रिसोर्ससैट-2 उपग्रह
रिसोर्ससैट-2, रिसोर्ससैट-1 का अनुवर्ती उपग्रह है और इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) द्वारा निर्मित अठारहवाँ उपग्रह है। रिसोर्ससैट-2 का उद्देश्य पूरे विश्व के प्रयोक्ताओं को रिसोर्ससैट-1 द्वारा प्रदत्त सुदूर संवेदन आँकड़ा सेवाओं को जारी रखना है और संवर्धित बहु स्पेक्ट्रमी और स्थानिक आवरण के साथ भी आँकड़ा प्रदान करना है।
रिसोर्ससैट-1 की तुलना में रिसोर्ससैट-2 में किये गये महत्त्वपूर्ण परिवर्तन इस प्रकार हैं : लिस-4 बहुस्पेक्ट्रमी प्रमार्ज का 23 कि.मी से 70 कि.मी तक संवर्धन और लिस-3 और लिस-4 में रेडियोमिति यथार्थता का 7 बिट से 10 बिट तक सुधार तथा एवाइफस में 10 बिट से 12 बिट तक सुधार। इनके अलावा, रिसोर्ससैट-2 में नीतभार इलेक्ट्रानिकियों में लघुकरण सहित उपयुक्त परिवर्तन किये गये हैं।
रिसोर्ससैट-2, जहाजों की अवस्थिति, गति और अन्य सूचना प्राप्त करने के लिए वी.एच.एफ़. बैण्ड में जहाजों की निगरानी के लिए परीक्षणात्मक नीतभार के रूप में कोमडेव, कनाडा से प्राप्त ए.आई.एस. (स्वचालित निर्दिष्टीकरण प्रणाली) नामक एक अतिरिक्त नीतभार का भी वहन करता है।
रिसोर्ससैट-2 अपने कैमरों द्वारा लिये गये प्रतिबिंबों के भण्डार के लिए, जिन्हें बाद में भू-केन्द्रों को भेजा जा सकता है, प्रत्येक 200 गीगा बाइट की क्षमता वाले दो ठोस स्थिति रिकार्डरों का वहन करता है।
मिशन | सुदूर संवेदन |
कक्षा | वृत्तीय धृवीय सूर्य तुल्यकाली |
अंतःक्षेपण के समय कक्षा की तुंगता | 822+ 20 कि.मी. (3 सिग्मा) |
कक्षा आनति | 98.731 डिग्री + 0.2 डिग्री |
उत्थापन भार | 1206 कि.ग्रा |
कक्षीय अवधि | 101.35 मि |
प्रतिदिन परिक्रमाओं की संख्या | 14 |
भूमध्य रेखा पार करने का स्थानीय समय | सुबह 10.30 बजे |
पुनरागमन | 24 दिन |
अभिवृत्ति और कक्षा नियंत्रण | प्रतिक्रिया चक्र, चुम्बकीय आघूर्णकों हाइड्राजीन थ्रस्टरों का उपयोग करते हुए 3-अक्षीय स्थिरीकृत पिण्ड |
पावर | कालावधि के अंत में 1250 वा. जनन करनेवाला सौर व्यूह, दो 24 एएच निकल-कैडमीयम बैटरियाँ |
प्रमोचन दिनांक | 20 अप्रैल, 2011 |
प्रमोचन स्थल | शार केन्द्र, श्रीहरिकोटा, भारत |
प्रमोचन राकेट | पी.एस.एल.वी-सी16 |
मिशन कालावधि | 5 वर्ष |
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