कहावत लोकोक्ति मुहावरे-घ
कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें
कहावत लोकोक्ति मुहावरे | अर्थ | |
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1- घर में नहीं हैं दाने और अम्मा चली भुनाने। |
अर्थ -झूठी शान दिखाना, न होने पर ढोंग करना। | |
2- घड़ी में घर जले, अढ़ाई घड़ी भद्रा। |
अर्थ - संकट को होशियारी से दूर करें। | |
3- घड़ी में तोला, घड़ी में माशा। |
अर्थ - चंचल मन वाला। | |
4- घर आए कुत्ते को भी नहीं निकालते। |
अर्थ - घर में आने वाले का सत्कार करना चाहिए। | |
5- घर का जोगी जोगना, आन गाँव का सिद्ध। |
अर्थ - अपने घर में योग्यता का आदर नहीं होता और बाहर का व्यक्ति योग्य समझा जाता है। | |
6- घर का भेदी लंका ढाए। |
अर्थ - घर की फूट का परिणाम बुरा होता है। | |
7- घर की खांड़ किरकिरी, लगे पड़ोसी का गुड़ मीठा। |
अर्थ - अपनी वस्तु़ ख़राब लगती है और दूसरे की अच्छी। | |
8- घर की मुर्गी दाल बराबर। |
अर्थ - अपनी चीज़ या अपने आदमी की क़दर नहीं होती। | |
9- घर खीर तो, बाहर खीर। |
अर्थ - अपने पास कुछ हो तो, बाहर भी आदर होता है। | |
10- घर का घोड़ा, नखास मोल। |
अर्थ - चीज़ घर में पड़ी है और उसकी कोई कीमत नहीं है। | |
11- घायल की गति घायल जाने। |
अर्थ - जो कष्ट भोगता है वही दूसरों का कष्ट समझता है।। | |
12- घी कहाँ गया ? खिचड़ी में। |
अर्थ - वस्तु का प्रयोग ठीक जगह हो गया। | |
13- घी सँवारे काम, बड़ी बहू का नाम। |
अर्थ - काम तो साधन से हुआ, नाम करने वाले का हो गया। | |
14- घोड़ा घास से यारी करेगा तो खाएगा क्या। |
अर्थ - पेशेवर को किसी की से रियायत नहीं करनी चाहिए। | |
15- घोड़े की दुम बढ़ेगी तो अपनी ही मक्खियाँ उड़ाएगा। |
अर्थ - उन्नति करके आदमी अपना ही भला करता है। | |
16- घोड़े को लात, आदमी को बात। |
अर्थ - उत्तम वस्तु थोड़ी भी हो तो अच्छी है।। | |
17- घडियाँ गिनना। |
अर्थ - बेचैनी से प्रतीक्षा करना। | |
18- घड़ों पानी पड़ जाना। |
अर्थ - बहुत शर्मिंदा होना। | |
19- घर काट खाने को आना/घर काटने का दौड़ना। |
अर्थ - अकेलापन अखरना। | |
20- घर का न घाट का। |
अर्थ - कहीं का भी नहीं रहना। | |
21- घर फूँक तमाशा देखना। |
अर्थ - अपनी हानि करके मौज उड़ाना। | |
22- घर में गंगा बहना। |
अर्थ - अच्छी चीज़ पास ही में मिल जाना। | |
23- घाव पर नमक छिड़कना। |
अर्थ - दु:खी को और दु:खी करना। | |
24- घाव हरा करना। |
अर्थ - भूले हुए दु:ख की याद दिलाना। | |
25- घास काटना। |
अर्थ - फूहड़ काम करना। । | |
26- घास छीलना। |
अर्थ - व्यर्थ समय गवाँना।। | |
27- घिग्घी बँधना। |
अर्थ - स्पष्ट बोल न सकना। | |
28- घी घना मुट्ठी चना। |
अर्थ - जो मिल जाए उसी पर संतुष्ट रहना चाहिए। | |
29- घी के दिये जलना। |
अर्थ - आनंद मंगल होना, खुशियाँ मनाना। | |
30- घी खिचड़ी होना। |
अर्थ - खूब मिल- जुल जाना।। | |
31- घोंघा बसंत। |
अर्थ - मूर्ख होना। | |
32- घोड़े बेचकर सोना। |
अर्थ - निश्चिंत हो जाना। | |
33- घँघोल डालना। |
अर्थ - गँदला या गंदा कर देना। | |
34- घंटा दिखाना। |
अर्थ - ऐसा उत्तर देना या मुद्रा बनाना जिससे आवेदक या इच्छुक पूरी तरह से निराश हो जाए। | |
35- घंटा हिलाना। |
अर्थ - व्यर्थ बैठे रहना, व्यर्थ का काम करना। | |
36- घट घट में बसना। |
अर्थ - हर एक में व्याप्त होना। | |
37- घंटे मोरछल से उठाना। |
अर्थ - गाजे-बाजे के साथ किसी भाग्यवान की अर्थी निकालना। | |
38- घड़ियाँ गिनना। |
अर्थ -अत्यंत उत्सुकतापूर्वक प्रतीक्षा करना, मरणासन्न होना, मृत्यु की इंतजार में होना। | |
39- घड़ी टेढ़ी होना। |
अर्थ - समय विपरीत होना। | |
40- घड़ी दो घड़ी का। |
अर्थ - कुछ ही क्षणों का। | |
41- घड़ी पहाड़ हो जाना। |
अर्थ - थोड़ा समय भी न बीतना | |
42- घड़ो पानी पड़ना। |
अर्थ - लोगों के सामने हेय या हीन सिद्ध होने पर अत्यन्त लज्जित होना। | |
43- घपले में पड़ना/पड़ जाना। |
अर्थ - खटाई में पड़ना, भ्रमित होना। | |
44- घबरा उठना। |
अर्थ - बेचैन होना। | |
45- घमंड में चूर। |
अर्थ - घमंड से ओतप्रोत। | |
46- घर आँगन हो जाना। |
अर्थ - घर का टूट-फूट कर खँडहर या मैदान हो जाना | |
47- घर उजड़ना/उजाड़ देना। |
अर्थ - गृहस्थी चौपट होना। | |
48- घर कर लेना। |
अर्थ - अपनी स्थायी निवास बना लेना। | |
49- घर का आदमी। |
अर्थ - परिवार का सदस्य, घनिष्ठ मित्र अथवा संबंधी। | |
50- घर का रास्ता समझना। |
अर्थ - सुगम और सुपरिचित समझना। | |
51- घर के घर |
अर्थ - घर की सीमा में ही, आपस में ही। | |
52- घर के घर रह जाना। |
अर्थ - ऐसी स्थिति में होना कि व्यापार, लेन देन आदि में न लाभ हो न हानि। | |
53- घर खाली छोड़ना। |
अर्थ - वर करते हुए भी आघात या प्रहार न करना, बल्कि जान बूझकर खाली जाने देना। | |
54- घर खोद डालना। |
अर्थ - बार बार किसी के घर जाकर उसे परेशान करना। | |
55- घर जमाना। |
अर्थ - घर गृहस्थी के लिए आवश्यक वस्तुएँ लाना। | |
56- घर तक पहुँचना। |
अर्थ - किसी को माँ बहन तक की गालियाँ देना। | |
57- घर में चूल्हा न जलना। |
अर्थ - रसोई न बनना। इन्हीं परेशानियों के कारण हमारे यहाँ दो दिन चूल्हा तक नहीं जला। | |
58- घर में झाड फिरना/फिर जाना। |
अर्थ - घर में कुछ भी न रह जाना। | |
59- घर फूँक तमाशा देखना। |
अर्थ - घर गृहस्थी चौपट या नष्ट करना। | |
60- घर बचाना। |
अर्थ - अपने कौशल या चातुराई से प्रहार या बात विफल करना। | |
61- घर बनाना। |
अर्थ - घर में सुख सुविधाओं की व्यवस्था करना। | |
62- घर फोड़ना। |
अर्थ - परिवार के लोगों में परस्पर झगड़ा लगाकर उनमें फूट डालना। | |
63-घर बोलने लगना। |
अर्थ - घर में चहल पहल होने लगना। | |
64-घर बैठे। |
अर्थ - बिना दौड धूप या प्रयास किए। | |
65- घर लुटाना। |
अर्थ - घर की सम्पत्ति गँवाना या व्यर्थ खर्च करना। | |
66- घर सिर पर उठाना/उठा लेना। |
अर्थ - बहुत अधिक शोर मचाना या हो हल्ला करना। | |
67- घर जमाई बनना। |
अर्थ - दामाद का ससुराल में जाकर रहना। | |
68-घर द्वार देखना। |
अर्थ - गृहस्थी सँभालना और उसकी रक्षा करना। | |
69- घरवाली। |
अर्थ - पत्नी। | |
70- घर्राटा मारना/लेना। |
अर्थ - खूब गहरी नींद सोना। | |
71- घसीटना। |
अर्थ - उलझाना। | |
72- घाट घाट का पानी पीना। |
अर्थ - अनेक स्थलों अथवा उनके निवासियों का रंग-ढंग देखे होना, उनके सम्पर्क या सहवास में आये होना अथवा विविध अनुभव प्राप्त किए होना अनुभवी होना | |
73- घाट नहाना। |
अर्थ - किसी के मरने पर नदी पर नहाना। | |
74- घाट लगना। |
अर्थ - नदी आदि के किनारे नाव का खड़ा होना। | |
75- घाटा उठाना/आना/ पड़ना। |
अर्थ - व्यापार में हानि होना, नुक्सान होना, कमी होना। | |
76- घाटा भरना/भर देना। |
अर्थ - क्षतिपूर्ति करना। | |
77- घात ताकना। |
अर्थ - उपयुक्त अवसर की ताक में रहना। | |
78- घात में पड़ना। |
अर्थ - ऐसी स्थिति में किसी का आना कि उस पर सहज में वार किया जा सके, फँसना, घिरना। | |
79- घाम का जाना। |
अर्थ - तेज़ धूप के कारण सूखना या काला पड़ना। | |
80- घाम खाना। |
अर्थ - सरदी से बचने के लिए धूप में बैठना। | |
81-घाम बचाना। |
अर्थ - विपत्ति या संकट से स्वयं बचना या किसी को बचाना। | |
82- घाम लगना। |
अर्थ - लू लगना। | |
83- घाव खाना। |
अर्थ - आघात या प्रहार सहने के कारण घायल होना। | |
84- घाव खाना। |
अर्थ - आघात या प्रहार सहने के कारण घायल होना। | |
85- घाव पर नमक छिड़कना। |
अर्थ - दुखी व्यक्ति को और अधिक यंत्रणा देना। | |
86- घाव पुजना/भरना। |
अर्थ - क्षत या घाव के भरने के समय अंकुर निकलना। | |
87- घाव हरा होना/ हो जाना। |
अर्थ - कष्ट या दुख की घड़ी याद आना और फलतः वही पुराना कष्ट या दुख अनुभूत करना। | |
88- घास खाए होना। |
अर्थ - दिमाग में घास भरी होने के कारण बेवकूफ़ी की बातें करना। | |
89- घास छीलना/खोदना। |
अर्थ - तुच्छ या बेकार हो जाना। | |
90- घिग्घी बँधना/बँध जाना। |
अर्थ - भय से आतंकित हो जाने के कारण कंठ का अवरूद्ध हो जाना। | |
91- घिरनी खाना। |
अर्थ - चारो और चक्कर खाना। | |
92- घी का कुप्पा लुढ़कना। |
अर्थ - किसी धनी आदमी का मरना, बहुत बड़ी हानि होना। | |
93- घी के कुप्पे से लगना। |
अर्थ - किसी ऐसे व्यक्ति का आश्रय प्राप्त होना जिसके फलस्वरूप बहुत अधिक लाभ हो। | |
94- घी खिचड़ी होना। |
अर्थ - परस्पर अत्यधिक घनिष्ठता या मेल जोल होना। | |
95- घी बरसाना। |
अर्थ - आग में तेल डालना, झगड़े को और बढ़ाना। | |
96- घुंघरू बाँधना। |
अर्थ - नाचने के लिए तैयार होना। | |
97- घुघरू बोलना। |
अर्थ - मरने के समय गले से घुर घुर शब्द निकलना। | |
98- घुट घुटकर मरना। |
अर्थ - बराबर एक पर एक कष्ट भोगते हुए मरना। | |
99- घुटते रहना। |
अर्थ - छमित इच्छाओं के कारण पीडि़त रहना। | |
100- घुटना। |
अर्थ - घनिष्ठता होना। | |
101- घुटने टेकना/टेक देना। |
अर्थ - हार मान लेना, आत्मसमर्पण कर देना। |