आईआरएस-पी3 उपग्रह
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
आईआरएस-पी3 का प्रमोचन पीएसएलवी-डी3 द्वारा 21 मार्च, 1996 को भारत के शार केंद्र, श्रीहरिकोटा से संपन्न हुआ। आईआरएस-पी3 दो सुदूर संवेदी नीतभारों को वहन करता है- वाइड फ़ील्ड संवेदक (वाइफ़्स), जो आईआरएस-1सी के समान ही है, जिसमें एक अतिरिक्त लघु तरंग अवरक्त बैंड (एसडब्ल्यूआईआर) है तथा एक मॉड्यूलर ऑप्टो-इलेक्ट्रॉनिक स्कैनर (एमओएस)। यह एक्स-रे खगोलिकी नीतभार और राडार अंशांकन के लिए सी-बैंड प्रेषानुकर भी वहन करता है। 9 वर्ष और 10 महीनों तक सेवा के बाद जनवरी, 2006 को मिशन का समापन हुआ।
मिशन | पृथ्वी के प्राकृतिक संसाधनों का सुदूर संवेदन। एक्स-रे खगोलिकी का अध्ययन। अनुवर्तन केंद्रों में अवस्थित पीएसएलवी अनुवर्तन राडार का आवधिक अंशांकन। |
भार | 920 कि.ग्रा. |
ऑनबोर्ड पॉवर | 817 वॉट |
संचार | एस-बैंड |
स्थिरीकरण | तीन अक्षीय पिंड स्थिरीकृत |
आरसीएस | ब्लैडर प्रकार तथा पृष्ठ तनाव प्रकार के संयोजन वाली संहति बहिष्करण एकल नोदक हाइड्राज़ीन प्रणाली |
नीतभार | वाइड फ़ील्ड संवेदक (वाइफ़्स), मॉड्यूलार ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक स्कैनर (एमओएस), भारतीय एक्स-रे खगोलिकी परीक्षण (आईएक्सएई), सी-बैंड प्रेषानुकर (सीबीटी) |
प्रमोचन दिनांक | 21 मार्च, 1996 |
प्रमोचन स्थल | शार केंद्र, श्रीहरिकोटा, भारत |
प्रमोचन यान | पीएसएलवी-डी3 |
कक्षा | 817 कि.मी. प्रातः 10.30 बजे (अवरोही नोड) भूमध्यरेखा को पार करते हुए वर्तुल ध्रुवीय सूर्य-तुल्यकाली |
आनति | 98.68 o |
पुनरावृत्ति | वाइफ़्स : 5 दिन |
मिशन का समापन | जनवरी, 2006 |
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