कबीर बादल प्रेम का -कबीर
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कबीर बादल प्रेम का, हम परि बरस्या आइ। |
अर्थ सहित व्याख्या
कबीरदास कहते हैं कि सद्गुरु के बताये हुए मार्ग से प्रेम का बादल उमड़कर हमारे ऊपर बरसने लगा। हमारी अन्तरात्मा भीग गयी और जीवन रूपी वनराशि हरी हो गयी।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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