दिल्ली पर्यटन

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दिल्ली पर्यटन
विवरण दिल्ली देश के उत्तरी मध्य भाग में गंगा की एक प्रमुख सहायक यमुना नदी के दोनों तरफ बसी है। दिल्ली भारत का तीसरा बड़ा शहर है। यह एक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली है।
भौगोलिक स्थिति उत्तर- 28°36′36, पूर्व- 77°13′48
मार्ग स्थिति दिल्ली, राष्ट्रीय राजमार्ग 2 से वाराणसी, इलाहाबाद, कानपुर और आगरा के रास्ते कोलकता से जुड़ी है। राष्ट्रीय राजमार्ग 8 से सूरत, अहमदाबाद, उदयपुर, अजमेर और जयपुर के रास्ते मुंबई से जुड़ी है। राष्ट्रीय राजमार्ग 1 से जालंधर, लुधियाना और अंबाला होते हुए अमृतसर और राष्ट्रीय राजमार्ग 24 से रामपुर और मुरादाबाद के रास्ते लखनऊ से जुड़ी है।
हवाई अड्डा इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा
रेलवे स्टेशन पुरानी दिल्ली, नई दिल्ली, हज़रत निज़ामुद्दीन
बस अड्डा आई.एस.बी.टी, सराय काले ख़ाँ, आनंद विहार
यातायात साईकिल रिक्शा, ऑटो रिक्शा, टैक्सी, लोकल रेल, मेट्रो रेल, बस
क्या देखें दिल्ली पर्यटन
कहाँ ठहरें होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह
क्या खायें पंजाबी खाना, चाट, पराठें वाली गली के 'पराठें'
एस.टी.डी. कोड 011
सावधानी आतंकवादी गतिविधियों से सावधान, लावारिस वस्तुओं को ना छुएं, शीत ऋतु में कोहरे से और ग्रीष्म ऋतु में लू से बचाव करें।
गूगल मानचित्र, इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा
संबंधित लेख लाल क़िला, इण्डिया गेट, जामा मस्जिद, राष्ट्रपति भवन उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सैना
मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल
अन्य जानकारी दिल्ली राज्य का राजकीय पक्षी घरेलू गौरैया (House Sparrow) है।
बाहरी कड़ियाँ अधिकारिक वेबसाइट
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पर्यटन

दिल्‍ली एक आकर्षक पर्यटन स्थल है। दिल्‍ली में मंदिरों से लेकर मॉल तक, क़िलों से लेकर उद्यान और अनेक ऐतिहासिक इमारतें और हैं जो इतिहास की जीवंत निशानियाँ हैं। प्रतिवर्ष लाखों सैलानी दिल्‍ली आते हैं और यहाँ की मिश्रित संस्‍कृति को जानने की कोशिश करते हैं।

लोटस मंदिर

  • लोटस टैंपल कालकाजी मंदिर के पीछे स्थित है।
  • लोटस टैंपल को बहाई प्रार्थना केंद्र या कमल मंदिर के नाम से जाना जाता है।

जामा मस्जिद

  • जामा मस्जिद लाल क़िले से 500 मीटर की दूरी पर स्थित है।
  • जामा मस्जिद भारत की सबसे बड़ी मस्जिद है।

लाल क़िला

लाल क़िले की नींव शाहजहां के शासन काल में पड़ी थी। इसे पूरा होने में 9 साल का समय लगा। अधिकांश इस्लामिक इमारतों की तरह यह किला भी अष्टभुजाकार है। उत्तर में यह किला सलीमगढ़ क़िले से जुड़ा हुआ है। लाहौरी गेट के अलावा यहां प्रवेश का दूसरा द्वार हाथीपोल है। इसके बारे में माना जाता है कि यहां पर राजा और उनके मेहमान हाथी से उतरते थे। लाल क़िले के अन्य प्रमुख आकर्षण हैं मुमताज महल, रंग महल, खास महल, दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, हमाम और शाह बुर्ज। यह किला भारत की शान है। इसी क़िले पर स्वतंत्रता दिवस के दिन भारत के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और भाषण देते हैं।

हुमायूँ का मक़बरा

  • हुमायूँ एक महान मुग़ल बादशाह था जिसकी मृत्यु शेर मंडल पुस्तकालय की सीढ़ियों से गिर कर हुई थी।
  • हुमायूँ का मक़बरा उनकी पत्नी हाजी बेग़म ने हुमायूँ की याद में बनवाया था।

पुराना क़िला

  • पुराना क़िले का निर्माण सूर वंश के संस्थापक शेर शाह सूरी ने 16वीं में करवाया था।
  • 1539-1540 में शेरशाह सूरी ने अपने चिर प्रतिद्वंद्वी मुग़ल बादशाह हुमायूँ को हराकर दिल्ली और आगरा पर कब्ज़ा कर लिया।

जंतर मंतर

  • जंतर मंतर का निर्माण 1724 में सवाई जय सिंह द्वितीय ने करवाया था।
  • यह इमारत प्राचीन भारत की वैज्ञानिक उन्नति की मिसाल है।

क़ुतुब मीनार

  • कुतबुद्दीन ऐबक ने 1199 में क़ुतुब मीनार का निर्माण शुरु करवाया था और इल्तुतमिश ने 1368 में इसे पूरा कराया।
  • इस इमारत का नाम ख़्वाजा कुतबुद्दीन बख्तियार काकी के नाम पर रखा गया।

इंडिया गेट

  • इंडिया गेट राजपथ पर स्थित है। इंडिया गेट का निर्माण प्रथम विश्व युद्ध और अफ़गान युद्ध में मारे गए 90,000 भारतीय सैनिकों की याद में कराया गया था।
  • इंडिया गेट 160 फीट ऊँचा है, इंडिया गेट दिल्ली का पहला दरवाजा माना जाता है।

राजघाट

यमुना नदी के पश्चिमी किनारे पर महात्मा गांधी की समाधि स्थित है। काले संगमरमर से बनी इस समाधि पर उनके अंतिम शब्द हे राम उद्धृत हैं। अब यह एक खूबसूरत बाग का रूप ले चुका है। यहां पर खूबसूरत फव्वारे और अनेक प्रकार के पेड़ लगे हुए हैं। यहां पास ही शांति वन में भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की समाधि भी है। भारत आने वाले विदेशी उच्चाधिकारी महात्मा गांधी को श्रद्धांजली देने के लिए राजघाट अवश्य आते हैं।

मुग़ल बगीचा

मुग़ल गार्डन राष्ट्रपति भवन में स्थित है और देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। इसका डिजाइन सर एडविन लुटियंस ने लेडी हार्डिग के लिए बनाया था। 13 एकड़ में फैले इस गार्डन में मुग़ल और ब्रिटिश शैली का मिश्रण दिखाई देता है। यहां कई छोटे-बड़े बगीचे हैं जैसे पर्ल (मोती) गार्डन, बटरफ्लाय (तितली) गार्डन और सकरुलर (वृताकार) गार्डन। बटरफ्लाय गार्डन में फूलों के पौधों की बहुत सी पंक्तियां लगी हुई हैं। यह माना जाता है कि तितलियों को देखने के लिए यह जगह सर्वोत्‍तम है। मुग़ल गार्डन में अनेक प्रकार के फूल देखे जा सकते हैं जिसमें गुलाब,गेंदा,स्वीट विलियम आदि शामिल हैं। इस बाग में फूलों के साथ-साथ जड़ी-बूटियां और औषधियां भी उगाई जाती हैं। मुग़ल गार्डन फरवरी में पर्यटकों के लिए खुलता है।

चिड़ियाघर या राष्ट्रीय प्राणी उद्यान

दिल्ली का चिड़ियाघर एशिया के सबसे अच्छे चिड़ियाघरों में एक है। यह पुराने क़िले के पास ही स्थित है। 1959 में बने इस चिड़ियाघर का डिजाइन श्रीलंका के मेजर वाइनमेन और पश्चिम जर्मनी के कार्ल हेगलबेक ने बनाया था। 214 एकड़ में फैले इस जैविक उद्यान में जानवरों और पक्षियों की 22000 प्रजातियां और 200 प्रकार के पेड़ हैं। यहां पर ऑस्टेलिया, अफ्रीका, अमेरिका और एशिया से लाए गए पशु-पक्षी भी देखे जा सकते हैं। चिड़ियाघर में एक पुस्तकालय भी है जहां से पेड़,पौधों,पशु-पक्षियों के बारे में जानकारी ली जा सकती है।

समय: गर्मियां में सुबह 8-शाम 6 बजे तक, सर्दियों में सुबह 9-शाम 5 बजे तक शुक्रवार को बंद रहता है और खाने पीने की चीजें लाना मना है

हस्तशिल्प संग्रहालय

क्राफ्ट म्यूजियम प्रगति मैदान में स्थित दिल्ली का प्रमुख पर्यटक स्थल है। इस संग्रहालय में भारत की समृद्ध हस्तशिल्प परंपरा को प्रदर्शित किया गया है। देश के विभिन्‍न राज्‍यों की सांस्‍कृतिक झलक यहां देखी जा सकती है। इस जगह देश के विभिन्न भागों से आए शिल्पकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। इस संग्रहालय में देशभर से लाए गए दुर्लभ कला और हस्त शिल्प का विस्‍तृत संग्रह है। यहां आदिवासी और ग्रामीण शिल्प,कपड़ों आदि से संबंधित अलग-अलग दीर्घाएं हैं। क्राफ्ट म्यूजियम में क्राफ्ट म्यूजियम शॉप भी है। संग्रहालय और शिल्पकारों से पूजा का सामान, गहने, शॉल और किताबें खरीदी जा सकती हैं। समय: जुलाई से सितंबर सुबह 9.30-शाम 5 बजे तक अक्टूबर से जून सुबह 9.30-शाम 6 बजे तक, सोमवार और राष्ट्रीय अवकाश के दिन बंद

राष्ट्रीय संग्रहालय

1960 में निर्मित इस संग्रहालय में भारतीय सभ्यता के विकास से संबंधित चीजों को प्रदर्शित किया गया है। इसमें से कुछ चीजें प्रागेतिहासिक काल की हैं। यहां चोल काल के पत्थर और कांसे से बनी मूर्तियां रखी हुई हैं। यहां विश्‍व के सर्वाधिक लघु चित्रों का संग्रह है। इसके अलावा घर की सजावट और गहनों का प्रदर्शित करती दीर्घाएं भी यहां हैं। इस राष्ट्रीय संग्रहालय में एक संरक्षण प्रयोगशाला है। इस प्रयोगशाला में अनेक कलाकृतियों को संभाल कर रखा जाता है और छात्रों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है।

भारतीय रेल संग्रहालय

दक्षिण दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके में स्थित रल संग्रहालय भारतीय रेल के 140 साल के इतिहास की ालक प्रस्तुत करता है। विभिन्न प्रकार के रेल इंजनों को देखने के लिए देश भर से लाखों पर्यटक यहां आते हैं। यहां पर रेल इंजनों के अनेक मॉडल और कोच हैं जिसमें भारत की पहली रेल का मॉडल और इंजन भी शामिल हैं। इसका निर्माण ब्रिटिश वास्तुकार एम जी सेटो ने 1957 में किया था। 10 एकड़ में फैले इस संग्रहालय में एक टॉय रेल भी है जहां सैर का आनंद लिया जा सकता है। इसके अलावा यहां रेस्टोरेंट और बुक स्टॉल है। तिब्बती हस्तशिल्प का प्रदर्शन भी यहां किया गया है। समय: गर्मियों में सुबह 9.30-शाम 7 बजे तक, सर्दियों में सुबह 9.30-शाम 5 बजे तक

चाँदनी चौक

दिल्‍ली आने वाले किसी भी व्‍यक्ति की यात्रा तब तक पूरी नहीं हो सकती जब तक वह चांदनी चौक न जाए। यह दिल्‍ली के थोक व्‍यापार का प्रमुख केंद्र है। पुराने समय में तुर्की, चीन और हॉलैंड के व्‍यापारी यहां व्‍यापार करने आते थे। यह मुग़ल काल में प्रमुख व्‍यवसायिक केंद्र था। इसका डिजाइन शाहजहां की पुत्री जहांआरा बेगम ने बनाया था। यहां की गलियां संकरी हैं। इसलिए यहां गा‍ड़ी लेकर न आने की सलाह दी जाती है।

कनॉट प्लेस

कनॉट प्‍लेस दिल्‍ली का प्रमुख व्‍यवसायिक केंद्र है। इसका नाम ब्रिटेन के शाही परिवार के सदस्‍य ड्यूक ऑफ कनॉट के नाम पर रखा गया था। इस मार्केट का डिजाइन डब्‍ल्‍यू एच निकोल और टॉर रसेल ने बनाया था। यह मार्केट अपने समय की भारत की सबसे बड़ी मार्केट थी। अपनी स्‍थापना के 65 साल बाद भी यह दिल्‍ली में खरीदारी का प्रमुख केंद्र है। यहां के इनर सर्किल में लगभग सभी अंतर्राष्‍ट्रीय ब्रैंड के कपड़ों के शोरूम, रेस्‍टोरेंट और बार हैं। यहां किताबों की दुकानें भी हैं जहां आपको भारत के बारे में जानकारी देने वाली बहुत अच्‍छी किताबें मिल जाएंगी।

जनपथ और पालिका बाज़ार

बंटवारे के बाद यहां आए शरणार्थियों और तिब्‍बती शरणार्थियों ने यहां अपनी दुकानें बनाकर इस मार्केट को बसाया। यहां आपको सस्‍ते कपड़े मिल जाएंगे लेकिन इसके लिए मोल भाव करना आना चाहिए। जनपथ में सेंट्रल कॉटेज इंडस्‍ट्रीज एंपोरियम है। इसके पास ही जवाहर व्‍यापार भवन है जहां भारतीय हस्‍तशिल्‍प का सामान देखा और खरीदा जा सकता है।  पालिका बाजार भूमिगत बाजार है। यहां करीब 400 दुकानें हैं जहां कम कीमत पर कपड़े और बिजली का सामान मिल जाता है लेकिन यहां भी बहुत मोल भाव करना पड़ता है।

दिल्ली हाट

दिल्‍ली हाट एम्‍स से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है। यहां पर आकर संपूर्ण भारत के एक साथ दर्शन हो जाते हैं। यहां पर भारत के विभिन्‍न प्रांतों के हस्‍तशिल्‍प को प्रदर्शित करती दुकानें हैं। दक्षिण भारतीय व्‍यंजन से लेकर सुदूर उत्‍तर पूर्व के खाने के स्‍टॉल भी यहां मिल जाते हैं। यहां समय समय पर सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। यहां आप नृत्‍य और संगीत का भी आनंद उठा सकते हैं।


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