प्रयोग:Shilpi1
संज्ञा के उस रूप को लिंग कहते हैं, जिसके द्वारा वाचक शब्दों की जाति का बोध होता है।
भेद
हिन्दी में केवल दो लिंग होते हैं-
पुल्लिंग
- जो संज्ञापद पुरुष वर्ग के वाचक होते हैं, उन्हें पुल्लिंग कहते हैं।
- जैसे:- लड़का, आदमी, घोड़ा, शेर, बकरा, राजा आदि।
स्त्रीलिंग
- जो संज्ञापद स्त्री वर्ग के वाचक होते हैं, उन्हें स्त्रीलिंग कहते हैं।
- जैसे:- लड़की, औरत, घोड़ी, शेरनी, बकरी, रानी आदि।
पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने के नियम
- सम्बन्धवाचक तथा प्राणिवाचक आकारान्त पुल्लिंग संज्ञाओं के अन्त में 'ई' लगाकर अथवा अ या आ के स्थान पर 'ई' कर देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं। जैसे-
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- कुछ आकारान्त पुल्लिंग संज्ञाओं के अन्त में 'इया' लगा देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं। जैसे-
बूढ़ा – बुढ़िया,
बेटा – बिटिया,
कुत्ता – कुतिया,
चूहा – चुहिया
- कुछ प्राणिवाचक संज्ञाओं के अन्त में 'इन' लगा देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं। जैसे-
साँप – साँपिन, बाघ – बाघिन, नाग – नागिन, नाती – नातिन
- किसी व्यवसाय अथवा पेशे का बोध कराने वाली पुल्लिंग संज्ञाओं के अन्त में भी 'इन' लगा देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं। जैसे-
माली – मालिन, नाई – नाइन, चमार – चमारिन, लुहार – लुहारिन
- कुछ प्राणिवाचक पुल्लिंग संज्ञाओं के अन्त में 'नी' जोड़ देने से भी स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं। जैसे-
सिंह – सिंहनी, शेर – शेरनी, ऊँट – ऊँटनी, मोर – मोरनी
- कुछ पुल्लिंग संज्ञाओं के अन्त में 'आनी' जोड़ देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं। जैसे-
सेठ – सेठानी, चौधरी – चौधरानी, देवर – देवरानी, नौकर – नौकरानी
- कुछ पुल्लिंग संज्ञाओं के अन्त में 'आइन' जोड़ देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं। जैसे-
पंडित – पंडिताइन, ठाकुर – ठकुराइन, चौधरी – चौधराइन
- कुछ पुल्लिंग संज्ञाओं के स्त्रीलिंग पद पूर्णतया भिन्न होते हैं। जैसे-
पुरुष – स्त्री, मर्द – औरत, पिता – माता, बाप – माँ
- कुछ पुल्लिंग संज्ञाओं के पहले 'मादा' लगाकर स्त्रीलिंग पद बनाये जाते हैं। जैसे-
भालू – मादा भालू, भेड़िया – मादा भेड़िया, खरगोश – मादा खदगोश
- कुछ स्त्रीलिंग संज्ञाओं के पहले 'नर' लगाकर पुल्लिंग पद भी बनाये जाते हैं। जैसे-
मछली – नर मछली, छिपकली – नर छिपकली, चील – नर चील
- कुछ स्त्रीलिंग संज्ञाओं के आगे 'आ' जोड़कर भी पुल्लिंग पद बना लिये जाते हैं। जैसे-
भैंस – भैंसा, भेड़ – भेड़ा, मौसी – मौसा, जीजी – जीजा
विशेष
- जिन पदों पर साधारणतया पुरुष वर्ग ही आसीन होता रहा है, उनके सूचक संज्ञा पदों को पुल्लिंग ही माना जाता है, चाहे उन पर स्त्रियाँ ही आसीन क्यों न हो।
- उदाहरण
राष्ट्रपति, राज्यपाल, मंत्री, ज़िलाधिकारी, सिपाही, पटवारी आदि।
- जाति, उपजाति, देश, देशवासी, सागर, वार और ग्रह के सूचक शब्द पुल्लिंग होते हैं।
- जाति
ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र, हिन्दू, मुसलमान, ईसाई आदि।
- उपजाति
मिश्र, पांडेय, कायस्थ, खन्ना, कपूर, अग्रवाल आदि।
- देश
भारत, जापान, चीन, रूस, अमेरिका आदि।
- देशवासी
भारतीय, चीनी, जापानी, रूसी, बर्मी आदि।
- सागर
हिन्द, प्रशान्त, लाल, काला, भूमध्य आदि।
- वार
- ग्रह
- पृथ्वी, तिथि, राशि, नदी और भाषा के सूचक शब्द स्त्रीलिंग होते हैं।
- पृथ्वी
धरती, मही, वसुन्धरा।
- तिथि
परिवा, दौज, तीज, चौथ, अमावस्या, पूर्णिमा।
- राशि
कुम्भ, मीन, तुला, सिंह।
- नदी
- भाषा
हिन्दी, अंग्रेज़ी, उर्दू, मराठी, गुजराती।
- अंगवाचक शब्द व्यवहार के अनुसार कुछ पुल्लिंग और कुछ स्त्रीलिंग माने जाते हैं। जैसे-
- पुल्लिंग
हाथ, पैर, मस्तक, सिर, बाल, पेट, घुटना, पलक, होठ, दाँत, कण्ठ, गाल, पंजा, अंगूठा, नाखून।
- स्त्रीलिंग
नाक, आँख, जीभ, पुतली, छाती, पीट, जाँघ, गुदा, एड़ी, हथेली, कुहनी, टाँग, कमर, उँगली, कलाई।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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