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'''सीमेंट उद्योग''' [[कच्चा माल]] आधारित उद्योग है। सीमेंट को भवन निर्माण की प्रमुख सामग्री के रूप में मान्यता प्राप्त है। उत्पादन एवं वितरण प्रतिरूप की दृष्टि से भारत का तमिलनाडु राज्य सर्वाधिक सीमेंट उत्पादक राज्य है। यहाँ के प्रमुख कारखाने तलैयूथ, शंकरीदुर्ग, डालमियापुरम्, [[तिरुनेल्वेलि]], तुलुकापट्टी, अलंगुलम, पुलायुर, मधुक्करई राजमलायम आदि है।
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'''सीमेंट उद्योग''' कच्चा माल आधारित उद्योग है। सीमेंट को भवन निर्माण की प्रमुख सामग्री के रूप में मान्यता प्राप्त है। उत्पादन एवं वितरण प्रतिरूप की दृष्टि से भारत का तमिलनाडु राज्य सर्वाधिक सीमेंट उत्पादक राज्य है। यहाँ के प्रमुख कारखाने तलैयूथ, शंकरीदुर्ग, डालमियापुरम्, [[तिरुनेल्वेलि]], तुलुकापट्टी, अलंगुलम, पुलायुर, मधुक्करई राजमलायम आदि है।
 
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*विश्व में सबसे पहले आधुनिक ढंग की सीमेंट का निर्माण 1824 में [[ब्रिटेन]] के 'पोर्टलैण्ड' नामक स्थान पर किया गया था। जिसके नाम पर आज भी इसें 'पोर्टलैण्ड सीमेंट' कहा जाता है।  
 
*विश्व में सबसे पहले आधुनिक ढंग की सीमेंट का निर्माण 1824 में [[ब्रिटेन]] के 'पोर्टलैण्ड' नामक स्थान पर किया गया था। जिसके नाम पर आज भी इसें 'पोर्टलैण्ड सीमेंट' कहा जाता है।  
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*[[1912]]-[[1913|13]] की अवधि में 'इण्डियन सीमेंट कं. लि.' द्वारा [[गुजरात]] के [[पोरबन्दर]] नामक स्थान पर कारखाने की स्थापना की गयी, जिससे [[अक्टूबर]] [[1914]] में उत्पादन प्रारम्भ हुआ।  
 
*प्रथम विश्व युद्ध काल में ही 'किलिक निक्सन कं.' द्वारा [[राजस्थान]] के लाखेरा-बूंदी तथा खटाऊ कं. द्वारा [[मध्य प्रदेश]] के कटनी नामक स्थान पर सीमेंट कारखाने स्थापित किये गये।  
 
*प्रथम विश्व युद्ध काल में ही 'किलिक निक्सन कं.' द्वारा [[राजस्थान]] के लाखेरा-बूंदी तथा खटाऊ कं. द्वारा [[मध्य प्रदेश]] के कटनी नामक स्थान पर सीमेंट कारखाने स्थापित किये गये।  
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==सीमेंट निर्माण==
 
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सीमेंट के निर्माण के लिए भारी मात्रा में कच्चे माल का प्रयोग किया जाता है, जिसमें चूना, पत्थर, [[जिप्सम]] तथा [[कोयला]] प्रमुख है। इनकी ढुलाई पर आने वाले अधिक खर्च को बचाने के लिए सीमेंट कारखाने प्रायः कच्चे माल के क्षेत्रों के समीप ही स्थापित किये जाते हैं। वर्तमान समय में [[लौह इस्पात उद्योग]] की भट्टियों से निकलने वाले कचरे (स्लैग) का भी सीमेंट निर्माण में प्रयोंग किया जाने लगा है। भारत में प्रति व्यक्ति सीमेंट का उपभोग अन्य विकसित देशों की अपेक्षा बहुत कम है। [[1985]] में जहाँ भारत में 40 किग्रा. प्रति व्यक्ति उपभोग किया जाता था, वहीं [[जापान]] में 631 किग्रा., स्विटजरलैण्ड में 546 किग्रा. पूर्व सोवियत संघ में 383 किग्रा. तथा बेल्जियम में 763 किग्रा., प्रति व्यक्ति उपभोग होता था। [[2006]]-[[2007|07]] में देश में कुल 1547 लाख मीट्रिक टन सीमेंट का उत्पादन हुआ।
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सीमेंट के निर्माण के लिए भारी मात्रा में [[कच्चा माल|कच्चे माल]] का प्रयोग किया जाता है, जिसमें चूना, पत्थर, [[जिप्सम]] तथा [[कोयला]] प्रमुख है। इनकी ढुलाई पर आने वाले अधिक खर्च को बचाने के लिए सीमेंट कारखाने प्रायः कच्चे माल के क्षेत्रों के समीप ही स्थापित किये जाते हैं। वर्तमान समय में [[लौह इस्पात उद्योग]] की भट्टियों से निकलने वाले कचरे (स्लैग) का भी सीमेंट निर्माण में प्रयोंग किया जाने लगा है। भारत में प्रति व्यक्ति सीमेंट का उपभोग अन्य विकसित देशों की अपेक्षा बहुत कम है। [[1985]] में जहाँ भारत में 40 किग्रा. प्रति व्यक्ति उपभोग किया जाता था, वहीं [[जापान]] में 631 किग्रा., स्विटजरलैण्ड में 546 किग्रा. पूर्व सोवियत संघ में 383 किग्रा. तथा बेल्जियम में 763 किग्रा., प्रति व्यक्ति उपभोग होता था। [[2006]]-[[2007|07]] में देश में कुल 1547 लाख मीट्रिक टन सीमेंट का उत्पादन हुआ।
  
 
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सीमेंट का कारख़ाना, तमिलनाडु

सीमेंट उद्योग कच्चा माल आधारित उद्योग है। सीमेंट को भवन निर्माण की प्रमुख सामग्री के रूप में मान्यता प्राप्त है। उत्पादन एवं वितरण प्रतिरूप की दृष्टि से भारत का तमिलनाडु राज्य सर्वाधिक सीमेंट उत्पादक राज्य है। यहाँ के प्रमुख कारखाने तलैयूथ, शंकरीदुर्ग, डालमियापुरम्, तिरुनेल्वेलि, तुलुकापट्टी, अलंगुलम, पुलायुर, मधुक्करई राजमलायम आदि है।

कारखानों की स्थापना

  • विश्व में सबसे पहले आधुनिक ढंग की सीमेंट का निर्माण 1824 में ब्रिटेन के 'पोर्टलैण्ड' नामक स्थान पर किया गया था। जिसके नाम पर आज भी इसें 'पोर्टलैण्ड सीमेंट' कहा जाता है।
  • भारत में आधुनिक ढंग की सीमेंट बनाने का पहला कारख़ाना 1904 में चेन्नई में लगाया गया, जो असफल रहा।
  • 1912-13 की अवधि में 'इण्डियन सीमेंट कं. लि.' द्वारा गुजरात के पोरबन्दर नामक स्थान पर कारखाने की स्थापना की गयी, जिससे अक्टूबर 1914 में उत्पादन प्रारम्भ हुआ।
  • प्रथम विश्व युद्ध काल में ही 'किलिक निक्सन कं.' द्वारा राजस्थान के लाखेरा-बूंदी तथा खटाऊ कं. द्वारा मध्य प्रदेश के कटनी नामक स्थान पर सीमेंट कारखाने स्थापित किये गये।
  • 1934 में देश में सीमेंट का उत्पादन बढ़ाने के लिए एसोसिएटेड सीमेंट कं. लि. की स्थापना की गयी।
  • 1950-51 में भारत में जहाँ मात्र 21 कारखानों में सीमेंट का उत्पादन किया जाता था वहीं वर्तमान में इनकी संख्या बढ़कर 144 हो गयी है।

सीमेंट निर्माण

सीमेंट के निर्माण के लिए भारी मात्रा में कच्चे माल का प्रयोग किया जाता है, जिसमें चूना, पत्थर, जिप्सम तथा कोयला प्रमुख है। इनकी ढुलाई पर आने वाले अधिक खर्च को बचाने के लिए सीमेंट कारखाने प्रायः कच्चे माल के क्षेत्रों के समीप ही स्थापित किये जाते हैं। वर्तमान समय में लौह इस्पात उद्योग की भट्टियों से निकलने वाले कचरे (स्लैग) का भी सीमेंट निर्माण में प्रयोंग किया जाने लगा है। भारत में प्रति व्यक्ति सीमेंट का उपभोग अन्य विकसित देशों की अपेक्षा बहुत कम है। 1985 में जहाँ भारत में 40 किग्रा. प्रति व्यक्ति उपभोग किया जाता था, वहीं जापान में 631 किग्रा., स्विटजरलैण्ड में 546 किग्रा. पूर्व सोवियत संघ में 383 किग्रा. तथा बेल्जियम में 763 किग्रा., प्रति व्यक्ति उपभोग होता था। 2006-07 में देश में कुल 1547 लाख मीट्रिक टन सीमेंट का उत्पादन हुआ।

सीमेंट कारखाने

  1. तमिलनाडु- तलैयूथ, तिरुनलवैली, अलंगुलम, तिरुनेल्वेलि, तुलुकापट्टी, राजमलायम, शंकरीदुर्ग, पुलायुर, मधुक्करी आदि।
  2. झारखण्ड- सिन्दरी, बन्जारी, जौबास, खिलारी, जापला, तथा कल्याणपुर।
  3. बिहार- डालमिया नगर।
  4. मध्य प्रदेश- कैमूर, कटनी, सतना, नियोर, ग्वालियर, जबलपुर, मंधार, दमोह, इटारसी आदि।
  5. छत्तीसगढ़- दुर्ग, बनमोर, रायपुर, आदि।
  6. गुजरात- सिक्का (जामनगर), अहमदाबाद, द्वारिका, पोरबन्दर, सिवालिया, रानाबाव, ओखामण्डल।
  7. कर्नाटक- बंगलोर, शाहाबाद, भद्रावती, बागलकोट, कुरकुन्ता तथा बीजापुर
  8. आंध्र प्रदेश- गुंटूर, कुर्नूल, मंगलागिरि, माछरेला, बसन्त नगर, मांचेरियल, पनियाम, कृष्णा तथा विजयवाड़ा
  9. राजस्थान- लखेरी, सवाई माधोपुर, चित्तौड़गढ़, चुरू, निम्बाहेड़ा, व्यावर, उदयपुर, मेड़क।
  10. हरियाणा- सूरजपुर तथा डालमिया दाद्री।
  11. केरल- कोट्टायम
  12. उत्तर प्रदेश- चुर्क, चोपन, कानपुर तथा डाला।
  13. उड़ीसा- राजगंगपुर, हीराकुंड।
  14. महाराष्ट्र- चन्द्रपुर
  15. जम्मू कश्मीर- बूयान।


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