राष्ट्रभाषा

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राष्ट्रभाषा राष्ट्र द्वारा मान्यताप्राप्त भाषा जो एक देश की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा होती है, जिसे सम्पूर्ण राष्ट्र में भाषा कार्यों में (जैसे लिखना, पढना और वार्तालाप) के लिए प्रमुखता से प्रयोग में लाया जाता है। वह भाषा जिसमें राष्ट्र के काम किए जाएँ। राष्ट्र के कामधाम या सरकारी कामकाज के लिये स्वीकृत भाषा ही राष्ट्रभाषा कहलाती है। अन्य शब्दों में 'राष्ट्रभाषा' वह भाषा है, जिसे राष्ट्र के समग्र नागरिक अन्य भाषा भाषी होते हुए भी जानते समझते हों और उसका व्यवहार करते हों। महात्मा गाँधी जी की अध्यक्षता में 1918 में इन्दौर में 'हिन्दी साहित्य सम्मेलन' आयोजित हुआ और उसी में पारित एक प्रस्ताव के द्वारा हिन्दी राष्ट्रभाषा मानी गयी। इस प्रस्ताव के स्वीकृत होने के बाद दक्षिण भारत में हिन्दी के प्रचार प्रसार के लिये दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा की भी स्थापना हुयी जिसका मुख्यालय मद्रास में था।[1]

इतिहास

1947 में आजादी मिलने के बाद जब भारतीय संविधान लागू हुआ तो उसके अनुच्छेद 343 के द्वारा भारतीय संघ की भाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी निर्धारित की गयी परन्तु संविधान लागू होने के वर्ष 1950 से 15 वर्ष तक की अवधि 1965 तक के लिये संघ की भाषा के रूप में अंग्रेज़ी का प्रयोग किया जा सकता था। भारतीय संसद को यह अधिकार दिया गया था कि वह चाहे तो संघ की भाषा के रूप में अंग्रेज़ी के प्रयोग की अवधि को बढा सकती थी। वर्ष 1963 में संसद में राजभाषा अधिनियम 1963 पारित करते हुये यह व्यवस्था कर दी थी कि 1971 तक भारतीय संघ के रूप में अंग्रेजी भाषा का उपयोग होता रहेगा। कालान्तर में 1971 की कालावधि समाप्त कर अनिश्चितकाल के लिये इस व्यवस्था को लागू किया गया। संविधान के अनुच्छेद 344 के द्वारा 22 भाषाओं को राजभाषा की मान्यता प्रदान की गयी है। जिनके नाम इस प्रकार है:-

  1. असमिया
  2. बांग्ला
  3. गुजराती
  4. हिन्दी
  5. कन्नड़
  6. कश्मीरी
  7. कोंकणी
  8. मलयालम
  9. मणिपुरी
  10. मराठी
  11. नेपाली
  12. उड़िया
  13. पंजाबी
  14. संस्कृत
  15. सिंधी
  16. तमिल
  17. उर्दू
  18. तेलुगु
  19. बोडो
  20. डोगरी
  21. मैथिली
  22. संथाली
  • सन् 2001 की जनगणना के अनुसार, लगभग 25.79 करोड़ भारतीय हिंदी का उपयोग मातृभाषा के रूप में करते हैं।



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. गांधीजी की अध्यक्षता में हिन्दी साहित्य सम्मलेन का 8वां अधिवेशन सन 1918 में (हिंदी) सर्व सेवा संघ प्रकाशन वाश्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति, इंदौर। अभिगमन तिथि: 4 जून, 2015।

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