शंकर (संगीतकार)

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शंकर (संगीतकार)
शंकर सिंह रघुवंशी
शंकर सिंह रघुवंशी
पूरा नाम शंकर सिंह रघुवंशी
प्रसिद्ध नाम शंकर
जन्म 5 अक्तूबर, 1922
जन्म भूमि हैदराबाद
मृत्यु 26 अप्रॅल 1987 (आयु 64 वर्ष)
मृत्यु स्थान मुम्बई
कर्म-क्षेत्र संगीतकार
मुख्य रचनाएँ मेरी आंखों में बस गया कोई रे, जिया बेकरार है छाई बहार है, मुझे किसी से प्यार हो गया, हवा में उडता जाए मेरा लाल दुपट्टा मलमल का, अब मेरा कौन सहारा, बरसात में हमसे मिले तुम सजन, तुमसे मिले हम, बिछड गई मैं घायल हिरनी आदि
पुरस्कार-उपाधि नौ बार सर्वश्रेष्ठ संगीतकार का फ़िल्मफेयर पुरस्कार
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी शंकर और जयकिशन की जोड़ी ने लगभग 170 से भी ज्यादा फ़िल्मों में संगीत दिया।

शंकर सिंह रघुवंशी (अंग्रेज़ी:Shankar Singh Raghuvanshi, जन्म: 15 अक्टूबर 1922 - मृत्यु: 26 अप्रॅल 1987) भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध संगीतकार थे। इन्होंने अपनी जोड़ी संगीतकार जयकिशन के साथ मिलकर बनाई और शंकर-जयकिशन नाम से प्रसिद्ध हुए।

जीवन परिचय

15 अक्टूबर 1922 को जन्मे शंकर के पिता रामसिंह रघुवंशी मूलत: मध्य प्रदेश के थे और काम के सिलसिले में हैदराबाद में बस गये थे। शंकर को शुरु से ही कुश्ती का शौक था और उनका कसरती बदन बचपन के इसी शौक का परिणाम था। घर के पास के एक शिव मंदिर में पूजा अर्चना के दौरान तबला वादक का वादन भी बचपन में बहुत आकर्षित करता था। तबला बजाने की लगन दिनों दिन बढ़ती गयी। महफ़िलों में तबला बजाते हुए उस्ताद नसीर खान की निगाह उन पर पड़ी और शंकर उनके चेले हो गये। माली हालात ऐसे थे कि ट्यूशन भी करनी पड़ी। कहते हैं कि हैदराबाद में ही एक बार किसी गली से गुजरते हुए तबला सुनकर शंकर एक तवायफ़ के कोठे पर पहुँच गये और तबलावादक को ग़लत बजाने पर टोक दिया। बात बढ़ी तो शंकर ने इस सफ़ाई से बजाकर अपनी क़ाबिलियत का परिचय दिया कि वाह-वाही हो गयी। शंकर अपनी कला को और निखारने के लिए एक नाट्य मंडली में शामिल हो गये, जिसके संचालक मास्टर सत्यनारायण थे और हेमावती ने बम्बई जा कर पृथ्वी थियेटर्स में नौकरी कर ली, तो शंकर भी 75 रुपये प्रतिमाह पर पृथ्वी थियेटर्स में तबलावादक बन गये। पृथ्वी थियेटर्स के नाटकों में कुछ छोटी-मोटी भूमिकाएँ मिलने लगीं और वहीं शंकर ने सितार बजाना भी सीख लिया।[1]



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. शंकर जयकिशन के संगीत का आज भी नहीं है मुकाबला (हिंदी) लाइव हिंदुस्तान। अभिगमन तिथि: 24 जुलाई, 2013।

बाहरी कड़ियाँ

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