राजस्थान विश्वविद्यालय
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राजस्थान विश्वविद्यालय
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विवरण | 'राजस्थान विश्वविद्यालय' भारत के उच्च शिक्षा संस्थानों में से एक है। यह देश के अग्रणी शिक्षण संस्थानों में गिना जाता है। |
राज्य | राजस्थान |
अवस्थिति | बापूनगर, जयपुर |
स्थापना | 1947 |
आदर्श वाक्य | धर्मो विश्वस्य जगतः प्रतिस्था |
प्रकार | सार्वजनिक |
संबंधित लेख | राजस्थान, राजस्थान पर्यटन, राजस्थान का इतिहास |
अन्य जानकारी | इस विश्वविद्यालय का पुराना नाम 'राजपूताना विश्वविद्यालय' था। डॉ. मोहन सिंह मेहता राजस्थान विश्वविद्यालय के पहले उप कुलपति थे। |
राजस्थान विश्वविद्यालय (अंग्रेज़ी: University of Rajasthan) सबसे पुराना विश्वविद्यालय है, जो भारतीय राज्य राजस्थान में स्थित है। यह विश्वविद्यालय विज्ञान, समाज विज्ञान, वाणिज्य, मानविकी एवं विधि अध्ययन आदि विषयों में उच्च स्तर की शिक्षा और शोध कार्य में संलग्न भारत के अग्रणी शिक्षण संस्थानों में से एक है।
इतिहास
- राजस्थान विश्वविद्यालय लगभग तीन सौ एकड़ में विस्तृत है और राजस्थान का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है।
- इस विश्वविद्यालय की स्थापना 8 जनवरी, 1947 को 'राजपूताना विश्वविद्यालय' के नाम से हुई थी।
- सन 1956 में राजपूताना विश्वविद्यालय का नाम बदल दिया गया और वर्तमान नाम दिया गया।
- डॉ. मोहन सिंह मेहता राजस्थान विश्वविद्यालय के पहले उप कुलपति थे। आज यह राजस्थान में शिक्षा का सबसे बड़ा केन्द्र माना जाता है।
शैक्षणिक विषय
- देश-विदेश के विद्यार्थी इस विश्वविद्यालय में पढ़ने आते हैं। इसका परिसर जयपुर नगर में बापूनगर में स्थित है।
- राजस्थान विश्वविद्यालय के 6 संघटक कालेज, 11 मान्यता प्राप्त अनुसंधान केन्द्र, 37 स्नातकोत्तर विभाग हैं। 305 महाविद्यालय इससे जुड़े हैं। यह 37 विषयों में डाक्टरेट, 20 विषयों में एम.फिल, 48 विषयों में स्नातकोत्तर और 14 विषयों में स्नातक डिग्री प्रदान करता है।
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