वनराज भाटिया

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वनराज भाटिया

वनराज भाटिया (अंग्रेज़ी: Vanraj Bhatia,जन्म- 31 मई, 1927, मुम्बई) भारतीय फ़िल्मों के प्रसिद्ध संगीत निर्देशक रहे हैं। वह अमिताभ बच्चन की फिल्म 'अजूबा' और 'तमस', 'अंकुर', 'मंथन', 'मंडी', 'जुनून' और 'कलयुग' जैसी फिल्मों में संगीत दे चुके हैं। वनराज भाटिया को 1988 में गोविंद निहलानी की फिल्म 'तमस' में सर्वश्रेष्ठ संगीत के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला और 2012 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया।

जन्म

संगीत निर्देशक वनराज भाटिया का जन्म 31 मई, 1927 को बॉम्बे, ब्रिटिश भारत में हुआ था। उन्हें सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुका है। इसके अलावा 2012 में उन्हें पद्मश्री से भी नवाजा जा चुका है। सन 1989 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित वनराज भाटिया ने लंदन स्थित रॉयल एकेडमी ऑफ म्यूजिक से वेस्टर्न क्लासिकल म्युजिक की शिक्षा ली थी।

आर्थिक तंगी

वनराज भाटिया अपने जीवन के अंत समय में आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं। हिंदी फ़िल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता आमिर ख़ान ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा था कि "यह बताते हुए खुशी हो रही है कि म्यूजिक कंपोजर वनराज भाटिया की जिंदगी पर किताब लिखी जाएगी। किताब को खालिद मोहम्मद लिखेंगे। यह किताब मेरे दोस्त दलीप ताहिल की पहल पर लिखी जा रही है"। वनराज भाटिया घुटने में तकलीफ की समस्या से ग्रस्त हैं। सुनने की क्षमता कम हो रही है और धीरे-धीरे उनकी याददाश्त भी कमजोर होती जा रही है।

आमिर ख़ान से पहले वनराज भाटिया की मदद के लिए अभिनेता कबीर बेदी ने लोगों से अपील की थी कि वे वनराज की मदद करें। वहीं निर्देशक श्याम बेनेगल भी यह अपील कर चुके हैं। ज़िंदगीभर की कमाई 2000 की शुरुआत में स्टॉक ट्रेडिंग में गंवा बैठे


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