साँई मेरा बानियाँ -कबीर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
| ||||||||||||||||||||
|
साँई मेरा बानियाँ, सहजि करै व्यौपार। |
अर्थ सहित व्याख्या
कबीरदास कहते हैं कि मेरा प्रभु अद्भुत व्यापारी है। वह सहज रूप में व्यापार करता है अर्थात् संसार के प्रत्येक व्यक्ति को उसके कर्म के अनुसार फल देता है। उसके न्याय का तराजू ऐसा है जिसमें डाँड़ी और पलड़े के बिना व्यक्ति के भाग का निर्धारण उसके कर्म के अनुसार करता है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख