एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "१"।

"गजानन" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 37: पंक्ति 37:
 
{{शिव2}}
 
{{शिव2}}
 
{{शिव}}
 
{{शिव}}
[[Category:पौराणिक कोश]]
+
[[Category:गणेश]]
[[Category:हिन्दू भगवान अवतार]]
+
[[Category:पर्यायवाची कोश]]
[[Category:हिन्दू_देवी-देवता]]
 
[[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]]
 
  
[[Category:नया पन्ना]]
 
 
__INDEX__
 
__INDEX__

11:07, 21 अगस्त 2010 का अवतरण

गणेश
Ganesha
  • शिव और पार्वती पुत्र भगवान गणेश का ही नाम गजानन है।
  • लिंग पुराण के अनुसार एक बार देवताओं ने भगवान शिव की उपासना करके उनसे सुरद्रोही दानवों के दुष्टकर्म में विघ्न उपस्थित करने के लिये वर माँगा। आशुतोष शिव ने 'तथास्तु' कहकर देवताओं को संतुष्ट कर दिया। समय आने पर गणेश जी का प्राकट्य हुआ। उनका मुख हाथी के समान था और उनके एक हाथ में त्रिशूल तथा दूसरे में पाश था। देवताओं ने सुमन-वृष्टि करते हुए गजानन के चरणों में बार-बार प्रणाम किया। भगवान शिव ने गणेश जी को दैत्यों के कार्यों में विघ्न उपस्थित करके देवताओं और ब्राह्मणों का उपकार करने का आदेश दिया।
  • द्वापर युग में उनका वर्ण लाल है। वे चार भुजाओं वाले और मूषक वाहनवाले हैं तथा गजानन नाम से प्रसिद्ध हैं।
  • किसी नवजात शिशु का मस्तक उसके धड़ से लगा दो। एक गजराज का नवजात शिशु मिला उस समय। उसी का मस्तक पाकर वह बालक गजानन हो गया।

भगवान गणेश के अन्य नाम

अन्य सम्बंधित लेख


  1. विघ्नराज
  2. द्वैमातुर
  3. गणाधिप
  4. एकदन्त
  5. हेरम्ब
  6. लम्बोदर
  7. विनायक
  8. सुमुख
  9. कपिल
  10. गजकर्णक
  11. विकट
  12. विघ्ननाशक
  13. धूम्रकेतु
  14. गणाध्यक्ष
  15. भालचन्द्र
  16. गांगेय
  17. रक्तवर्ण
  18. शूर्पकर्ण
पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

सम्बंधित लिंक