प्रौद्योगिकी की माया -राजेश जोशी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:00, 14 मई 2013 का अवतरण (Text replace - "कमजोर" to "कमज़ोर")
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
प्रौद्योगिकी की माया -राजेश जोशी
राजेश जोशी
राजेश जोशी
कवि राजेश जोशी
जन्म 18 जुलाई, 1946
जन्म स्थान नरसिंहगढ़, मध्य प्रदेश
मुख्य रचनाएँ 'समरगाथा- एक लम्बी कविता', एक दिन बोलेंगे पेड़, मिट्टी का चेहरा, दो पंक्तियों के बीच, पतलून पहना आदमी धरती का कल्पतरु
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
राजेश जोशी की रचनाएँ

अचानक ही बिजली गुल हो गयी
और बंद हो गया माइक
ओह उस वक्ता की आवाज़ का जादू
जो इतनी देर से अपनी गिरफ्त में बांधे हुए था मुझे
कितनी कमज़ोर और धीमी थी वह आवाज
एकाएक तभी मैंने जाना
उसकी आवाज़ का शासन खत्म हुआ
तो उधड़ने लगी अब तक उसके बोले गये की परतें

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख