के. सिवन

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के. सिवन
के. सिवन
के. सिवन
पूरा नाम कैलासवादिवु सिवन
अन्य नाम भारत के रॉकेट मैन
जन्म 14 अप्रैल, 1957
जन्म भूमि मेला सरक्कलविलाई, तमिलनाडु
अभिभावक पिता- कैलासादिवू

माता- नाम चेलम

पति/पत्नी मालती सिवन
संतान दो पुत्र- सिद्धार्थ और सुशांत
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम
शिक्षा एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग, मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी

इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंसिज
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी, आईआईटी बॉम्बे

प्रसिद्धि भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी के. सिवन को 2 जुलाई 2014 को इसरो के तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र के निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था। वे विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र और तरल प्रणोदन केंद्र के पूर्व निदेशक भी थे।
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कैलासवादिवु सिवन (अंग्रेज़ी: Kailasavadivoo Sivan, जन्म- 14 अप्रॅल, 1957) भारत के अन्तरिक्ष वैज्ञानिक हैं। वह वर्तमान में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष हैं। इसके पहले वे विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र तथा द्रव प्रणोदन केन्द्र के निदेशक रह चुके हैं। के. सिवन को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए क्रायोजेनिक इंजन के विकास में महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है। उनकी अध्यक्षता में ही इसरो ने 22 जुलाई 2019 को चंद्रमा पर दूसरा मिशन 'द चंद्रयान 2' लॉन्च किया था। के. सिवन ने साल 1982 में इसरो ज्वाइन किया था। यहां उन्होंने लगभग हर रॉकेट कार्यक्रम में काम किया है।

जन्म

के. सिवन का जन्म 14 अप्रैल, 1957 को मेला सरक्कलविलाई, तमिलनाडु में हुआ था। उनका पूरा नाम कैलासवादिवु सिवन है तथा उन्हें 'रॉकेट मैन' के रूप में भी जाना जाता है। उनके पिता का नाम कैलासादिवू और माता का नाम चेलम है। उनकी पत्नी का नाम मालती सिवन है। के. सिवन के दो बेटे हैं जिनके नाम सिद्धार्थ और सुशांत हैं।[1]

रॉकेट विशेषज्ञ सिवन को खाली समय में तमिल क्लासिकल गाने सुनना और गार्डनिंग करना पसंद है। उनकी पसंदीदा फिल्म 1969 में आई राजेश खन्ना की 'आराधना' है।

शिक्षा

के. सिवन की शुरुआती पढ़ाई एक सरकारी स्कूल में तमिल भाषा में हुई। उनकी स्कूली शिक्षा खत्म होते ही उनके पिता ने पास के कॉलेज में नामांकन करवा दिया। पिता चाहते थे कि बेटा सिवन पढ़ाई के साथ-साथ काम में भी हाथ बटाए। लेकिन के. सिवन पढ़ाई करके कुछ आगे करना चाहते थे, इसलिए उन्होंने पढ़ाई जारी रखी। उन्होंने नागेरकोयल के एसटी हिंदू कॉलेज से स्नातक किया। इसके बाद के. सिवन ने 1980 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एमआईटी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। यहां से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग में ही स्नातकोत्तर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंसिज आईआईएससी से किया। इंजीनियरिंग के क्षेत्र में पढ़ाई आगे करते हुए उन्होंने 2006 में आईआईटी बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की।

कॅरियर

  • के. सिवन ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के लिए लॉन्च वाहनों के डिजाइन और विकास पर काम किया।[1]
  • पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल PSLV प्रोजेक्ट में भाग लेने के लिए सिवन 1982 में इसरो में शामिल हुए।
  • उन्हें 2 जुलाई 2014 को इसरो के तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र के निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था।
  • वे विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र और तरल प्रणोदन केंद्र के पूर्व निदेशक भी थे।
  • 1 जून 2015 को के. सिवन वीएसएससी के निदेशक बने।
  • जनवरी 2018 में के. सिवन को इसरो का प्रमुख नियुक्त किया गया और उन्होंने 15 जनवरी को पदभार ग्रहण किया।
  • के. सिवन की अध्यक्षता में ही इसरो ने 22 जुलाई 2019 को चंद्रमा पर दूसरा मिशन 'द चंद्रयान 2' लॉन्च किया।

पुरस्कार

  • श्री हरिओम आश्रम प्रेरणा डॉ. विक्रम साराभाई शोध पुरस्कार, 1999
  • इसरो मेरिट अवार्ड, 2007
  • डॉ. बिरेन रॉय अंतरिक्ष विज्ञान पुरस्कार, 2011
  • मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एलुमनी एसोसिएशन, चेन्नई से प्रतिष्ठित पूर्व छात्र पुरस्कार, 2013
  • भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर से प्रतिष्ठित पूर्व छात्र पुरस्कार, 2018
  • उन्हें अप्रैल 2014 में चेन्नई के सत्यबामा विश्वविद्यालय से डॉक्टर ऑफ़ साइंस ऑनोरिस कॉसा से सम्मानित किया गया।
  • तमिलनाडु सरकार का डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पुरस्कार, 2019[1]


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शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 के. सिवन की जीवनी (हिंदी) jivanihindi.com। अभिगमन तिथि: 20 दिसम्बर, 2021।

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