जिनके नौबति बाजती -कबीर
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जिनके नौबति बाजती, मंगल बँधते बारि । |
अर्थ सहित व्याख्या
कबीरदास कहते हैं कि हे मानव! जिनके द्वार पर वैभव-सूचक नगाड़े बजते थे और मतवाले हाथी झूमते थे, उनका जीवन भी प्रभु के नाम-स्मरण के अभाव में सर्वथा व्यर्थ ही हो गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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