जीसैट-4 उपग्रह

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
आदित्य चौधरी (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:55, 9 फ़रवरी 2021 का अवतरण (Text replacement - "शृंखला" to "श्रृंखला")
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

जीसैट-4 'भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन' (इसरो) द्वारा निर्मित भू-स्थिर उपग्रहों में उन्नीसवाँ और जीसैट श्रृंखला में चौथा उपग्रह था। जीसैट-4 मूलतः निम्नलिखित नई प्रौद्योगिकियों के परीक्षण के उद्देश्य से एक प्रायोगिक उपग्रह था-

  1. इलेक्ट्रिक नोदन प्रणाली
  2. बस प्रबंधन इकाई
  3. डेटा संचार के लिए 1553 बस
  4. लघुकृत गतिक रूप से ट्यून किए गए जायरो
  5. 36 एएच लिथियम आयन बैटरी
  6. के.ए. बैंड टी.डब्ल्यू.टी.ए के लिए 70 वी बस

जीसैट-4 को कक्षा में स्थापित नहीं किया जा सका, क्योंकि जीएसएलवी-डी3 के द्वारा मिशन पूरा नहीं किया जा सका।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख