मणिपुर राज्य संग्रहालय
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मणिपुर राज्य संग्रहालय (अंग्रेज़ी: Manipur State Museum) मणिपुर की समृद्ध संस्कृति और विरासत को संरक्षित करने के लिए स्थापित किया गया है। सन 1969 में भारत की भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा मणिपुर राज्य संग्रहालय का उद्घाटन किया गया था, जिसमें पुरातत्व, मानव जाति विज्ञान, प्राकृतिक इतिहास, जल्लान और पेंटिंग के बारे में जानकारी का भण्डार है। कांगला में पोलो मैदान के पास स्थित होने के कारण पर्यटक आसानी से एक ही दिन में इन सभी स्थानों की यात्रा की योजना बना सकते हैं। संग्रहालय पूर्व शासकों के चित्रों के साथ मणिपुर की जनजातीय संस्कृति से संबंधित लेखों का एक अच्छा संग्रह प्रदर्शित करता है।
- राज्य के सबसे महत्वपूर्ण संग्रहालयों में से एक मणिपुर राज्य संग्रहालय, मणिपुर के लोगों के इतिहास, उनके जीवन और इस राज्य की आकर्षक जनजातीय विरासत के बारे में बहुत सी जानकारी प्रदान करता है।
- संग्रहालय की सबसे बड़ी विशेषता हयांग हिरेन नाम की 54 फुट लंबी शाही नाव है, जिसे संग्रहालय की खुली वीथिका में प्रदर्शित किया गया है।
- आगंतुक राजसी घरानों द्वारा इस्तेमाल किए गए वस्त्रों और पोलो को उपकरणों से लेकर आदिवासियों के कपड़े, युद्ध के हथियार, प्राचीन अवशेष और दस्तावेजों का दुर्लभ संग्रह यहाँ देख सकते हैं।[1]
- इस संग्रहालय में मणिपुर के पूर्व शासकों के चित्रों के साथ, पारंपरिक कृषि उपकरण, बुद्ध के अवशेष, आदिवासी गहने, धूम्रपान पाइप और मणिपुर वस्त्रों का भी शानदार संग्रह है।
- संग्रहालय आगंतुकों के लिए नियमित प्रदर्शनियों, सांस्कृतिक प्रशंसा पाठ्यक्रमों और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन भी करता है।
- सोमवार और मास के दूसरे शनिवार को छोड़कर सभी दिनों में सुबह 10 से शाम 4 बजे तक संग्रहालय का भ्रमण किया जा सकता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ मणिपुर राज्य संग्रहालय (हिंदी) incredibleindia.org। अभिगमन तिथि: 24 सितम्बर, 2021।
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