
|
प्रत्येक
|
बृज
|
ब्रज
|
पिंजड़ा
|
पिंजरा
|
मिरच
|
मिर्च
|
|
'श' 'ष' 'स' संबंधी अशुद्धियाँ
अशुद्ध
|
शुद्ध
|
उत्कर्श
|
उत्कर्ष
|
मनुश्य
|
मनुष्य
|
दुश्कर्म
|
दुष्कर्म
|
अमावश्या
|
अमावस्या
|
संसोधित
|
संशोधित
|
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