कविता चौधरी

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कविता चौधरी (अंग्रेज़ी: Kavita Chaudhary, जन्म- 1 जनवरी, 1954; मृत्यु- 15 फ़रवरी, 2024) जानी-मानी टीवी अभिनेत्री, लेखिका और निर्माता-निर्देशक थीं। दूरदर्शन पर एक समय प्रसिद्ध धारावाहिक 'उड़ान' ने उन्हें घर-घर में पहचान दिला दी थी। वह धारावाहिक 'उड़ान' में आईपीएस अधिकारी कल्याणी सिंह के किरदार के लिए जानी जाती थीं। कविता चौधरी पुलिस अधिकारी कंचन चौधरी भट्टाचार्य की छोटी बहन थीं। कविता चौधरी ने दो टेलीविज़न शो भी बनाये थे- 'योर ऑनर' और 'आईपीएस डायरीज़'।

परिचय

कविता चौधरी का जन्म 1 जनवरी, 1954 को अमृतसर, पंजाब में हुआ था। उन्होंने 1970 के दशक की शुरुआत में अपने अभिनय कॅरियर की शुरुआत की और वह जल्द ही भारत की सबसे लोकप्रिय अभिनेत्रियों में से एक बन गईं। उन्होंने कई फिल्मों और टेलीविजन शो में अभिनय किया, जिनमें 'उड़ान', 'हम लोग' और 'ललिताजी' शामिल हैं।

=पहचान

साल 1989 में 'उड़ान' प्रसारित हुआ था और इस शो में कविता चौधरी ने आईपीएस अधिकारी कल्याणी सिंह की भूमिका निभाई थी। उन्होंने शो लिखा और निर्देशित भी किया था। ये शो एक्ट्रेस की बहन कंचन चौधरी भट्टाचार्य के जीवन पर आधारित था, जो किरण बेदी के बाद दूसरी आईपीएस अधिकारी बनीं। उस समय कविता चौधरी को महिला सशक्तिकरण के प्रतीक के रूप में प्रतिष्ठित किया गया था, क्योंकि फिल्मों और टेलीविजन में महिला आईपीएस अधिकारियों का ज्यादा प्रतिनिधित्व नहीं था।[1]

धारावाहिक निर्माण

बाद के दिनों में अपने कॅरियर में कविता चौधरी ने 'योर ऑनर' और 'आईपीएस डायरीज' जैसे शो का निर्माण किया।

मात्र एक विज्ञापन

कविता चौधरी को साल 1980 और 1990 के दशक में सर्फ के विज्ञापन में ललिताजी की भूमिका निभाने के लिए भी जाना जाता था। यहां उन्होंने एक बुद्धिमान गृहिणी की भूमिका निभाई जो अपने पैसे खर्च करते समय विवेकपूर्ण है और हमेशा सही चुनाव करती है। कोरोना महामारी के दौरान दूरदर्शन पर 'उड़ान' का दोबारा प्रसारण हुआ था। उस समय स्मृति ईरानी ने कहा था, "कुछ लोगों के लिए यह सिर्फ एक धारावाहिक था, मेरे लिए यह खुद को उन स्थितियों से मुक्त करने का आह्वान था, जिनसे पार पाना मुझे असंभव लगता था"।

मृत्यु

कविता चौधरी का निधन 15 फ़रवरी, 2024 को अमृतसर, पंजाब में हुआ। उनकी 67 साल की उम्र में मृत्यु हुई। उनके परिजनों का कहना था कि हार्ट अटैक (हृदयाघात) की वजह से उनकी मौत हुई। कविता चौधरी लम्बे समय से बीमार चल रही थीं और अमृतसर के पार्वती देवी अस्पताल में भर्ती थीं। रात 8.30 बजे अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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