पश्चिम बंगाल में शिक्षा
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- पश्चिम बंगाल में 10 विश्वविद्यालयों के साथ अभियांत्रिकी एवं चिकित्सा महाविद्यालय हैं।
- कलकत्ता, जादवपुर और रवींद्र भारती विश्वविद्यालय राजधानी में स्थित हैं।
- यहाँ कई तकनीकी संस्थान और 5,000 से भी ज़्यादा प्रौढ़ शिक्षा केंद्र हैं।
- यहाँ कई ज़िला, क्षेत्रीय और ग्रामीण पुस्तकालयों के साथ- साथ एक केंद्रीय पुस्तकालय भी है।
- साक्षरता दर 69.22 प्रतिशत है और पुरुष- महिला साक्षरता दर के बीच का अंतर राष्ट्रीय औसत से कम है।
- शिक्षण संस्थान
- विधान चन्द्रा कृषि विश्वविद्यालय,
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर,
- भारतीय सांक्ष्यिकीय संस्थान,
- जादवपुर विश्वविद्यालय,
- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मानद विश्वविद्यालय),
- नेताजी सुभाष ओपन विश्वविद्यालय,
- रविन्द्र भारती विश्वविद्यालय,
- रामकृष्ण मिशन विवेकानंद शैक्षिक और अनुसंधान संस्थान (मानद विश्वविद्यालय),
- बंगाल इंजीनियरिंग और विज्ञान विश्वविद्यालय,
- बर्दवान विश्वविद्यालय,
- कलकत्ता विश्वविद्यालय,
- कल्याणी विश्वविद्यालय,
- उत्तरी बंगाल विश्वविद्यालय,
- उत्तर बंगा कृषि विश्वविद्यालय,
- विद्यासागर विश्वविद्यालय,
- विश्वभारती विश्वविद्यालय,
- पश्चिम बंगाल और मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय,
- पश्चिम बंगाल प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय।
कोलकाता के विश्वविद्यालय
मुख्य लेख : कोलकाता के विश्वविद्यालय
शिक्षा लम्बे समय से कोलकाता में उच्च सामाजिक स्तर का परिचायक रही है। यह शहर भारतीय शिक्षा के पुनर्जीवन काल से, जिसकी शुरूआत 19वीं शताब्दी के प्रारम्भिक वर्षों में बंगाल में हुई, शिक्षा का एक केन्द्र रहा है। अंग्रेज़ी शैली का पहला विद्यालय, द हिन्दू कॉलेज (जो बाद में प्रेज़िडेंसी कॉलेज कहलाया) 1817 में स्थापित हुआ। शहर में प्राथमिक शिक्षा का संचालन पश्चिमी बंगाल शासन के द्वारा किया जाता है और नगर निगम द्वारा चलाए जा रहे विद्यालयों में यह निःशुल्क है। बहुत बड़ी संख्या में बच्चे निजी प्रबंधन द्वारा संचालित मान्यता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षा पाते हैं। अधिकांश उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा मण्डल के अधीन हैं और कुछ केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड व भारतीय माध्यमिक शिक्षा परिषद के अधीन हैं।
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