हमें चाहिए
एक नदी
उस मे कूद जाने लिए
एक नदी
उस में तैरने के लिए
एक नदी
उस मे डूब जाने लिए !
एक नदी हम सोचें
अपने आकाश
और उस की सूखती हवा के लिए
एक नदी हम खोजें
अपनी धरती
और उस की तपती मिट्टी के लिए
एक नदी हम पोसें
अपनी ज़िन्दगी
और उस मे गायब हरियाली के लिए
हमे चाहिए
एक नदी
एक मुश्त
अभी
इस चिलचिलाते समय मे
कि पीते रहें उसे किश्तों में
ता उम्र
आहिस्ता , आहिस्ता !
जुलाई 4, 2008