आईआरएस-1ए उपग्रह
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आईआरस-1ए, सुदूर संवेदी उपग्रहों की स्वदेशी उत्कृष्ट श्रृंखला में प्रथम है। इसे 17 मार्च, 1988 को सोवियत कोस्मोड्रोम, बैकानूर से सौर भूतुल्यकाली कक्षा में प्रमोचित किया गया था। आईआरएस-1ए पर राष्ट्र के ऊपर से प्रत्येक बार गुजरने पर लगभग 140 कि.मी. परमार्ज के साथ क्रमश: 73मीटर और 36.25 मीटर विभेदन सहित लिस-I और लिस-II दो कैमरे स्थापित किए गए हैं। 8 वर्ष और 4 महीनों की सेवा के बाद जुलाई, 1996 के दौरान मिशन संपन्न हो गया।
मिशन | प्रचालनीय सुदूर संवेदन |
भार | 975 कि.ग्रा. |
ऑनबोर्ड पॉवर | 600 वॉट्स |
संचार | एस-बैंड, एक्स-बैंड और वीएचएफ़ (केवल आदेशात्मक) |
स्थिरीकरण | 4 अभिक्रिया चक्रों, चुंबकीय आघूर्णकों सहित स्थिरीकृत तीन अक्षीय पिंड (शून्य संवेग) |
आरसीएस | सोलह 1 न्यूटन थ्रस्टेरों सहित एकल नोदक (हाइड्राज़ीन आधारित) अभिक्रिया नियंत्रण प्रणाली |
नीतभार | तीन ठोस स्थिति पुश ब्रूम कैमरा: लिस-1 (72.5 मीटर विभेदन), |
प्रमोचन दिनांक | 17 मार्च, 1988 |
प्रमोचन स्थल | बैकानूर कॉस्मोड्रोम कज़ाकिस्तान |
प्रमोचन यान | वोस्तोक |
कक्षा | 904 कि.मी. ध्रुवीय सूर्य-तुल्यकाली |
आनति | 99.08o |
पुनरागमन | 22 दिन (307 कक्षाएँ) |
स्थानीय समय | प्रातः 10.30 बजे (अवरोही नोड) |
मिशन का समापन | जुलाई, 1996 के दौरान |
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