भोजवन में पतझड़ -अजेय

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:03, 10 अप्रैल 2012 का अवतरण (Text replace - "अजेय् की रचनाएँ" to "अजेय की रचनाएँ")
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
भोजवन में पतझड़ -अजेय
कवि अजेय
जन्म स्थान (सुमनम, केलंग, हिमाचल प्रदेश)
बाहरी कड़ियाँ आधिकारिक वेबसाइट
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
अजेय की रचनाएँ

हवा में घुल गया शीत
बेशरम ऐय्यार
छीन रहा वादियों की हरी चुनरी !
लजाती ढलानें
हो रही संतरी
फिर पीली
और भूरी !

मटमैला धूसर आकाश
नदी पारदर्शी
संकरी !

काँप कर सिहर उठी सहसा
कुछ बदरंग पत्तियाँ
छूट उड़ी शाख से
सकुचाती
मेरी खिड़की की काँच से
चिपक रह गई एकाध !

दरवाज़े की झिर्रियों से सेंध मारता
आखिरी अक्तूबर का
वह बदमज़ा अहसास
ज़बरन लिपट गया मुझ से !

लेटी रहेगी
एक कुनकुनी उम्मीद
मेरे बगल में
एक ठण्डी मुर्दा लिहाफ के नीचे
कि फूट जाएगीं कोंपलें
लौट आएगी
अगले मौसम तक
भोजवन में ज़िन्दगी .


नैनगार 18.10.2005


टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख